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मनेन्द्रगढ़ के जंगलों में लगी भीषण आग, सागौन के कई पेड़ आए चपेट में, वन विभाग पर लापरवाही का आरोप

Fire breaks out in Manendragarh forest: मनेन्द्रगढ़ के जंगलों में पिछले कई दिनों से आग लगी हुई है. इस आग की चपेट में आकर कई सागौन के पेड़ जलकर खाक हो गए.

Fire breaks out in Manendragarh
मनेन्द्रगढ़ के जंगल में आग

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Mar 10, 2024, 6:48 PM IST

मनेंद्रगढ़ के जंगलों में लगी आग

मनेन्द्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर: मनेन्द्रगढ़ के कुंवारपुर वन परिक्षेत्र में लंबे समय से भीषण आग लगी हुई है. इस आग की चपेट में आकर कई सागौन के पेड़ जलकर खाक हो गए हैं. वहीं, वन विभाग का कहना है कि केवल दो तीन एकड़ में ही आग लगी है. आलम यह है कि अगर आग पर काबू नहीं पाया गया तो कई और पेड़ आग की चपेट में आकर खाक हो जाएंगे. इस पूरे मामले में वन विभाग की लापरवाही सामने आ रही है.

लंबे समय से लगी है आग:दरअसल, जिले के वन मंडल मनेन्द्रगढ़ के अंतर्गत पड़ने वाले वन परिक्षेत्र कुंवारपुर में लम्बे समय से जंगल में आग लगी हुई है. हालांकि वन विभाग के जिम्मेदार अधिकारी इस ओर ध्यान भी नहीं दे रहे हैं. वन विभाग ने "वन है तो जीवन है. जंगलों की सुरक्षा करना हम सबकी जिम्मेदारी है." ये स्लोगन दीवारों पर लिखवाया है. हालांकि वन विभाग आग को लेकर सचेत नहीं है. बताया जा रहा है कि वन परिक्षेत्र कुंवारपुर के बीट संख्या 1267 के जंगलों में भीषण आग लगी हुई है, जहां लगे पौधे जलकर राख हो गये हैं. हवा के झोंकों के साथ जंगल जलते रहे. आग की लपटें उठती देख विभाग आग बुझाने का प्रयास भी नहीं कर रही है.आलम यह है कि अगर जल्द आग पर काबू नहीं पाया गया तो पूरा जंगल खत्म हो जायेगा. स्थानीय ग्रामीणों के सूचना देने के बाद भी वन विभाग की टीम मौके पर नहीं पहुंची है.

कुंवारपुर जंगल के बीट संख्या 1267 में आग लगी है. इसके बारे में हमको सूचना मिली है. हमारे कर्मचारियों की ओर से तुरंत आग बुझाया गया. रेंजर ने जानकारी दी है कि आग काफी नहीं लगी थी. केवल दो तीन एकड़ में लगी है. -शिवप्रसाद ध्रुव, वन परिक्षेत्र अधिकारी, कुंवारपुर

कई पेड़ जलकर हुए खाक: बताया जा रहा है कि जहां आग लगी है, वहां के जंगलों में सागवान के कई पेड़ हैं, इसलिए आग से प्रभावित इलाकों में भी बड़ी संख्या में सागवान की पौध नष्ट नहीं हो पाए हैं. लंबे ऊंचे वृक्षों के पत्ते जल गए है. सागवान के अलावा रोंच और तेंट के पेड़ जल गए हैं. वन समितियों के लिए तेंदू के पत्ते रोजगार का साधन भी हैं. इसके अलावा कई पेड़ जलकर खाक हो गए हैं. फिलहाल ये पता नहीं चल पाया है कि आग कैसे लगी है.

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