नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी शासित दिल्ली सरकार के कार्यकाल में वर्ष 2017 से 2021 तक लंबित नियंत्रक व महालेखा परीक्षक (सीएजी) रिपोर्ट के संबंध में उपराज्यपाल सचिवालय ने शनिवार को स्पष्ट किया कि आतिशी सरकार ने हाईकोर्ट की फटकार के डर से यह रिपोर्ट सौंपी है.
एलजी सचिवालय की तरफ से जारी नोट में बताया गया है कि दिल्ली हाईकोर्ट के प्रतिकूल आदेश के डर से आप सरकार ने लंबे समय से लंबित सीएजी रिपोर्टों को जल्दबाज़ी में उपराज्यपाल को सौंपी, ताकि रिपोर्टों को सार्वजनिक करना संभव हो सके. इन 14 लंबित सीएजी रिपोर्टों में से 11 उस समय से संबंधित हैं जब केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री थे. रिपोर्ट में डीटीसी, सार्वजनिक स्वास्थ्य और मोहल्ला क्लीनिक, राज्य सार्वजनिक उपक्रमों पर रिपोर्ट शामिल हैं, जहां आप सरकार की भारी गड़बड़ियों और विफलताओं का विवरण दिया गया है.
AAP सरकार ने लंबित CAG रिपोर्ट LG को सौंपी: उपराज्यपाल सचिवालय (ETV BHARAT)
विजेंद्र गुप्ता ने हाईकोर्ट में दायर की थी याचिका:पिछले दिनों संपन्न विधानसभा सत्र से पहले दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता ने हाईकोर्ट में याचिका दायर किया था. इस याचिका के बाद सरकार को लंबे समय से लंबित 14 सीएजी रिपोर्टों को सदन के पटल पर रखने का निर्देश देने की मांग की गई, सरकार जल्दबाजी में अपना चेहरा बचाने की कोशिश की है. हाईकोर्ट में सुनवाई से ठीक एक दिन पहले 11 दिसंबर को अपराह्न 03:30 बजे 12 रिपोर्टें और 12 दिसंबर को शाम 07:50 बजे 2 रिपोर्टें कोर्ट की सुनवाई समाप्त होने के बाद एलजी सचिवालय को भेजी गई. आम आदमी पार्टी सरकार में वित्त मंत्री व मुख्यमंत्री आतिशी द्वारा एलजी सचिवालय को सौंपी गई 497 दिनों से लंबित सीएजी रिपोर्टों की सूची भी एलजी सचिवालय ने जारी किया है.
एलजी ने सीएम और स्पीकर को लिखी थी चिठ्ठी:बता दें, गत कई महीनों से उपराज्यपाल सक्सेना ने मुख्यमंत्री आतिशी व विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास को सीएजी रिपोर्ट विधानसभा पटेल पर रखने के संबंध में पत्र लिखा था. बावजूद यह रिपोर्ट विधानसभा सत्र में पेश नहीं किया गया. विधानसभा में नेता विपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने सीएजी रिपोर्ट प्रस्तुत करने को लेकर जब हाईकोर्ट में याचिका दायर की, तोर कोर्ट ने इस मामले पर संज्ञान लिया, तब दिल्ली सरकार ने आबकारी कर, प्रदूषण और वित्त से संबंधित रिपोर्ट विधानसभा पटल पर रखने के लिए एलजी को भेज दिए. यह जानकारी दो दिन पहले ही दिल्ली सरकार ने हाईकोर्ट में दी थी. मामले की अगली सुनवाई 16 दिसंबर को है.