फर्रुखाबाद :ऐतिहासिक राम नगरिया मेला 13 जनवरी से चल रहा है. यह मेला गंगा की रेती पर 5 किलोमीटर के एरिया में लगा है. यहां एक महीने तक कल्पवास करना होता है. करीब 50 हजार से अधिक लोग इस समय यह कठिन साधना कर रहे हैं. इस दौरान कई कठोर नियमों का पालन करना भी जरूरी होता है. इनमें इंद्रियों पर नियंत्रण, सत्य बोलना, अहिंसा और ब्रह्मचर्य का पालन करना आदि शामिल है.
कल्पवास कर रहीं शशिबाला और राम देवी ने बताया कि कल्पवास मां गंगा की रेती पर मेले में बनी राउटी में रहकर किया जाता है. सुबह-शाम गंगा में स्नान करते हैं. यहां के पांचाल घाट पर आम लोगों के अलावा साधु-संतों की भीड़ जुटती है. राउटी में हजारों भक्त कल्पवास रहते हैं.
कल्पवासियों ने बताया कि खानपान की चीजे हम लोग अपने घर से ही लाते हैं. चूल्हे पर चाय और भोजन को बनाते हैं. उसके बाद उसको ग्रहण करते हैं. मेला क्षेत्र में करीब 2 हजार से अधिक राउटी बनाई गई है. सुबह उठकर मां गंगा के स्नान के साथ आरती भी करते हैं. साधु-संतों को भोजन कराने के साथ दिन में भजन कीर्तन भी करते हैं.