मूसलाधार बारिश ने बढ़ाई किसानों की चिंता, फल और सब्जियों की फसल को नुकसान - Heavy Rains - HEAVY RAINS
Heavy Rains रायपुर सहित दूसरे जिलों में बीते 3 दिनों से हुई बारिश ने किसानों की चिंताएं बढ़ा दी है. चाहे वह धान की फसल हो, साग सब्जी के साथ ही फल के पौधों पर भी मूसलाधार और झमाझम हुई बारिश का असर देखने को मिला है. लगातार तीन दिनों से हुई बारिश की वजह से कई फसलों में कीटनाशक का प्रभाव भी देखने को मिलेगा.
मूसलाधार बारिश ने बढ़ाई किसानों की चिंता (ETV Bharat Chhattisgarh)
रायपुर : छत्तीसगढ़ में पिछले तीन दिनों से लगातार बारिश हो रही है.जिसके कारण फसल प्रभावित हुई है. वहां से पानी को हटाना जरूरी है. नहीं तो फसल पूरी तरह से बर्बाद और खराब हो जाएगी. प्रदेश में 1 जून से लेकर 10 सितंबर तक सामान्य बारिश 1022.1 मिलीमीटर होनी थी. लेकिन 1 जून से लेकर 10 सितंबर तक प्रदेश में बारिश 1110.7 मिलीमीटर दर्ज की गई है. जो कि प्रदेश में सामान्य बारिश की तुलना में 10% अधिक बारिश दर्ज की गई है.
धान के खेत बने तालाब (ETV Bharat Chhattisgarh)
फसल बर्बाद होने का सता रहा डर : इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर घनश्याम दास साहू ने बताया कि "इस बार मानसून सीजन में जुलाई और अगस्त के महीने में फसलों के हिसाब से अच्छी बारिश हुई है. लेकिन सितंबर के महीने में बीते 3 दिन से हुई लगातार बारिश की वजह से किसानों की चिंताएं भी बढ़ गई है. फसल खराब और बर्बाद होने का डर भी किसानों को अब सताने लगा है.''
धान की पैदावार अच्छी होने की उम्मीद (ETV Bharat Chhattisgarh)
''छत्तीसगढ़ के अधिकांश जिलों में पिछले तीन दिनों से हुई मूसलाधार और झमाझम बारिश की वजह से केवल धान फसल ही नहीं दूसरे साग सब्जी और फल भी प्रभावित हुए हैं. उद्यानिकी फसलों में विशेष कर सब्जी की फसल के साथ ही फलों में पपीता के फसल को ज्यादा नुकसान पहुंचा है. किसानों ने खरीफ फसल में करेला, लौकी, गिलकी, तरोई, बरबट्टी, भाटा, मिर्च, टमाटर जैसी साग सब्जी को इस बारिश से बहुत ज्यादा नुकसान हुआ है. बारिश तेज होने के कारण जल भराव की स्थिति भी निर्मित हुई है."- डॉक्टर घनश्याम दास साहू ,वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक
फल और सब्जियों की फसल को नुकसान (ETV Bharat Chhattisgarh)
कृषि वैज्ञानिक ने आगे बताया कि "कंदवर्गीय फसल में जैसे जिमिकंद कोचई और मसाला की फसलों में हल्दी और अदरक की फसल लगाई है. यह फसल भी इस भारी बारिश में जल भराव होने के कारण प्रभावित हुआ है. गोभी वर्गीय फसल में भी इसका असर देखने को मिला है. इसमें किट का प्रकोप भी आने वाले समय में दिखेगा. बारिश के बंद होते ही मौसम खुलने के बाद प्रदेश के किसानों को इन फसलों में कीटनाशक का प्रयोग जरूर करना होगा नहीं तो कीट का प्रकोप भी दिखाई पड़ेगा.''
कैसे फसल को बचाएं ?:इसके साथ ही इस भारी बारिश का असर फल उद्यान में भी पड़ा है. नींबू, अनार, अमरूद के उद्यानों में भी लगातार बारिश की वजह से जल भराव की स्थिति बनी हुई है. जिसकी वजह से इसमें जल जनित बीमारियां फैलने की संभावना भी बढ़ गई है. ऐसे में किसानों को चाहिए कि जल भराव को जल्द से जल्द दूर करें. जिससे फसल को बचाया जा सके. दलहन की फसलों में जिन किसानों ने सोयाबीन, अरहर की फसल लगाई है.वहां पर भी जल भराव की स्थिति निर्मित हुई है. ऐसे में किसानों को जल भराव से निपटना जरूरी है.