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लाडवा विधानसभा सीट पर त्रिकोणीय मुकाबले में फंसे नायब सैनी, बीजेपी के काम से खुश नहीं किसान, बोले- बदलाव चाहता है हरियाणा - Haryana Election 2024

Haryana Election 2024: हरियाणा की लाडवा विधानसभा सीट पर ईटीवी भारत की टीम ने हरियाणा का मिजाज जाना. पीपली अनाज मंडी में ईटीवी भारत की टीम ने किसानों से मुलाकात की और जाना कि वो किन मुद्दों पर किस पार्टी को वोट देंगे.

Haryana Election 2024
Haryana Election 2024 (Etv Bharat)

By ETV Bharat Haryana Team

Published : Sep 18, 2024, 10:58 AM IST

Updated : Sep 18, 2024, 11:27 AM IST

'बदलाव चाहता है हरियाणा', बीजेपी के काम से खुश नहीं किसान, 'लाडवा विधानसभा सीट में त्रिकोणीय मुकाबला' (Etv Bharat)

कुरुक्षेत्र: लाडवा विधानसभा सीट की गिनती हरियाणा की हॉट सीटों में हो रही है. इस सीट पर बीजेपी और कांग्रेस के बीच मुख्य मुकाबला माना जा रहा है. बीजेपी की तरफ से इस सीट पर नायब सैनी चुनावी मैदान में हैं, तो कांग्रेस ने मेवा सिंह पर भरोसा जताया है. इंडियन नेशनल लोकदल ने बड़शामी परिवार से सपना में चुनावी रण में उतारा है. यहां की जनता का भरोसा किस पर है. यही जानने के लिए ईटीवी भारत की टीम लाडवा विधानसभा पहुंची. पीपली अनाज मंडी में ईटीवी भारत की टीम ने किसानों से बातचीत की और जाना कि वो किन मुद्दों पर और किस पार्टी को वोट देंगे.

बीजेपी से नाराज हैं किसान: पीपली अनाज मंडी में कई जिलों के किसान धान की फसल लेकर पहुंचे थे. ईटीवी भारत की टीम ने जब उनसे चुनावी मूड जाना तो किसानों ने कहा कि वो इस बार कांग्रेस पार्टी यानी मेवा सिंह को वोट देंगे. किसानों का कहना है कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने किसानों पर बहुत अत्याचार किया है. जिसे किसान कभी भी भूल नहीं सकते. बीजेपी ने तो ऐसी हालत कर दी थी कि हरियाणा और देश की मंडियां खत्म हो जाती. किसानों ने कहा कि लाडवा विधानसभा सीट से वो भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार और कार्यवाहक मुख्यमंत्री को अपना विधायक नहीं चाहते. किसानों ने कहा कि हम चाहते हैं कि इस सीट से कांग्रेस उम्मीदवार मेवा सिंह जीते.

लाडवा सीट पर बीजेपी और कांग्रेस उम्मीदवार (Etv Bharat)

बदलाव चाहते हैं किसान: कुछ किसानों का कहना था कि सभी सरकारें अच्छा काम नहीं कर सकती और बुरा भी नहीं कर सकती. ऐसे में भारतीय जनता पार्टी ने कुछ अच्छे काम किए हैं, तो कुछ बुरे काम किए हैं, लेकिन हम उनके ना ही अच्छे कामों पर जा रहे हैं और ना ही बुरे कामों पर जा रहे हैं. हम चाहते हैं कि पिछले 10 सालों से हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी की सरकार है. इस बार हरियाणा में बदलाव होना चाहिए. अगर बदलाव होता है, तो उनके राज्य में ज्यादा विकास कार्य दूसरे सरकार के द्वारा करवाए जाते हैं. ऐसे में बदलाव के चलते हरियाणा में विकास की नई गति मिलती है और जो भी पार्टी सत्ता में बदलाव के बाद आती है. वो ज्यादा विकास कार्य करवाने का काम करती है.

सीएम सिटी पर किसानों का कटाक्ष: करनाल छोड़कर लाडवा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने पर किसानों ने कहा कि अगर हरियाणा में बीजेपी की सरकार बन भी गई, तो क्या गारंटी है कि सीएम नायब सैनी ही बनेंगे? किसानों ने कहा कि पंजाब चुनाव में पिछली बार कांग्रेस पार्टी ने दो-तीन महीने पहले मुख्यमंत्री का चेहरा बदल दिया था. ऐसे में क्या पता. ये भी भारतीय जनता पार्टी का लोकसभा चुनाव में वोट लेने का स्टंट हो और इसी का चलते उन्होंने नायब सैनी को मुख्यमंत्री बनाया हो और आगे उनको मुख्यमंत्री ना बनाया जाए. ऐसा भी हो सकता है.

लाडवा सीट पर मतदाताओं की संख्या (Etv Bharat)

लाडवा विधानसभा क्षेत्र में त्रिकोणीय मुकाबला: कुछ लोगों ने दावा कि लाडवा विधानसभा में त्रिकोणीय मुकाबला दिखाई दे रहा है, क्योंकि यहां पर भारतीय जनता पार्टी से मुख्यमंत्री खुद चुनाव लड़ रहे हैं. वहीं कांग्रेस पार्टी से मौजूदा विधायक मेवा सिंह चुनाव लड़ रहे हैं. बड़शामी का परिवार भी यहां से चुनाव लड़ रहा है. बड़शामी का लाडवा विधानसभा में काफी अच्छा रुतबा रहा है. ऐसे में उनके यहां अभी काफी अच्छा जन समर्थन है. जिसके चलते लाडवा विधानसभा सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला दिखाई दे रहा है, लेकिन हमारी रिपोर्ट के अनुसार यहां पर भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस पार्टी में कड़ा मुकाबला है.

पार्टी से बागी नेता बिगाड़ सकते हैं बीजेपी का समीकरण: भारतीय जनता पार्टी के नेता संदीप गर्ग लाडवा विधानसभा सीट से टिकट मांग रहे थे, लेकिन यहां पर मुख्यमंत्री खुद ही चुनाव लड़ रहे हैं. ऐसे में संदीप गर्ग ने आजाद उम्मीदवार के तौर पर अपना नामांकन दाखिल किया है. वो आजाद उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ रहे हैं. आपको बता दें कि संदीप गर्ग पिछले काफी समय से लाडवा विधानसभा में समाज सेवा में जुटे हुए हैं. वो गरीबों और जरूरतमंदों को नाम मात्र पैसों में ही खाना खिलाने का काम कर रहे हैं. जिसके चलते उनकों यहां पर जनसमर्थन मिल रहा है. अगर संदीप गर्ग को वोट मिले तो इसका नुकसान नायब सैनी को होगा.

एक जाति से अधिक उम्मीदवारों से बीजेपी को नुकसान? एक जाति से एक से ज्यादा उम्मीदवार चुनावी में मैदान में होने से भी असर पड़ेगा. हरियाणा के मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी सैनी समाज से आते हैं. यहां पर सैनी समाज का काफी अच्छा वोट बैंक है. जो भारतीय जनता पार्टी के लिए काफी फायदेमंद हो सकता है, लेकिन कहीं ना कहीं सैनी समाज से भी मुख्यमंत्री से अलग दूसरे व्यक्ति द्वारा आजाद उम्मीदवार के तौर पर नामांकन दाखिल किया हुआ है. जिसके चलते भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी और मुख्यमंत्री को इससे नुकसान हो सकता है.

क्या है जातीय समीकरण? इस जिले की लाडवा विधानसभा में 1 लाख 95 हजार 916 मतदाताओं में 1 लाख 1 हजार 244 पुरुष, 94670 महिलाएं और एक थर्ड जेंडर की वोट है. इस हलके में सबसे ज्यादा वोट सैनी और जाट समाज के हैं. जिनमें लगभग बराबर वोट हैं. ब्राह्मण 6.17 % में राजपूत 0.45, जाट 15.84, जट सिख 5.29, बनिया 1.71, रोड़ 2.44, खत्री 3.82, अन्य 0.65, OBC, जिनवर 7.27, बढ़ई 1.99, कुम्हार 2.00, गडरिया 1.47, सैनी 18.92, जोगी 1.33, लबाना 1.10, अहीर 1.30, जुदाह 0.61, अन्य 4.1, हरिजन 8.6, रामदासिया 1.27, वाल्मीकि 5.93, मजबी 0.63, बाजीगर 1.77, सैंसी 1.59, अन्य 1.8

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Last Updated : Sep 18, 2024, 11:27 AM IST

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