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Farmers Protest Delhi: दिल्ली की सभी सीमाओं पर हजारों जवान तैनात, बैरिकेड्स तोड़ आगे बढ़े किसान

किसानों ने नोएडा के महामाया फ्लाईओवर को घेर लिया है, नोएडा पुलिस ने कहा- किसी भी कीमत पर किसानों को दिल्ली जाने नहीं दिया जाएगा.

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Dec 2, 2024, 10:47 AM IST

Updated : Dec 2, 2024, 4:06 PM IST

नई दिल्ली/नोए़़डा:संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) के नेतृत्व में हजारों किसान नोएडा से दिल्ली की ओर कूच कर रहे हैं. इन किसानों का यह मार्च संसद भवन की ओर है, जिसमें वे नए कृषि कानूनों के तहत अपने अधिकारों और लाभों के लिए पांच प्रमुख मांगें उठा रहे हैं. प्रदर्शनकारी किसान नोएडा के दलित प्रेरणा स्थल से आगे बढ़ने के लिए बैरिकेडिंग को तोड़ते हुए आगे बढ़ चुके हैं.

तीन लेयर में सुरक्षा व्यवस्था:बता दें कि, दिल्ली में शीतकालीन सत्र चल रहा है, और इस दौरान पुलिस के सामने किसानों को रोकना एक चुनौती बन गया है. प्रदर्शन के चलते, दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था को कड़ा कर दिया है. बैरिकेड लगाने और रूट डायवर्ट करने के अलावा, चार हजार से ज्यादा पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है. यह सुरक्षा व्यवस्था तीन लेयर में स्थापित की गई है, ताकि प्रदर्शन को नियंत्रित किया जा सके.

Farmers’ Protest Delhi (ETV Bharat)

महामाया फ्लाईओवर जाम:किसान आंदोलन की शुरुआत में, मार्च में शामिल किसान थोड़ी देर के लिए दलित प्रेरणा स्थल के सामने बैठे, लेकिन जल्द ही उन्होंने आगे बढ़ने का निर्णय लिया. इस दौरान, महामाया फ्लाईओवर पर किसानों का एक बड़ा जत्था इकट्ठा हुआ, जिससे भीषण ट्रैफिक जाम हो गई.

यमुना प्राधिकरण पर भी भारी पुलिस फोर्स तैनात है और बाकायदा यहां बैरिकेडिंग की गई है. यमुना प्राधिकरण पर किसानों के ट्रैक्टरों का जमावड़ा लगा हुआ है, यहां से किसान अपने ट्रैक्टर पर सवार होकर दिल्ली के लिए कूच करेंगे..

"हमें अग्रिम जानकारी मिली थी कि कुछ किसान संगठनों ने दिल्ली कूच का एलान किया है. अभी सदन भी चल रहा है तो फिलहाल उन्हें नई दिल्ली में प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई है"- अपूर्वा गुप्ता, DCP, पूर्वी दिल्ली

ये है किसानों की मांगें

  • किसानों की प्रमुख मांगों में 10% प्लॉट, 64.7 प्रतिशत बढ़ा हुआ मुआवजा.
  • नई भूमि अधिग्रहण कानून के अनुसार बाजार दर का चार गुना मुआवजा, 20% प्लॉट का आवंटन.
  • भूमिहीन किसानों के बच्चों को रोजगार तथा पुनर्वास के सभी लाभ दिए जाने शामिल हैं.
  • किसान आबादियों के निस्तारण की भी मांग कर रहे हैं.

किसान नेता रूपेश वर्मा ने स्पष्ट किया कि उनकी मांगों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है. उन्होंने कहा, "सरकार द्वारा गठित हाई पावर कमेटी से किसान संतुष्ट नहीं हैं और हम चाहते हैं कि उनके द्वारा दिए गए सुझावों पर तुरंत कार्रवाई की जाए." स्थिरता की मांग करते हुए, उन्होंने बताया कि वॉर्ता के प्रयासों में कोई सफलता नहीं मिली. किसान संगठनों के नेताओं की जिलाधिकारी और पुलिस कमिश्नर के साथ बातचीत विफल रही है, जिसके कारण किसानों ने घोषणा की है कि जब तक उनकी सभी मांगें पूरी नहीं हो जातीं, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा.

यह भी पढ़ें-किसान मार्च को लेकर नोएडा से सटे सभी बॉर्डर पर बैरिकेडिंग

Last Updated : Dec 2, 2024, 4:06 PM IST

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