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कोर्ट में नहीं सुलझा मामला तो 5 गांवों ने बुलाई पंचायत, चंद मिनटों में हुआ यह फैसला - Panchayat organized for the road - PANCHAYAT ORGANIZED FOR THE ROAD

नीमराना के कांकर कुतीना गांव में आजादी के बाद से ही मुख्य रास्ता नहीं था, जिससे ग्रामीणों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा था. इसके लिए रविवार को कांकर गांव में पंचायत बुलाई गई, जिसमें कास्तकारों ने अपनी जमीन दान कर 20 फिट रास्ता दे दिया.

PANCHAYAT ORGANIZED FOR THE ROAD
रास्ते के लिए 5 गांवों ने बुलाई पंचायत (फोटो : ईटीवी भारत)

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : May 27, 2024, 8:12 AM IST

Updated : May 27, 2024, 9:59 AM IST

रास्ते के लिए 5 गांवों ने बुलाई पंचायत (वीडियो : ईटीवी भारत)

नीमराना(बहरोड). 7 दशक से बंद पड़े रास्ते का मामला पंचायत की चौपाल पर कुछ ही मिनटों में सुलझ गया, जबकि मामले को कोर्ट आज तक नहीं सुलझा पाया था. काश्तकारों ने अपनी जमीन दानकर हर किसी को सकते में डाल दिया. नीमराना में कोर्ट कचहरी में मामला नहीं सुलझा तो ग्रामीणों ने अपने स्तर पर 5 गांवों की पंचायत बुलाई थी, जिसमें सहमति से काश्तकारों ने जमीन दान कर इस मामले को सुलझा दिया.

पूरा मामला नीमराना के कांकर कुतीना ग्राम पंचायत का है. गांव से ढाणियों व शहरों तक सरकार के द्वारा प्रधानमंत्री सड़क योजना के तहत आज तक यह रास्ता नहीं बन पाया है, जिससे आस पास के कई गांवों के लोग परेशान थे. जिसको देखते हुए रविवार को कांकर गांव में 5 गांवों की पंचायत आयोजित हुई. पंचायत में पहुंचें सभी लोगों की सहमति से आजादी के 77 वर्षों बाद काश्तकारों ने अपनी खातेदारी की जमीन का हिस्सा स्वेच्छिक दान कर आमजन के हितों को देखते हुए रास्ता खोलने पर सहमति जताई. काश्तकारों की खातेदारी जमीनी भाग को सार्वजनिक रास्ते के लिए चिन्हित कर तारबंदी कराई गई.

कुतीना सरपंच रविन्द्र सिंह चौहान व हल्का पटवारी विकास यादव डुघेडिया व मुकुलसिंह की मौजूदगी में 20 फीट आम रास्ता देने पर सभी लोगों ने दानदाताओं और काश्तकारों का आभार जताया. ऐतिहासिक काम के लिए दान करने वाले लोगों का पंचायत की चौपाल में आभार जताते हुए धन्यवाद दिया गया. गौरतलब है कि आजादी के समय से ही बसी हुई कांकर की ढाणी गांव में आवागमन के लिए कोई भी सार्वजनिक रास्ता नहीं था, जिससे ग्रामीणों को ग्रामीण क्षेत्र व शहरी क्षेत्र में आने-जाने में बड़ी परेशानी होती थी.

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स्थानीय सरपंच रविन्द्र सिंह चौहान ने बताया कि इसको लेकर पहले भी कई बार स्थानीय नेताओं को कहा गया, लेकिन आज तक कोई निर्णय नहीं हुआ. मामला कोर्ट में जारी है. आम सहमति बनने पर खातेदार मुनीराम, प्रताप सिंह चौहान, बेनी प्रसाद यादव, कंवर सिंह, पंच मूल चंद यादव, पोप सिंह चौहान, होशियार यादव, बाबू यादव ने सार्वजनिक हितार्थ समझाइस पर जमीन का हिस्सा रास्ते के लिए देने पर तैयार हुए. इस मौके पर कुतीना पूर्व सरपंच टीकम सिंह चौहान, राम सिंह, वीरेंद्र सिंह, मदन चौहान, शीशराम यादव, धर्मचंद यादव के अथक प्रयासों से आजादी के 77 वर्षों बाद ग्रामीणों को आम रास्ते की सौगात पर सहमति बन सकी.

Last Updated : May 27, 2024, 9:59 AM IST

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