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बलौदाबाजार में फर्जी दिव्यांग प्रमाण पत्र का मामला, कलेक्टर से कार्रवाई की मांग - fake disabled certificate Case - FAKE DISABLED CERTIFICATE CASE

बलौदाबाजार में फर्जी दिव्यांग प्रमाण पत्र का मामला सामने आया है. मामले में प्रदेश दिव्यांग शासकीय अधिकारी कर्मचारी संघ ने कलेक्टर से शिकायत कर कार्रवाई की मांग की है.

fake disabled certificate Case
बलौदाबाजार में फर्जी दिव्यांग प्रमाण पत्र (ETV BHARAT CHHATTISGARH)

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : May 20, 2024, 9:02 PM IST

बलौदाबाजार में फर्जी दिव्यांग प्रमाण पत्र का मामला (ETV BHARAT CHHATTISGARH)

बलौदा बाजार:बलौदा बाजार में बीते कई वर्षों से फर्जी दिव्यांग प्रमाण पत्र के सहारे दो दर्जन से अधिक लोगों को सरकारी नौकरी मिल चुकी है. बावजूद इसके जिला प्रशासन की ओर से अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है. ना ही इन शिकायतों को गंभीरता से लिया गया है. इस कारण पात्र दिव्यांगजनों को शासन की सुविधाओं से वंचित होना पड़ रहा है. वहीं, फर्जी दिव्यांग प्रमाण पत्र के सहारे नौकरी करने वाले लोगों का एक रैकेट जिले में चल रहा हैं. इनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग को लेकर सोमवार को छत्तीसगढ़ दिव्यांग शासकीय अधिकारी कर्मचारी संघ जिला बलौदा बाजार भाटापारा ने कलेक्टर को लिखित शिकायत दी है. साथ ही कार्रवाई की मांग की है.

संघ ने दिया लिखित आवेदन:संघ की ओर से दिए गए लिखित आवेदन में बताया गया है कि 7 सितंबर 2012 को जनपद पंचायत छुरिया से जारी विज्ञापन में ऋषि कपूर महिलांग की नियुक्ति कला विषय पर अनुसूचित जाति नि:शक्त जन श्रेणी में शासकीय प्राथमिक शाला नवागांव विकासखण्ड छुरिया में हुई थी. चयन प्रक्रिया के समय विभाग की ओर से शारीरिक योग्यता प्रमाण पत्र प्रदान किया गया. प्रमाण पत्र में इनके एक आंख की दृष्टि क्षमता 6-6 यानि सामान्य तथा दूसरी आंख की क्षमता कोई प्रकाश बोध नहीं है, जिस पर दिव्यांगता का प्रतिशत केवल 30 प्रतिशत ही आता है. सरकारी विभागों में शासकीय सेवक की नियुक्ति हेतु दिव्यांगता 40 प्रतिशत होना अनिवार्य है. शारीरिक योग्यता प्रमाण पत्र अभ्यर्थी की वर्तमान स्थिति का पता लगाने हेतु मांगा जाता है. शारीरिक योग्यता प्रमाण पत्र के अनुसार ऋषि कपूर महिलांग सहायक शिक्षक के पद के लिए अपात्र हैं, फिर भी इनका चयन किया गया है, जो कि तथ्यों को छिपाकर और सांठगांठ करके किया जाना प्रतीत हो रहा है. ऐसे में ऋषि कपूर महिलांग शारीरिक योग्यता प्रमाण पत्र की जांच कराई जाए.

पहले भी की जा चुकी है शिकायत: इस बारे में संघ के पदाधिकारियों और सदस्यों ने मीडिया को बताया कि, "छत्तीसगढ़ नि:शक्त जन अधिकार सहयोग समिति की ओर से पहले भी कलेक्टर के पास शिकायत की जा चुकी है. संभागीय मेडिकल बोर्ड रायपुर से इसकी जांच की मांग की गयी थी, जिस पर कलेक्टर कार्यालय में ऋषि कपूर महिलांग सहायक शिक्षक की मेडिकल बोर्ड रायपुर से जांच कराई गई है. जांच रिपोर्ट में ऋषि कपूर महिलांग सहायक शिक्षक का दिव्यांगता प्रतिशत महज 30 प्रतिशत ही बताया गया है, जिससे स्पष्ट है कि ऋषि कपूर महिलांग सहायक शिक्षक शासकीय सेवा हेतु पूरी तरह से अपात्र है."

इस दिव्यांग के पास ड्राइविंग लाइसेंस है:आवेदकों की मानें तो ऋषि कपूर महिलांग के नाम से आरटीओ की ओर से जारी ड्राइविंग लाइसेंस की कॉपी भी पेश की गई है. साथ ही बताया गया है कि महिलांग फर्जी दस्तावेजों के सहारे केवल नौकरी कर रहा है. इसके अलावा ऋषि कपूर महिलांग पूरी तरह से स्वस्थ हैं. इस पूरे मामले में कलेक्टर के एल चौहान ने जांच के बाद कार्रवाई की बात कही है.

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