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अंतरराष्ट्रीय बाजार में प्रोडक्ट बिकवाने के नाम पर ठगी करने वाले फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़, चार गिरफ्तार - Fake call center busted for duping

उत्तर पूर्वी दिल्ली की साइबर पुलिस ने अंतरराष्ट्रीय बाजार में प्रोडक्ट बिकवाने के नाम पर ठगी करने वाले फर्जी कॉल सेंटर का पर्दाफाश किया है. मामले में चार ठगों को गिरफ्तार किया गया है.

ठगी करने वाले फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़
ठगी करने वाले फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़ (Etv Bharat)

By ETV Bharat Delhi Team

Published : Sep 9, 2024, 5:50 PM IST

नई दिल्ली: उत्तर पूर्वी दिल्ली की साइबर पुलिस की टीम ने अंतरराष्ट्रीय बाजार में प्रोडक्ट बिकवाने के नाम पर ठगी करने वाले गैंग का भंडाफोड़ करते हुए चार जालसाजों को गिरफ्तार किया है. आरोपी न्यू अशोक नगर इलाके में फर्जी कॉल सेंटर खोलकर लोगों के साथ चीटिंग किया करते थे. उत्तर पूर्वी दिल्ली के डीसीपी डॉ. जॉय टिर्की ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी की पहचान कुलदीप जोशी, दीपक जोशी,आदर्श और जमशेद अंसारी के तौर पर हुई है. कुलदीप जोशी, दीपक जोशी,आदर्श दिल्ली के देवली खानपुर के रहने वाले है जबकि जमशेद अंसारी बिहार के पूर्णिया का रहने वाला है.

डीसीपी ने बताया कि करावल नगर में रहने वाले एक कारोबारी ने साइबर थाने में 11 लाख की चीटिंग की शिकायत दर्ज कराई थी. शिकायतकर्ता ने बताया कि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में उसके प्रोडक्ट को सूचीबद्ध कराने के नाम पर उससे 11 लाख रुपये ठग लिए गए. जिन्होंने खुद को भारतीय निर्यातक बताते हुए उसे अपने उत्पादों को अंतर्राष्ट्रीय बाजार में बेचने का लालच दिया.

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जालसाजों ने उसे अंतर्राष्ट्रीय बाजार से अपने उत्पादों के लिए संभावित खरीदार उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया, जिसके लिए पीड़ित से 5900 रुपये की ज्वाइनिंग फीस ली गई. बाद में, शिकायतकर्ता को यूनाइटेड किंगडम के एक अंतर्राष्ट्रीय मोबाइल नंबर से एक व्हाट्सएप कॉल आई. कॉल करने वाले ने खुद को जोस विलियम्स - एक कंपनी यानी ट्रेडमैक्स एलएलपी, यूनाइटेड किंगडम के मालिक के रूप में पेश किया और पीड़ित के उत्पादों को बड़ी मात्रा में खरीदने में अपनी रुचि दिखाई.

आगे की बातचीत के दौरान, कथित जोस विलियम्स ने पीड़ित को 3.5 करोड़ रुपये का ऑर्डर देने का लालच दिया, लेकिन इससे पहले उसने पीड़ित से मान्यता प्रमाण पत्र की मांग की. उक्त प्रमाण पत्र के लिए जब पीड़ित ने भारतीय एक्सपोर्टर से संपर्क किया तो उन्होंने इस प्रमाण पत्र की व्यवस्था करने के लिए 70 हजार रुपये का शुल्क लिया. इसके बाद, जोस विलियम्स ने अन्य दस्तावेजों जैसे कि सुरक्षित भुगतान लिंक गेटवे, जीपीएसडी प्रमाण पत्र, एक्सपोर्ट हाउस प्रमाण पत्र की मांग की. पीड़ित से भारतीय एक्सपोर्टर द्वारा क्रमशः 63,720/- रुपये, 2,31,280/- रुपये, 4,00,000/- रुपये और 3,24,000/- रुपये का शुल्क लिया गया.

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बाद में, कथित जोस विलियम्स ने शिकायतकर्ता को सूचित किया कि उनके एमडी को जर्मनी में गिरफ्तार कर लिया गया है और उनका बैंक खाता फ्रीज कर दिया गया है. प्रलोभन और गलत बयानी के तहत, शिकायतकर्ता ने धोखेबाजों को 10,94,900/- रुपये हस्तांतरित कर दिए. जब पीड़ित ने इस संबंध में भारतीय एक्सपोर्टर्स से संपर्क किया तो उन्होंने अंतरराष्ट्रीय खरीदारों के लिए कोई जिम्मेदारी लेने और पीड़ित से लिए गए उक्त शुल्क को वापस करने से इनकार कर दिया.

चीटर ने उसे 3.5 करोड़ का प्रोडक्ट बिकवाने का झांसा दिया और अलग-अलग डॉक्यूमेंटेशन के नाम पर 11 लाख रुपये ठग लिए. इस शिकायत पर मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की गई. टेक्निकल सर्विलांस के आधार पर न्यू अशोक नगर इलाके के फर्जी कॉल सेंटर से 4 चीटर्स को गिरफ्तार कर लिया गया. मौक़े से 4 मोबाइल, 2 आई फोन, 01 लैपटॉप, 03 हार्ड डिस्क ड्राइव, 01 एसएसडी और 01 डेबिट कार्ड बरामद किया गया.

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