भोपाल : बीते चार दिनों से लगातार पवर्ततीय क्षेत्रों से ठंडी हवाएं मध्यप्रदेश की तरफ आ रही हैं. जिससे दिन और रात के तापमान में तेजी से गिरावट दर्ज की जा रही है. नवंबर में पड़ रही इस तरह की ठंड ने बीते 10 सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. इस मौसम की सबसे सर्द रात पचमढ़ी की रही. शुक्रवार-शनिवार की दरमियानी रात पचमढ़ी का पारा 6 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया. वहीं भोपाल, जबलपुर और मंडला में भी बीती रात काफी ठंडी रही. जबलपुर में शनिवार सुबह 7, मंडला में 7.4 और भोपाल में भोपाल में 8.8 डिग्री सेल्सियस न्यूनतम तापमान दर्ज किया. वहीं पचमढ़ी फिर प्रदेश में सबसे ठंडा रहा.
एमपी के ये शहर सबसे ठंडे (Etv Bharat) सामान्य से 5 डिग्री नीचे शहरों का तापमान
बता दें कि मध्यप्रदेश के अधिकतर शहरों का न्यनताम तापमान औसत न्यूनतम तापमान (15 डिग्री सेल्सियस) से 5 डिग्री नीचे पहुंच गया है. भोपाल, जबलपुर, मंडला, अमरकंटक, शिवपुरी, उमरिया, राजगढ़, शहडोल और पचमढ़ी समेत कई शहरों का पारा 10 डिग्री से नीचे चला गया है. कई शहरों में सामान्य से 5 से 7 डिग्री तक ज्यादा ठंड पड़ रही है. जबकि इंदौर, ग्वालियर समेत अन्य शहरों का न्यूनतम तापमान भी 12 डिग्री के नीचे बना हुआ है.
मौसम विभाग केंद्र भोपाल (Etv Bharat) एमपी में तेज ठंड की क्या वजह?
वर्तमान में देश के पश्चिमोत्तर क्षेत्र में 12.6 किलोमीटर की उंचाई पर जेट स्ट्रीम बनी हुई है. इसके कारण पश्चिम से पूर्व की ओर 250 किलोमीटर की रफ्तार से हवाएं चल रही हैं. वहीं मध्य पाकिस्तान पर हवा के उपरी भाग में एक चक्रवात बना हुआ है. मौसम वैज्ञानिक वेद प्रकाश सिंह ने बताया, '' राजस्थान में एक एंटी साइक्लोनिक सर्कुलेशन बन रहा है जिसके कारण राजस्थान से ठंडी हवाएं मध्यप्रदेश की ओर आ रही हैं. इसीलिए प्रदेश में दिन और रात के तापमान में गिरावट हो रही है.''
मौसम विभाग ने जारी किया शीत लहर का अलर्ट (Etv Bharat) मध्यप्रदेश में शीत लहर की दस्तक
मौसम वैज्ञानिक वेद प्रकाश सिंह ने बताया, '' पहाड़ों में हो रही बर्फबारी के कारण मध्यप्रदेश में ठंड हवाओं का आना जारी है. अधिकतर शहरों का तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से नीचे पहुंच गया है. उन क्षेत्रों में शीतलहर की शुरुआत हो सकती है. हालांकि, वर्तमान मौसम प्रणाली रविवार से कम दबाव के क्षेत्र में परिवर्तित हो सकती है. इसके प्रभाव से हवाओं के स्वाभाव में परिवर्तन होगा, जिससे मध्यप्रदेश के न्यूनतम तापमान में बढ़ोत्तरी हो सकती है.