नई दिल्ली:दिल्ली शराब घोटाले में गिरफ्तार पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को लगातार दूसरे दिन सुनवाई की. इस दौरान शीर्ष अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया. जस्टिस बीआर गवई और केवी विश्वनाथन की पीठ ने सिसोदिया की ओर से पेश वकील अभिषेक सिंघवी और सीबीआई-ईडी का प्रतिनिधित्व करने वाले अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू की दलीलें सुनी.
इससे पहले, सोमवार को सुनवाई के दौरान सीबीआई की ओर से पेश वकील एसवी राजू ने कहा था, "हमारे पास इस बात के डिजिटल सबूत हैं. गोवा चुनाव के लिए 100 करोड़ रुपये की रिश्वत मांगी गई थी. जिसमें से हम 45 करोड़ रुपये का पता लगाने में सक्षम हैं." उन्होंने आगे कहा कि सिसोदिया आबकारी नीति घोटाले में पूरी तरह संलिप्त हैं. एसवी राजू ने तर्क दिया कि बिना किसी कारण के लाभ मार्जिन को मनमाने ढंग से नहीं बढ़ाया जा सकता है. कोई टेंडर नहीं, लेकिन 5 करोड़ रुपये का भुगतान करने वाले को लाइसेंस दे दिया गया.
वहीं, मनीष सिसोदिया की पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी ने पूछा कि उनके मुवक्किल की स्वतंत्रता पर 17 महीने तक प्रतिबंध क्यों लगाया जाना चाहिए, यह बड़ा सवाल है? सिंघवी ने कहा कि सिसोदिया के भागने का खतरा नहीं है, वे इस स्तर पर गवाहों को प्रभावित नहीं कर सकते या सबूतों से छेड़छाड़ नहीं कर सकते.