80 फीसदी सांपों में नहीं होता है मौत का जहर, जानिए फिर क्यों चली जाती है लोगों की जान - Every snake is not poisonous
Nag panchami 2024 बहुत कम लोगों को ये पता होगा कि छत्तीसगढ़ में पाए जाने वाले 10 में से 2 सांप ही जहरीले होते हैं. सांप काटने पर आदमी घबरा जाता है और कार्डियक अरेस्ट का शिकार हो जाता है. सांप काटने के बाद अगर आप इन बातों का ध्यान रखेंगे तो शरीर में फैला जहर भी बन जाएगा शीतल.
रायपुर: बरसात के दिनों में सांप बिलों के बिलों में पानी भर जाता है और वो बचने के लिए बाहर निकल आते हैं. कई बार वो इंसानी बस्ती के करीब छिपने के लिए पहुंच जाते हैं. इंसान से जब उनका सामना होता है तब वो बचने के लिए उनको काटते हैं. बहुत कम लोगों को ये बता पता होगी कि छत्तीसगढ़ में पाए जाने वाले दस सांपों में से सिर्फ दो सांप ही जहरीले होते हैं. सांप काटने के बाद लोग घबरा ज्यादा जाते हैं जिसके चलते उनकी मौत हो जाती है. डॉक्टर कहते हैं कि सांप काटे शख्स को अगर समय पर इलाज मिल जाए तो उसकी जान बच सकती है.
10 में से 2 सांप होते हैं जहरीले (ETV Bharat)
सांप काट ले तो घबराएं नहीं, 80 फीसदी सांप जहरीले नहीं होते: डॉक्टर बताते हैं कि धरती पर पाए जाने वाले अस्सी फीसदी सांप जहरीले नहीं होते. अगर आपको जहरीले सांपों ने काटा है तो फिर आपको चिंता करने की जरुरत है. बस ध्यान इस बात का रखना है कि आप डॉक्टर से इलाज कराएं. झाड़ फूंक के चक्कर में नहीं पड़ें. मेकाहारा अस्पताल के मेडिसिन डिपार्टमेंट के डॉक्टर आर एल खरे कहते हैं कि ''अगर सांप काट ले तो तुरंत अस्पताल पहुंचे. समय पर अगर आपको एंटी वेनम इंजेक्शन लगा दिया गया तो आपको कुछ नहीं होगा.''
सवाल: यदि किसी सांप ने काटा है और वह जहरीला है या नहीं इसका पता कैसे लगाया जाए?
जवाब: सांप की प्रजाति का पता होना जरूरी है, वह एक विज्ञान की बात है, यदि पानी के अंदर रहने वाले किसी सांप ने काटा है तो वह काम जहरीला होता है. यदि अपने सांप को मार दिया है या उसे पकड़ लिया तो उस सांप को देखकर उसकी प्रजाति और उसके जहर की स्थिति का पता किया जा सकता है. कई लोग सांप देख कर बता देते हैं कि वह जहरीला है या नहीं. सामान्य आदमी के लिए यह समझना थोड़ा मुश्किल है, लेकिन लोगों को यह पता होना चाहिए कि लगभग 80 फ़ीसदी सांप बिना जहर के होते हैं, केवल 20 फीसदी ही सांप जहरीले प्रजाति के होते हैं.
सवाल: सांप काटने पर किस बात का ध्यान रखना चाहिए?
जवाब:यदि सांप ने काट लिया है तो मरीज को घबराना नहीं चाहिए. अधिकतर लोग सांप काटने के बाद यही सोचते हैं कि अब उनकी मृत्यु निश्चित है. ऐसी स्थिति में मरीज का हौसला बढ़ाना चाहिए. जरूरी नहीं है कि जहरीले सांप ने काटा है तो उसने आपके शरीर में जहर भी छोड़ा होगा. जहर छोड़ने की भी अलग-अलग स्थिति होती है. यदि सांप बहुत ज्यादा भूखा होगा तभी वह काटने पर जहर छोड़ता है. इसलिए किसी एक स्थिति को देखकर आप आंकलन नहीं कर सकते कि सांप जहरीला है या नहीं. यदि सांप भूखा रहा होगा और उसने यदि पहले किसी मेंढक को या जानवर को काटा है तो उसका जहर खत्म हो जाता है. भोजन करने के बाद यदि सांप आपको काटता है तो उसका कोई असर नहीं होता.
सवाल:बरसात के दिनों में क्या सावधानियां रखनी चाहिए ?
जवाब: बरसात के दिनों में यदि आप बाहर जाते हैं तो लॉन्ग बूट पहनें, हाई हील वाले जूते पहनें. बिना जूतों के बच्चों को बाहर खेलने नहीं भेजना चाहिए. पूरा शरीर ढंका होना चाहिए. बच्चों को पूरे कपड़े पहनाकर बाहर भेजना चाहिए. कपड़े जहर और इंसान के बीच दीवार का काम करते हैं. शरीर में जहर पहुंचने की मात्रा कम हो जाती है.हमारे यहां कोबरा और करैत सांप सबसे ज्यादा जहरीले प्रजाति के सांप हैं. इन सांपों को अधिकतर लोग पहचानते भी हैं. कई बार करैत सांप यदि काटता है तो उसका निशान भी शरीर पर दिखाई नहीं देता है. सांप के काटने के बाद मरीज को सुस्ती आने लगती है. आंख बंद होने लगता है. चक्कर आने लगता है. कई बार या लक्षण घबराहट में भी में भी देखने को मिलते है. ऐसे में सबसे पहले प्राथमिक उपचार करना चाहिए और तत्काल निकटतम अस्पताल या डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए.
सवाल: मरीज को कैसे राहत देने की कोशिश करनी चाहिए ?
जवाब: यदि सांप ने काट दिया है तो उसे दौरान तत्काल मरीज को किस तरह का प्राथमिक उपचार या मदद करनी चाहिए. सबसे पहले जहां हाथ या पैर में सांप ने काटा हो उस अंग को स्थिर रखना चाहिए. शरीर में ज्यादा मूवमेंट करने से जहर तेजी से फैलता है. जहर निकालने की कोशिश नहीं करनी चाहिए. शरीर पर कोई कट का निशान नहीं लगाना चाहिए. सबसे पहले जिस जगह पर सांप ने काटा है उसके थोड़ा ऊपर वाली जगह पर किसी धागे से ऐसा बांधें कि उसमें दो उंगली अंदर जा सके. कई लोग ज्यादा टाइट धागा या कपड़ा बांध देते हैं जिससे ब्लड सर्कुलेशन रुक जाता है. सांप के काटने पर झाड़ फूंक भी नहीं करना चाहिए. सांप काटने पर ज्यादातर मौतें घबराहट के चलते होती है न कि जहर के फैलने से.