नई दिल्ली: ट्रेनों में रोजाना लाखों लोग सफर करते हैं. इसके लिए वे ऑनलाइन या रेलवे के टिकट काउंटर से आरक्षित टिकट लेते हैं. ट्रेन का चार्ट बनने के बाद यदि कोई टिकट कैंसिल कराता है तो उसका रिफंड नहीं मिलता है. चार्ट बनने से पहले टिकट कैंसिल करने पर प्रोसेसिंग चार्ज काटकर टिकट का पैसा रिफंड कर दिया जाता है. रेलवे के विंडो से ली गई आरक्षित श्रेणी की टिकट को भी चार्ट बनने से पहले कैंसिल कराने पर ही रिफंड मिलता है. रेलवे कुछ परिस्थितियों में चार्ट बनने और ट्रेन रवाना होने के बाद भी रिफंड देता है. आइए जानते हैं कब मिलता है रिफंड और क्या है इसको लेने का तरीका.
ट्रेन कैंसिल, डायवर्ट या शार्ट -टर्मिनेट होने पर
रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि यदि रेलवे की तरफ से ट्रेन कैंसिल की जाती है तो पूरा रिफंड मिलता है. ऑनलाइन टिकट खुद कैंसिल हो जाती है. जिन यात्रियों के पास विंडो टिकट होता है. उन्हें 72 घंटे के अंदर रेलवे के काउंटर से टिकट कैंसिल कराना होगा. यदि ट्रेन डाइवर्ट हो जाती है या ट्रेन के डाइवर्ट होने के कारण यात्री उस स्टेशन तक नहीं पहुंच पाता है, जहां तक उसने टिकट बुक किया हुआ है. ऐसे स्थिति में इंटरनेट टिकट वालों को ऑनलाइन टीडीआर फ़ाइल करना पड़ेगा. विंडो टिकट वाले रेलवे काउंटर पर टिकट जमा कर रिफंड ले सकते हैं.