कोरिया: कोरिया में ईटीवी भारत की खबर का असर देखने को मिला है. जिले के बैकुंठपुर विकासखंड के कसरा गांव के मासूम बच्चों की शिक्षा को लेकर पांच साल से चली आ रही संघर्ष खत्म हुई. जिला कलेक्टर चंदन त्रिपाठी की तत्परता के कारण बच्चों को नया विद्यालय भवन मिला है. अब ये बच्चे खंडहर और असुविधाओं से भरे स्कूल में नहीं बल्कि एक सुरक्षित और बेहतर वातावरण में पढ़ाई कर सकेंगे.
खंडहर में पढ़ना था मजबूरी: कसरा का प्राथमिक विद्यालय पिछले पांच सालों से जर्जर अवस्था में था. इस स्कूल को साल 2019 में खतरनाक घोषित कर दिया गया था. उस समय से ग्रामीणों की मदद से स्कूल का संचालन एक स्थानीय व्यक्ति के बरामदे में किया जा रहा था. इस अस्थाई व्यवस्था में छात्रों को बेहद कठिनाइयों का सामना करना पड़ा. बरामदे में बारिश के दौरान पानी टपकने से बच्चों का बैग और किताब भीग जाता था. खेल-कूद के लिए भी कोई स्थान नहीं था.