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Rajasthan: अस्पताल स्थापित करना नीतिगत निर्णय, हाईकोर्ट ने दखल से किया इनकार

देवली नगर पालिका अध्यक्ष की पत्नी के नाम प्रस्तावित अस्पताल के पास भूमि होने के मामले में कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी.

Rajasthan High Court
राजस्थान हाईकोर्ट (ETV Bharat Jaipur)

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : 5 hours ago

जयपुर: राजस्थान हाईकोर्ट ने टोंक जिले की देवली नगर पालिका में अस्पताल आवंटन के लिए भूमि चिन्हित करने के खिलाफ दायर याचिका को खारिज कर दिया है. अदालत ने कहा कि अस्पताल के लिए जगह चिन्हित करना सरकार का नीतिगत निर्णय है और इस भूमि का पालिका अध्यक्ष की पत्नी की जमीन से सटे होने मात्र से दुर्भावना का कोई आधार नहीं बनता है. इसके अलावा अध्यक्ष की पत्नी को याचिका में पक्षकार बनाए बिना ही उन पर आरोप लगाया गया है. ऐसे में याचिका को खारिज किया जाता है. जस्टिस अवनीश झिंगन की एकलपीठ ने यह आदेश जितेन्द्र सिंह की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.

याचिका में अधिवक्ता लक्ष्मीकांत मालपुरा ने अदालत को बताया कि देवली नगर पालिका ने 1.24 एकड़ में सरकारी अस्पताल बनाने का प्रस्ताव पास कर इसे स्वीकृति के लिए राज्य सरकार के पास भेजा. मामले में निजी खातेदार ने भी 60 फीट रोड निर्माण के लिए भूमि समर्पित करने के लिए अपनी सहमति दे दी. वहीं गत 11 सितंबर को चिकित्सा विभाग ने प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया. याचिका में कहा गया कि अस्पताल के लिए चिन्हित की गई इस जमीन से सटकर नगर पालिका अध्यक्ष की पत्नी की जमीन है. ऐसे में उन्हें लाभ पहुंचाने के लिए इस जमीन पर अस्पताल स्थापित करने का निर्णय लिया गया है.

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इसके अलावा निजी खातेदार ने भी अपनी जमीन की कीमत बढ़ाने के लिए रोड के लिए भूमि समर्पित की है. याचिका में कहा गया कि अस्पताल स्थापित करने के लिए इस स्थान से अधिक अन्य उपयुक्त स्थान उपलब्ध हैं, लेकिन पालिका अध्यक्ष की पत्नी को लाभ पहुंचाने के लिए इस भूमि को अस्पताल के लिए चिन्हित किया गया है. जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने इसे नीतिगत निर्णय बताते हुए याचिका को खारिज कर दिया है.

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