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हाथरस जैसी घटनाओं को रोकने के लिए खास डिवाइस तैयार; ज्यादा भीड़ होने पर क्राउड कंट्रोल अलार्म डिवाइस देगा अलर्ट, इंजीनियरिंग छात्रों का नया अविष्कार - gorakhpur News

गोरखपुर के इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट गीडा (gorakhpur News) के कंप्यूटर साइंस के छात्रों ने एक यंत्र विकसित किया है. यह डिवाइस निर्धारित संख्या सें अधिक भीड़ होने पर तत्काल पुलिस को सूचना देगी.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jul 11, 2024, 5:40 PM IST

हाथरस जैसी घटनाओं को रोकने के लिए खास डिवाइस तैयार (वीडियो क्रेडिट : ETV bharat)

गोरखपुर : हाथरस जैसी घटना ने इंजीनियरिंग के छात्रों को क्राउड मैनेजमेंट सिस्टम विकसित करने के लिए विवश किया है. इसी क्रम में गोरखपुर के इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट गीडा के कंप्यूटर साइंस के छात्रों ने एक यंत्र विकसित किया है, जिसका उन्होंने नाम दिया है 'क्राउड कंट्रोल अलार्म डिवाइस'.

इंजीनियरिंग के छात्रों ने क्राउड कंट्रोल अलार्म डिवाइस तैयार की (फोटो क्रेडिट : ETV bharat)

हाथरस सत्संग में मची भगदड़ की घटना और मौत को देखते हुए भविष्य में दोबारा ऐसी घटना न हो इसके लिए कंप्यूटर साइंस प्रथम वर्ष के छात्र अंशित श्रीवास्तव और उसके साथी ने मिलकर तीन दिनों के अंदर कॉलेज के इन्नोवेशन लैब में इस डिवाइस का आविष्कार किया है. सत्संग, कथा, जनसभा आदि स्थानों पर स्थानीय पुलिस अधिकारियों द्वारा मिली निर्धारित संख्या सें अधिक भीड़ होने पर तत्काल डिवाइस पुलिस को सूचना देगी, जिससे नजदीकी पुलिस समय रहते स्थिति का सामना करने के लिए तैयार रहे और अत्याधिक भीड़ एकत्र होने पर आयोजकों पर कार्रवाई कर सके. छात्रों ने इस उपकरण को क्राउड अलार्म नाम दिया है जो भीड़ नियंत्रण और सूचना संकलन का काम करेगा.

हाथरस जैसी घटनाओं को रोकने के लिए खास डिवाइस तैयार (फोटो क्रेडिट : ETV bharat)

छात्र अंशित श्रीवास्तव ने बताया कि इस क्राउड अलार्म डिवाइस को कथा आयोजन के कैंप में प्रवेश द्वार पर लगाया जाएगा. जिससे अंदर प्रवेश करने वाले का डेटा डिवाइस स्क्रीन पर, नम्बरों के माध्यम सें पुलिस थाने में दिखता रहेगा. पुलिस अधिकारी द्वारा दी गई अनुमति से ज्यादा भीड़ उस जगह पर इकठ्ठा होती है तो ये क्राउड डिवाइस मोबाइल नेटवर्क के माध्यम से थाने के अधिकारी के नम्बर पर कॉल कर सूचना देने का काम करता है, जिससे पुलिस अधिकारी समय रहते उचित कार्रवाई कर सके. इसे बनाने में मात्र दस से बारह हजार रुपये का खर्च आया है.

कंप्यूटर साइंस द्वितीय वर्ष के छात्र साजिद हुसैन ने बताया कि इस प्रोजेक्ट को बनाने मे लेजर सेंसर, एलडीआर सेंसर, काउंटर मीटर, 3.7 वोल्ट बैटरी, GSM मोबाइल आदि उपकरणों का उपयोग किया गया है, इससे क्राउड कंट्रोल करना पुलिस प्रशासन के लिए बेहद आसान हो जाएगा, क्योंकि तय संख्या से अधिक होने पर उसकी सूचना उन्हें प्राप्त होगी. जिसके आधार पर वह रोक लगाने, नई व्यवस्था बनाने और आयोजक को भी सतर्क करने में सफल होंगे.

संस्थान के निदेशक डॉ एनके सिंह ने बताया कि हाथरस में हुई घटना सें हम सभी दुखी हैं, लेकिन भविष्य मे ऐसी घटना की पुनरावृति ना हो इसके लिए हमारे छात्रों ने एक अच्छा प्रयास किया है, जिससे समय रहते इस तरह की घटना को रोका जा सके. इस अवसर पर संस्थान के अध्यक्ष नीरज मातनहेलिया, सचिव श्याम बिहारी अग्रवाल, कोषाध्यक्ष निकुंज मातनहेलिया, संयुक्त सचिव अनुज अग्रवाल सहित संस्थान के सभी शिक्षकों ने बधाई देते हुए प्रसन्नता व्यक्त किया और छात्रों के प्रयोग को भविष्य के लिए बहुत ही उपयोगी बताया है.

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