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चंडीगढ़ पीजीआई में कर्मचारियों की हड़ताल, इलाज के दर-दर भटकने को मजबूर मरीज

Employees protest at Chandigarh PGI: चंडीगढ़ पीजीआई में कॉन्ट्रैक्ट बेस्ड कर्मचारियों की हड़ताल जारी है. जिससे मरीजों को परेशानी हो रही हैं.

Employees protest at Chandigarh PGI
Employees protest at Chandigarh PGI (Etv Bharat)

By ETV Bharat Haryana Team

Published : Oct 15, 2024, 10:35 AM IST

चंडीगढ़: 5 दिनों से चंडीगढ़ पीजीआई में कॉन्ट्रैक्ट बेस्ड कर्मचारियों की हड़ताल जारी है. जिसके चलते मरीजों को परेशानी हो रही है. जो मरीज चंडीगढ़ पीजीआई इलाज के लिए पहुंच रहे हैं. वो कर्मचारियों की हड़ताल की वजह से निराश होकर वापस लौट रहे हैं. कर्मचारियों की हड़ताल को देखते हुए चंडीगढ़ प्रशासन ने दूसरे अस्पतालों से अपील की है कि वो यहां मरीजों को रेफर ना करें.

चंडीगढ़ पीजीआई में कर्मचारियों की हड़ताल: हड़ताल का कारण अस्पताल में कॉन्ट्रैक्ट पर काम करने वाले 1600 से अधिक कर्मचारी है. जो वेतन में बढ़ोतरी और एरियर की मांग को लेकर काम बंद कर प्रदर्शन कर रहे हैं. सभी कर्मचारी पीजीआई के डायरेक्टर के दफ्तर के सामने धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. इस हड़ताल में मुख्य रूप से अटेंडेंट सफाई कर्मचारी और किचन स्टाफ शामिल है. इन सभी कर्मचारियों की हड़ताल की वजह से पीजीआई में चिकित्सा सेवाएं ठप हो गई हैं. मरीजों की बुनियादी देखभाल नर्सिंग स्टाफ को करनी पड़ रही है.

चंडीगढ़ पीजीआई में कर्मचारियों की हड़ताल, इलाज के दर-दर भटकने को मजबूर मरीज (Etv Bharat)

मरीजों को नहीं मिल रहा इलाज! चंडीगढ़ पीजीआई में 7 से अधिक राज्यों के लोग इलाज करने के लिए आते हैं. कई मरीज ऐसे हैं. जिनके लिए समय पर इलाज पाना जीवन और मृत्यु का सवाल है, लेकिन वर्तमान स्थिति में उन्हें सिर्फ निराश होकर ही वापस लौटना पड़ रहा है. वहीं दूसरी ओर कूड़े के ढेर लगाते जा रहे हैं. जिससे मरीजों को अस्पताल के अंदर रहने में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. ओपीडी सेवाएं लगभग पूरी तरह बंद हो चुकी हैं. नए मरीजों का पंजीकरण भी बंद किया गया है.

प्रशासन और कर्मचारियों के बीच टकराव: चंडीगढ़ पीजीआई प्रशासन लगातार इस समस्या का समाधान निकालने की कोशिश में लगा हुआ है, लेकिन कर्मचारियों की मांगों पर सहमति नहीं बन पाई है. हड़ताल के पांचवें दिन प्रशासन ने कांट्रेक्ट वर्कर्स यूनियन के प्रधान के खिलाफ केस दर्ज कराया. जिसे तनाव और बढ़ गया. अब हड़ताल का असर अस्पताल के हर कोने में देखा जा रहा है, लेकिन समाधान अभी तक नहीं निकल पाया है.

वेतन बढ़ोतरी की मांग: ठेकेदार वर्कर्स यूनियन के प्रधान विक्रमजीत सिंह ने कहा कि हमारी मांगे साफ है. प्रशासन को हमारी मांगों के बारे में पूर्ण ज्ञान है. इसके साथ ही पीजीआई के अन्य कर्मी संगठन भी हमारे साथ खड़ी है. हाई कोर्ट के निर्णय के बावजूद भी वर्करों का पैसा नहीं दे रही. ऐसे में हमारे पास हड़ताल करने के अलावा और कोई रास्ता नहीं है.

समाधान की उम्मीद: राकेश चौहान ने बताया कि पीजीआई चंडीगढ़ में इस हड़ताल से सेवाएं बुरी तरह प्रभावित होना ना केवल मरीजों के लिए बल्कि परिजनों के लिए भी बड़ी चिंता का विषय है. सभी की नजरें इस बात पर टिकी है कि यह संकट कब समाप्त होगा. उन्होंने चंडीगढ़ पीजीआई प्रशासन से मांग करते हुए कहा कि फिलहाल जल्द से जल्द मांगों को पूरा किया जाए.

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