जयपुर.राजस्थान वॉटर सप्लाई एंड सीवरेज कॉरपोरेशन (आरडब्ल्यूएसएससी) के नए सिरे से गठन के मामले का विरोध बढ़ता जा रहा है. जल भवन में सोमवार को अभियंताओं और कर्मचारी संगठनों की ओर से प्रदर्शन किया गया. जल भवन में हुए इस प्रदर्शन में बड़ी संख्या में अभियंताओं और कर्मचारियों ने हिस्सा लिया और एक स्वर में मांग की कि सरकार राजस्थान वाटर सप्लाई एंड सीवरेज कॉरपोरेशन के निर्णय को वापस लें. इस मुद्दे को लेकर सरकार को 7 दिन का अल्टिमेटम दिया गया है.
आरडब्ल्यूएसएससी आंदोलन के मामले में अभियंताओं, अधिकारियों और कर्मचारियों ने संयुक्त संघर्ष समिति का गठन किया गया है. इसमें 13 संगठन शामिल है. संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले सैंकड़ों अभियंता और कर्मचारी जल भवन में एकत्र हुए आरडब्ल्यूएसएससी को वापस लेने की मांग को लेकर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. संयुक्त संघर्ष समिति ने प्रदर्शन के बाद चीफ इंजीनियर (प्रशासन) को मुख्यमंत्री और विभाग के शासन सचिव के नाम ज्ञापन भी सौंपा.
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संयुक्त संघर्ष समिति ने मांग की कि जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के कार्यों एवं कार्मिकों को आरडब्ल्यूएसएससी को हस्तांतरित करने की प्रक्रिया पर तत्काल रोक लगाई जाए. अभियंताओं और कर्मचारियों की 2023-24 एवं 2024-25 की डीपीसी जुलाई में ही संपन्न करवाई जाए. तकनीकी कर्मचारियों की भर्ती तुरंत की जाए. विभागीय अभियंताओं के खिलाफ एक तरफा कार्रवाई तुरंत रोकी जाए. संयुक्त संघर्ष समिति ने 7 दिन का सरकार को अल्टीमेटम दिया है और कहा है कि 7 दिन में यदि उनकी मांग पूरी नहीं होती है तो 29 जुलाई से राज्यव्यापी आंदोलन और धरना प्रदर्शन किया जाएगा. राजस्थान पीएचईडी तकनीकी कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष संतोष विजय ने बताया कि बजट में सरकार ने पेयजल परियोजनाओं को राजस्थान वॉटर सप्लाई एंड सीवरेज कॉरपोरेशन को देने की घोषणा की है. यह 1979 में बना एक्ट है. हम इस काले कानून का पुरजोर विरोध करते हैं. हमारी सरकार से मांग है कि इसे तुरंत निरस्त किया जाए और अभियंताओं और कर्मचारियों को राहत दी जाए.