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बालोद में दंतैल, 6 साल में पहली बार आगे ना बढ़कर पीछे लौटा हाथी - Tusker elephant in Balod - TUSKER ELEPHANT IN BALOD

Balod Elephant News बालोद में दंतैल हाथी पिछले महीनेभर से घूम रहा है. वन विभाग के मुताबिक दंतैल हाथी कभी अपना रास्ता रोकते नहीं है और लगातार आगे बढ़ते हैं लेकिन बालोद के गुरुर और डौंडी फॉसेर्सट एरिया में हाथी आगे बढ़ने की बजाय पीछे आ रहा है.

ELEPHANTS IN BALOD
बालोद में दंतैल हाथी (ETV BHARAT)

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : May 31, 2024, 9:00 AM IST

बालोद:गुरुर और डौंडी फॉरेस्ट एरिया में पिछले एक महीने से दंतैल हाथी घूम रहा है. हाथी के पीछे वन विभाग भी एक्टिव है, लगातार उनपर नजर बनाए हुए हैं. गुरुवार रात दंतैल हाथी ME 3 सेमरकोना के बनिता खैरवार में घर की बाड़ी में घुस गए. जिन्हें वन विभाग के कर्मचारियों ने सुरक्षित बाहर निकाला.

बालोद में दंतैल हाथी (ETV BHARAT)

6 साल में दंतैल हाथी आगे बढ़ने की बजाय पीछे लौटा:6 साल में ऐसा पहली बार हुआ जब ME 3 हाथी आगे ना बढ़कर पीछे लौट रहा है. मुल्ले से आगे दल्लीराजरहा की तरफ ना बढ़कर हाथी वापस तालगांव होते हुए सेमरकोना गांव की तरफ से नर्रा की तरफ बढ़ रहा है. बताया जा रहा है कि दंतैल हाथी अपना रास्ता नहीं रोकता. वह उसी रास्ते में बढ़ते रहता है.

हाथी पर वन विभाग की नजर, गांव वालों को किया अलर्ट:उप वनमंडल अधिकारी डिंपी बैस भी अपने टीम के साथ मौके पर डटी रही. हाथी विचरण क्षेत्र पहुंचकर गांववालों को सुरक्षित रहने अलर्ट किया. डिंपी बैस ने बताया "ME3 हाथी मुल्ले से वापसी कर सेमरकोना गांव पहुंचा है. हाथी आमों के बगीचे में घूमते हुए नर्रा की तरफ आगे बढ़ गया. वन विभाग की टीम दूर से हाथी की निगरानी कर रही है. आसपास के गांव के लोगों को हाथी से दूर रहने और रात को घरों में ही रहने की सलाह दी जा रही है. ग्रामीणों से कहा गया है कि वे अकेले जंगल ना जाएं."

सालभर में हाथी से नहीं हुई एक भी मौत: बालोद वन विभाग की सक्रियता की वजह से पिछले एक साल में हाथियों के हमले से कोई मौत दर्ज नहीं हुई है. हालांकि आर्थिक नुकसान हुआ है लेकिन उसका मुआवजा भी दिया जा रह है.

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