लोगों की नींद उड़ाकर जंगल में चैन की नींद ले रहा गजराज का परिवार, ड्रोन कैमरे में कैद हुई शानदार तस्वीर - Elephant Sleeping in Forest - ELEPHANT SLEEPING IN FOREST
छत्तीसगढ़ में हाथी मानव द्वंद की खबरें ही सुर्खियां बटोरती है. सोते हुए हाथी कैसे लगते हैं, इस तरह की तस्वीर कम ही देखने को मिलती है. ऐसे में सुकून की नींद लेते हाथियों की खूबसूरत तस्वीर वन विभाग के ड्रोन कैमरे ने कैद की है. हाथियों की यह शानदार तस्वीर बेहद आकर्षक है.
कोरबा : एक दशक पहले तक जो हाथी हसदेव अरण्य क्षेत्र में शामिल सरगुजा से लगे कटघोरा वन मंडल में आकर वापस लौट जाते थे. वही घना जंगल अब हाथियों को खूब पसंद आ रहा है. हाथियों के दल ने अब इन जंगलों को अपना स्थाई निवास बना लिया है. इन जंगलों में हाथियों का एक बड़ा परिवार चैन की आराम फरमा रहा है. इस बीच वन विभाग के ड्रोन कैमरे में हाथियों के दल की सोते हुए शानदार तस्वीर कैद हुई है.
जंगल में आराम फरमा रहा हाथियों का दल : वन विभाग की टीम ने सोते हुए हाथियों के दल की तस्वीर ड्रोन कैमरे में कैद किया है. सुकून की नींद लेते हाथियों की तस्वीर बेहद खूबसूरत है. इस पोटो में 48 हाथियों का परिवार आराम से जमीन पर लेटा हुआ है. कुछ बेबी एलीफेंट भी साफ तौर पर दिखाई दे रहे हैं. हाथियों की यह शानदार तस्वीर काफी आकर्षक है.
ड्रोन कैमरे में कैद हुई हाथियों की शानदार तस्वीर (ETV Bharat)
शांति से रहना पसंद करते हैं हाथी :हाथी अपने क्षेत्र में सुकून और शांति से रहना पसंद करते हैं. उन्हें अपने आस-पास किसी का भी दखल नापसंद होता है. उन्हें परेशान करने वाले लोग, जंगल को उजाड़ने वाले, खनन करने वाले जब उनके आस पास जाते हैं, तो ही वे आक्रामक होते हैं.
वनमंडल में 7 वन परिक्षेत्र हाथियों को भाया : कोरबा जिले के कटघोरा वन मंडल में 7 वन परिक्षेत्र आते हैं. इनमें 4 वन परिक्षेत्र केंदई, पसान, ऐतमा नगर और जटगा में 4 साल से 48 हाथी लगातार जमे हुए हैं. वर्तमान फोटो व वीडियो केदई रेंज के बीट गार्ड अशोक श्रीवास ने चोटिया बीट एरिया में अपने ड्रोन कैमरा से कैद किया है. अब भी इस क्षेत्र में 48 साथी विचारण कर रहे हैं, जिसमें से कुछ हाथी आराम करते देखे गए हैं.
हाई अलर्ट मोड में वन विभाग :इस तस्वीर के सामने आने के बाद वन विभाग काफी अलर्ट मोड में है. लगातार हाथी प्रभावित व आसपास के क्षेत्र में मुनादी कराई जा रही है. ताकि ग्रामीण जंगल की ओर न जाएं, जिससे हाथियों के उग्र होने की कोई भी संभावना बने. हाथियों के परिवार में बेबी एलीफेंट के होने से संवेदनशीलता बनी हुई है. वन विभाग भी लगातार हाथियों पर नजर बनाकर रखे हुए है.