बस्ती : "नहीं देते स्थान भगवान भी अपने चरणों में, जिसके कारण मां रोती है, कर देती है हमारे हर गुनाह को माफ, अपनी संतान में जान उसकी होती है, जो कर सके वर्णन मां का, इतनी शक्ति कहां शब्दों में होती है, लाख सोचा क्या लिखूं मैं उसके बारे में, लिख सका मैं बस इतना ही मां के बारे में, जब लगे चोट तो, मुख से निकली आवाज मां होती है, मां तो बस मां होती है, कहते हैं सब, मां तो मां होती, नहीं मिला कोई जवाब, मां ऐसी क्यों होती है, मां तो बस मां होती है". इन पंक्तियों के एक एक शब्द में मां की ममता छिपी है, मां अपने बेटों के लिए हर दर्द सहती है, मगर जब बेटे अपनी ही माता-पिता को प्रताड़ित करने लगे तो ऐसी संतानों के लिए निःसंदेह आपके दिल में भी सिर्फ और सिर्फ क्रोध ही दिखेगा.
बस्ती लालगंज थाना क्षेत्र के परसाय गांव के दो नशेबाज बेटों की करतूत सुनकर कोई भी अपना क्रोध रोक नहीं पाएगा. परसाय गांव के रहने वाले बुजुर्ग रामतेज (70) और उनकी पत्नी आज सब कुछ होते हुए भी बेघर और खाने के लिए मोहताज हैं. रामतेज ने स्थानीय पुलिस को शिकायती पत्र दिया है. रामतेज के अनुसार उनके दो बेटे शिवम और कालेदीन हैं. दोनों अव्वल दर्ज के नशेड़ी हैं. आरोप है कि दोनों ने पहले बुजुर्ग मां-बाप को जमकर पीटा और घर दुकान में तोड़ फोड़ कर दी. इसके बाद माता-पिता को घर से बाहर निकाल दिया. इसके बाद दंपती अब बेसहारा की जिंदगी जीने को मजबूर हैं.