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तेजोमहालय विवाद में  अब 5 अप्रैल को अगली सुनवाई - TEJO MAHALAYA CONTROVERSY

आगरा में ताजमहल या तेजो महालय विवाद मामले की सुनवाई की तारीख 5 अप्रैल तय की गई है.

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तेजोमहालय विवाद मामला (photo credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Feb 24, 2025, 5:44 PM IST

आगरा: जिले में दीवानी स्थित अतिरिक्त सिविल जज (जूनियर डिवीजप) 1 की अदालत में सोमवार को ताजमहल या तेजो महालय विवाद मामले की सुनवाई हुई. जिसमें वादी और प्रति वादी के अधिवक्ताओं में बहस हुई. इस मामले में भारत संघ व उत्तर प्रदेश राज्य को विपक्षी बनाए जाने धारा 80 (2) सीपीसी का प्रार्थना पत्र अभी विचाराधीन है. इसके साथ ही सुनवाई में कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई की तारीख पांच अप्रैल 2025 तय की है. इसके साथ ही ताजमहल या तेजोमहालय का एक एक अन्य मामला लघुवाद न्यायालय में चल रहा है.

बता दें कि आगरा की अलग - अलग अदालत में ताजमहल या तेजोमहालय का विवाद चल रहा हैं. जिसमें एक मामला योगी यूथ ब्रिगेड की ओर से लघुवाद न्यायालय में विचाराधीन है. दूसरे मामले में वादी योगेश्वर श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संघ ट्रस्ट है. इस मामले में 30 जनवरी को सुनवाई हुई थी. योगेश्वर श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संघ ट्रस्ट ने आगरा की अतिरिक्त सिविल जज (जूनियर डिवीजन) 1 कोर्ट में ताजमहल या तेजोमहालय का केस किया. जिसकी संख्या 197/2024 है. जिसमें श्री भगवान श्री तेजोमहादेव तेजोलिंग महादेव आदि बनाम सचिव संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार समेत अन्य है.

इसे भी पढ़ें - ताजमहल या तेजोमहालय केस ; एएसआई और मुस्लिम पक्ष ने फिर मांगा समय, अगली तारीख छह मार्च - TAJ MAHAL OR TEJO MAHALAYA CASE

अगली सुनवाई की मिली तारीख : वादी योगेश्वर श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संघ ट्रस्ट के अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह ने बताया कि कोर्ट में सुनवाई में धारा 80(2) सीपीसी के प्रार्थना पत्र पर बहस हुई. बहस में मैंने न्यायालय को अवगत कराया कि पत्रवाली में सभी विपक्षीगण लोक सेवक हैं. जिसमें भारत संघ व उत्तर प्रदेश सरकार को प्रतिपक्षी बनाने के लिए दो माह के नोटिस का समय सीमा से छूट कोर्ट से दिये जाने की प्रार्थना की. इस पर उत्तर प्रदेश सरकार के अधिवक्ता सूरज कुमार ने विरोध करके कहा कि ये अर्जेंसी नहीं है. इसलिए छूट नहीं दी जा सकती है. जिस पर वादी अधिवक्ता ने न्यायालय को अवगत कराया कि धारा 80(2) सीपीसी के प्रार्थना पत्र में वही अधिवक्ता रहेंगे और सरकारी अधिकारी रहेंगे. नोटिस का अर्थ सूचना देना होता है. सभी प्रतिपक्षीगणों को इसकी सूचना पहले से है. न्यायालय ने सभी पक्षों को सुनकर इस मामले में सुनवाई की अगली तिथि पांच अप्रैल नियत की है.

यह भी पढ़ें - ताजमहल-तेजोमहालय विवाद; सर्वे कराने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई आज, पढ़िए पूरा मामला - TAJ MAHAL SURVEY COURT HEARING

आगरा: जिले में दीवानी स्थित अतिरिक्त सिविल जज (जूनियर डिवीजप) 1 की अदालत में सोमवार को ताजमहल या तेजो महालय विवाद मामले की सुनवाई हुई. जिसमें वादी और प्रति वादी के अधिवक्ताओं में बहस हुई. इस मामले में भारत संघ व उत्तर प्रदेश राज्य को विपक्षी बनाए जाने धारा 80 (2) सीपीसी का प्रार्थना पत्र अभी विचाराधीन है. इसके साथ ही सुनवाई में कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई की तारीख पांच अप्रैल 2025 तय की है. इसके साथ ही ताजमहल या तेजोमहालय का एक एक अन्य मामला लघुवाद न्यायालय में चल रहा है.

बता दें कि आगरा की अलग - अलग अदालत में ताजमहल या तेजोमहालय का विवाद चल रहा हैं. जिसमें एक मामला योगी यूथ ब्रिगेड की ओर से लघुवाद न्यायालय में विचाराधीन है. दूसरे मामले में वादी योगेश्वर श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संघ ट्रस्ट है. इस मामले में 30 जनवरी को सुनवाई हुई थी. योगेश्वर श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संघ ट्रस्ट ने आगरा की अतिरिक्त सिविल जज (जूनियर डिवीजन) 1 कोर्ट में ताजमहल या तेजोमहालय का केस किया. जिसकी संख्या 197/2024 है. जिसमें श्री भगवान श्री तेजोमहादेव तेजोलिंग महादेव आदि बनाम सचिव संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार समेत अन्य है.

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अगली सुनवाई की मिली तारीख : वादी योगेश्वर श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संघ ट्रस्ट के अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह ने बताया कि कोर्ट में सुनवाई में धारा 80(2) सीपीसी के प्रार्थना पत्र पर बहस हुई. बहस में मैंने न्यायालय को अवगत कराया कि पत्रवाली में सभी विपक्षीगण लोक सेवक हैं. जिसमें भारत संघ व उत्तर प्रदेश सरकार को प्रतिपक्षी बनाने के लिए दो माह के नोटिस का समय सीमा से छूट कोर्ट से दिये जाने की प्रार्थना की. इस पर उत्तर प्रदेश सरकार के अधिवक्ता सूरज कुमार ने विरोध करके कहा कि ये अर्जेंसी नहीं है. इसलिए छूट नहीं दी जा सकती है. जिस पर वादी अधिवक्ता ने न्यायालय को अवगत कराया कि धारा 80(2) सीपीसी के प्रार्थना पत्र में वही अधिवक्ता रहेंगे और सरकारी अधिकारी रहेंगे. नोटिस का अर्थ सूचना देना होता है. सभी प्रतिपक्षीगणों को इसकी सूचना पहले से है. न्यायालय ने सभी पक्षों को सुनकर इस मामले में सुनवाई की अगली तिथि पांच अप्रैल नियत की है.

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