रुद्रप्रयाग: सीमान्त गांवों में पर्यटन व होम स्टे योजना को बढ़ावा देने के उद्देश्य से विगत दिनों केदार घाटी के सीमान्त गांवों में पहुंचा बैंगलोर का आठ सदस्यीय दल सकुशल वापस लौट गया है. सीमान्त गांवों के भ्रमण के दौरान दल ने पहाड़ की आध्यात्मिक, सांस्कृतिक व पौराणिक परम्पराओं का अध्ययन किया. साथ ही फुलारी महोत्सव तथा पहाड़ की रहन-सहन से भी रूबरू हुए.
पंच केदार यात्रा गांव के नेतृत्व में बैंगलोर के आठ सदस्यीय दल ने पहाड़ की संस्कृति से रूबरू होने के बाद आयोजित एक कार्यक्रम में बताया कि पहाड़ के पग-पग पर आत्मियता झलकती है. बैंगलोर निवासी श्याम कृष्णा ने कहा तल्लानागपुर के ग्वांस-उसनतोली बुग्याल, कार्तिक स्वामी पैदल ट्रैक बहुत ही खूबसूरत है. उसनतोली बुग्याल को प्रकृति ने अपने वैभवों का भरपूर दुलार दिया है.भविष्य में इस पैदल ट्रैक में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं. जिस पर सरकार और शासन-प्रशासन को कार्य करने की जरूरत है. दीपक ने कहा हिल स्टेशन मोहनखाल बहुत ही खूबसूरत है. मोहनखाल-किणझाणी-चन्द्रनगर पैदल ट्रैक विकसित करने से सीमांत गांवों में होम स्टे योजना को बढ़ावा मिल सकता है. स्मृति ने कहा पहाड़ का रहन-सहन व यहां के लोगों के व्यवहार में आत्मियता झलकती है.