दंतेवाड़ा: दंतेवाड़ा में सुरक्षाबलों को रविवार के दिन अहम कामयाबी हाथ लगी है. छत्तीसगढ़ पुलिस की तरफ से चलाए जा रहे लोन वर्राटू अभियान के तहत दो नक्सलियों ने सरेंडर किया है. नक्सललैंड दंतेवाड़ा में जब से लाल आतंक पर लोन वर्राटू अभियान भारी पड़ता जा रहा है. लोन वर्राटू अभियान का अर्थ है घर वापस आइए. बस्तर की गोंडी भाषा में घर वापस आने को लोन वर्राटू कहा जाता है. इसी तर्ज पर छत्तीसगढ़ पुलिस की तरफ से लोन वर्राटू अभियान चलाया जा रहा है. जिसके तहत यह सफलता हाथ लगी है. इस अभियान और शासन की नक्सल उन्मूलन नीति से प्रभावित होकर दो माओवादियों ने सरेंडर किया है.
नक्सलगढ़ दंतेवाड़ा में लाल आतंक पर लोन वर्राटू भारी, दो नक्सलियों का सरेंडर, अब तक 681 माओवादियों ने डाले हथियार
Effect of Lone Varatu on Naxalites दंतेवाड़ा में खून खराबा और हिंसा से परेशान होकर दो नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है. लोन वर्राटू अभियान के तहत दोनों माओवादियों ने समाज की मुख्य धारा में शामिल होने का फैसला लिया है. सिक्योरिटी फोर्स की टीम इसे अहम कामयाबी मान रही है.Naxalites in Dantewada
By ETV Bharat Chhattisgarh Team
Published : Mar 17, 2024, 6:51 PM IST
|Updated : Mar 17, 2024, 7:02 PM IST
सरेंडर करने वाले नक्सलियों के बारे में जानिए: सरेंडर करने वाले नक्सलियों में नक्सली हिड़मा मंडावी और देवा मंडावी शामिल है. देवा मंडावी तेलम पुजारीपारा संघम का सदस्य है. वह कटेकल्याण एरिया कमेटी में लगातार सक्रिय रहा है. जबकि संघम सदस्य हिड़मा मंडावी तेलम स्कूलपारा कटेकल्याण इलाके में एक्टिव रहा है. दोनों नक्सलियों ने रविवार को दंतेवाड़ा एसपी गौरव राय और एएसपी रामकुमार बर्मन के सामने आत्मसर्पण किया है. दोनों नक्सलियों ने बताया कि माओवादियों के शोषण और हिंसा की नीति से परेशान होकर उन्होंने यह कदम उठाया. वह चाहते हैं कि आने वाले समय में समाज की मुख्यधारा में शामिल होकर एक आम शहरी का जीवन जी सकें.
लोन वर्राटू अभियान की सफलता: दंतेवाड़ा में लोन वर्राटू अभियान को लगातार सफलता मिल रही है. जो युवा नक्सल संगठन में जुड़ चुके हैं वह इस अभियान से प्रभावित होकर सरेंडर कर रहे हैं और समाज की मुख्य धारा में शामिल हो रहे हैं.