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उत्तराखंड छात्रवृत्ति घोटाले के आरोपियों के खिलाफ जारी होगा समन, ED की स्पेशल कोर्ट करेगी सुनवाई - Scholarship Scam in Uttarakhand

Scholarship Scam in Uttarakhand उत्तराखंड के बहुचर्चित छात्रवृत्ति घोटाले का मामला एक बार फिर से चर्चाओं में है. दरअसल, ईडी की स्पेशल कोर्ट ने मामले से जुड़ी चार्जशीट का संज्ञान लिया है. इस मामले में कोर्ट ने 8 नवंबर को सुनवाई के लिए तारीख तय कर दी है. कोर्ट के संज्ञान लेने के बाद अब मामले में आरोपियों को समन जारी किए जाएंगे.

Enforcement Directorate
प्रवर्तन निदेशालय (फोटो सोर्स- IANS)

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Sep 11, 2024, 10:36 PM IST

देहरादून:उत्तराखंड के चर्चित छात्रवृत्ति घोटाले के मामले में नया अपडेट सामने आया है. मामले में ईडी यानी प्रवर्तन निदेशालय की स्पेशल कोर्ट ने सुनवाई के लिए 8 नवंबर का दिन तय किया है. इसके बाद अब मामले के आरोपियों को समन जारी किए जाएंगे. प्रवर्तन निदेशालय में इस मामले में चार्जशीट तैयार की है, जिसका स्पेशल कोर्ट ने संज्ञान लिया है.

छात्रवृत्ति घोटाले का जिन्न फिर आया बाहर:उत्तराखंड में छात्रवृत्ति घोटाले का यह मामला कई साल पुराना है. इस मामले में सबसे पहले एसआईटी (SIT) ने जांच की थी. लंबे समय तक की गई जांच में कई अधिकारियों के साथ ही विभिन्न शिक्षण संस्थानों के मालिक और अधिकारियों को आरोपी बनाया गया था. अब यह मामला फिर से बाहर आ गया है.

छात्रवृत्ति घोटाला मामले में 100 से ज्यादा मुकदमे दर्ज:साल 2017 में यह पूरा मामला सामने आया था. जिसमें देहरादून और हरिद्वार के तमाम शिक्षण संस्थान जांच के घेरे में आए थे. बड़ी बात ये है कि इस मामले में 100 से भी ज्यादा मुकदमे दर्ज किए गए. जबकि, मामले में चार्जशीट भी दाखिल की गई थी.

मामले में ईडी यानी प्रवर्तन निदेशालय ने भी वित्तीय लेन-देन को देखते हुए एंट्री की थी और प्रकरण पर लंबे समय तक जांच कर करोड़ों की संपत्तियों को भी अटैच किया था. इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों ने स्पेशल कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की है.

एनएच 74 घोटाला मामले में भी आरोप पत्र दाखिल:ईडी से जुड़ा दूसरा मामला एनएच 74 घोटाले से जुड़ा हुआ है. जिसमें प्रवर्तन निदेशालय ने अब पीसीएस अधिकारी समेत 8 के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया है. इस मामले में भी स्पेशल ईडी कोर्ट में 13 नवंबर की तारीख अगली सुनवाई के लिए तय की है.

यह मामला भी साल 2017 में ही सामने आया था. उस दौरान त्रिवेंद्र सरकार ने कई अधिकारियों को निलंबित भी किया था. हालांकि, इस मामले में स्पेशल कोर्ट ने पीसीएस अधिकारी को बाकी केस में राहत भी दी है. यह घोटाला भी काफी बड़ा था. जहां किसानों के कृषि योग्य भूमि को अकृषि दर्शाकर घोटाले को अंजाम दिया गया था.

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