नई दिल्ली/गाजियाबाद:उत्तर प्रदेश की सरकार ने प्रदेश के सभी कार्यालयों को चरणबद्ध तरीके से ई-ऑफिस में तब्दील करने का महत्वाकांक्षी निर्णय लिया है. इस पहल का उद्देश्य प्रशासन में किये जा रहे कार्यों में तेजी लाना और दक्षता में वृद्धि करना है. हाल ही में गाजियाबाद में ई-कलेक्ट्रेट की शुरुआत की गई, जो इस प्रक्रिया का महत्वपूर्ण पहला कदम है.
ई ऑफिस प्रणाली का लाभ:ई-ऑफिस प्रणाली के तहत, कलेक्ट्रेट में फाइलों का निस्तारण अब डिजिटल माध्यम से किया जाएगा. पहले, फाइलें एक अधिकारी से दूसरे अधिकारी तक भौतिक रूप से गई थीं, जिसमें समय लगता था, खासकर तब जब अधिकारी फील्ड में होते थे. अब, डिजिटल माध्यम से फाइलों का ट्रांसफर होने से यह प्रक्रिया तेज और प्रभावशाली बनेगी. इसके परिणामस्वरूप फाइलें लंबे समय तक लटक नहीं सकेंगी और नागरिकों को बार-बार कलेक्ट्रेट के दौरे करने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी.
आधुनिक तकनीक का उपयोग:इस प्रणाली के तहत, सभी फाइलें अब अधिकारियों के कंप्यूटर सिस्टम में डिजिटल रूप से उपलब्ध होंगी. जब किसी अधिकारी को कोई फाइल देखनी होगी, तो वह अपने सिस्टम में लॉगिन कर उसे देख सकेंगे. इससे न केवल समय की बचत होगी, बल्कि अधिकारियों को यह भी पता चल सकेगा कि उनके स्तर पर कितनी फाइलें पेंडिंग हैं और किस फाइल का क्या प्रगति है. डिजिटल हस्ताक्षर के माध्यम से वे फाइलों को साइन भी कर सकेंगे, जिससे प्रक्रिया और अधिक सुगम बनेगी.
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