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वेतन संकट को लेकर DUTA का कल दिल्ली CM आवास पर कैंडल मार्च, जानिए क्या है पूरा मामला - DU TEACHERS PROTEST

Fund Scarcity In Delhi University: दिल्ली विश्वविद्यालय के 12 कॉलेजों को फंड न देने के दिल्ली सरकार के निर्णय के खिलाफ डूटा गुरुवार को सीएम आवास पर कैंडल मार्च किया जाएगा.

DUTA का कल दिल्ली CM आवास पर कैंडल मार्च
DUTA का कल दिल्ली CM आवास पर कैंडल मार्च (Etv Bharat)

By ETV Bharat Delhi Team

Published : Sep 18, 2024, 10:50 PM IST

नई दिल्लीः दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (डूटा) की ओर से दिल्ली सरकार की शिक्षा विरोधी नीतियों व पूर्ण वित्त पोषित 12 कॉलेजों में वित्तीय संकट और वेतन की मांग को लेकर गुरुवार को मुख्यमंत्री आवास पर कैंडल मार्च निकाला जाएगा. इससे पहले बुधवार को डूटा की ओर से डीयू वीसी ऑफिस से दिल्ली विधानसभा तक मार्च किया गया. इस दौरान सैकड़ों शिक्षकों ने मार्च में शामिल होकर दिल्ली सरकार से शिक्षक पदों का अनुमोदन कर उन पर भर्ती प्रक्रिया आरंभ करने की मांग रखी.

शिक्षकों ने शिक्षा मंत्री के रूप में आतिशी द्वारा दिसंबर 2023 व जनवरी 2024 में जारी शिक्षा विरोधी पत्रों को वापस लेने की भी मांग उठाई. विरोध प्रदर्शन के बाद उपराज्यपाल को 12 कॉलेजों की समस्याओं को लेकर ज्ञापन सौंपा गया. साथ ही उपराज्यपाल से हस्तक्षेप कर इस संकट के समाधान की मांग की. अब शिक्षकों की ओर से कल गुरुवार को मुख्यमंत्री आवास पर अपनी मांगों को लेकर कैंडल मार्च किया जाएगा.

मार्च में शामिल शिक्षकों को संबोधित करते हुए डूटा अध्यक्ष प्रो. अजय कुमार भागी ने कहा कि दिल्ली विश्वविद्यालय से संबद्ध 12 कॉलेजों को शिक्षा मंत्री आतिशी के दिसंबर 2023 के पत्र में दिल्ली सरकार संचालित व वित्त पोषित कॉलेजों में परिवर्तित करना चाहती है. डूटा सचिव अनिल कुमार ने बताया कि डूटा ने दिल्ली सरकार की गरीब व शिक्षा विरोधी नीतियों का विरोध करने का फैसला लिया गया है.

डूटा की ओर से जारी की गई जानकारी में कहा गया है कि प्रो. श्रीप्रकाश सिंह रिपोर्ट दिल्ली विश्वविद्यालय के एसी और ईसी के संयुक्त सत्र में स्वीकृत की गई, जिसमें 12 कॉलेजों को लेकर शिक्षा मंत्री आतिशी के पत्र में वित्तीय अनियमितता की लेकर किए गए झूठे दावों को उजागर किया गया है.

डूटा के उपाध्यक्ष सुधांशु कुमार का कहना है कि दिल्ली सरकार 12 कॉलेजों के वित्त पोषण की अपनी ज़िम्मेदारी से भाग रही है और दिल्ली विश्वविद्यालय से इन कॉलेजों को असंबद्ध करने के लिए बहाने तलाश रही है. दिल्ली सरकार की फंड कटौती नीति बहुत ही निंदनीय है. शिक्षकों ने मांग की है कि जल्द ही मांगे पूरी की जाएं, नहीं तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा.

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