UPSRTC की नई योजना के बारे में बताते प्रधान प्रबंधक अजीत सिंह. लखनऊ: उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम की यूरो 6 बसों में इस्तेमाल होने वाली यूरिया के कारण चलते-चलते बसों में नॉक्स डीसी लाइट जल जाती है जिससे बसों की रफ्तार कम हो जाती है. बसें लोड ही नहीं लेती हैं. रेंग-रेंगकर बस चलने लगती है जिससे यात्री परेशान होकर हंगामा करते हैं.
यूरो 6 बसों में लाइट जलने की खबर को ईटीवी भारत ने "UPSRTC की नई बसों में नॉक्स डीसी लाइट से ड्राइवर परेशान, स्लो स्पीड के कारण यात्री मारते हैं ताने" शीर्षक से प्रमुखता से प्रकाशित किया था. इसका बड़ा असर हुआ है.
परिवहन निगम की तरफ से बाकायदा कंपनी के प्रतिनिधि का मोबाइल नंबर जारी किया गया है, जिससे यूरो 6 बसों में नॉक्स डीसी लाइट जलने पर तत्काल चालक संपर्क कर सकते हैं. बस की दिक्कत दूर करा सकते हैं.
अशोक लीलैंड कंपनी के प्रतिनिधि राज केसर का मोबाइल नंबर 9565150729 है. यूरिया की क्वालिटी को लेकर सवाल खड़े होने पर अब परिवहन निगम अपने ही यूरिया प्लांट लगाने की दिशा में काम करने के बारे में सोचने लगा है.
बता दें कि 19 फरवरी को उपनगरीय डिपो के चालक मोहम्मद अमीन ने परिवहन निगम के अधिकारियों से शिकायत की कि बस संख्या 4575 में नॉक्स लाइट जल रही है और बस बहुत कम लोड ले रही है, जिससे यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. बस रेंग रेंगकर आगे चल पा रही है.
25 फरवरी को हैदरगढ़ डिपो के चालक कमल किशोर ने परिवहन निगम के अधिकारियों को बताया कि बस संख्या 4592 खलीलाबाद पुल के पहले खड़ी हो गई है. गाड़ी लोड ही नहीं ले रही है. बस के अंदर नॉक्स लाइट जल रही है. इससे अब मजबूरन बस को आगे ले जा पाना संभव नहीं हो पा रहा है.
आधिकारी कृपया सहायता भेजें. बस सिर्फ 15 से 20 किलोमीटर प्रति घंटे की ही स्पीड से चल पा रही है. नॉक्स लाइट जलने से लोड ले पाना संभव नहीं हो पा रहा है. बसें स्पीड पकड़ ही नहीं पा रही हैं. सवारियों को दूसरी बस में ट्रांसफर कर किसी तरह 15 से 20 किमी की स्पीड से ही डिपो तक पहुंचा पा रहे हैं.
"ईटीवी भारत" के खबर प्रकाशित करने के बाद परिवहन निगम के अधिकारियों ने संज्ञान लेते हुए तत्काल इस पर अमल करना शुरू कर दिया है. अब इस तरह की दिक्कत होने पर चालक तत्काल अशोक लीलैंड कंपनी के प्रतिनिधि से संपर्क कर सकते हैं. उन्हें तत्काल सहायता उपलब्ध कराई जाएगी.
प्रदेश के परिवहन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री दयाशंकर सिंह ने बताया कि बीएस-6 बसों में पड़ने वाले यूरिया का उत्पादन अब परिवहन निगम स्वयं करेगा. परिवहन निगम इस दिशा में तेजी से कार्य कर रहा है.
उन्होंने बताया कि अभी वर्तमान में बीएस-6 बसों में पड़ने वाली यूरिया को प्रतिष्ठित कम्पनियों से ओपन मार्केट में टेन्डर के माध्यम से खरीदी जाती है. इस क्षेत्र में उत्पादन इकाई लगाये जाने के बाद परिवहन निगम खर्च में लगभग 20 प्रतिशत की कमी कर सकता है.
परिवहन मंत्री ने बताया कि पिछले दिनों परिवहन निगम के अधिकारियों ने मार्केट में संचालित यूरिया उत्पादन इकाईयों का निरीक्षण किया गया है, जिसके बाद तकनीकी अधिकारियों ने स्वयं परिवहन निगम में यूरिया उत्पादन इकाई लगाने पर मंथन किया है.
परिवहन निगम अपनी बसों में लगने वाले टायरों का रिट्रीडिंग करके आर्थिक खर्च में काफी कमी ला रहा है. अब बीएस-6 बसों में इस्तेमाल होने वाले यूरिया के प्लान्ट लगाने से आर्थिक खर्चे में काफी कमी आयेगी. बीएस-6 बसें अत्याधुनिक होने के साथ-साथ न्यूनतम प्रदूषण करती हैं.
परिवहन निगम के प्रधान प्रबंधक प्राविधिक व प्रवक्ता अजीत सिंह का कहना है कि अब परिवहन निगम अपने यूरिया प्लांट स्थापित करने के लिए समय विचार कर रहा है. UPSRTC के अधिकारियों ने प्लांट का निरीक्षण किया है और अब इस दिशा में काम शुरू होगा. परिवहन निगम जरूरत के मुताबिक अपने प्लांट लगाएगी और यूरिया सप्लाई करेगा. अभी काफी ज्यादा दामों पर यूरिया खरीदनी पड़ती है.
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