प्रयागराज : संगमनगरी में शुक्रवार को डॉ. राजेन्द्र प्रसाद नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के प्रथम बैच की पढ़ाई की शुरुआत की गई. इसके उद्घाटन समारोह में देश के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ मुख्य अतिथि और विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल हुए. प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद के नाम से शुरू की गई इस नेशनल यूनिवर्सिटी में बीएएलएलबी के 5 वर्षीय पाठ्यक्रम की शुरुआत कर दी जाएगी.
देश की 27वीं नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के प्रथम सत्र के कोर्स की शुरुआत के मौके पर एएमए हॉल में आयोजित कार्यक्रम में चीफ़ जस्टिस ऑफ इंडिया ने डॉ. राजेन्द्र प्रसाद की मूर्ति पर माल्यार्पण किया. समारोह में सीएम योगी आदित्यनाथ के साथ ही छत्तीसगढ़ व महाराष्ट्र और इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस मौजूद थे. इसी के साथ सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों के साथ ही इलाहाबाद हाईकोर्ट के भी न्यायाधीशगण शामिल हुए.
सीजेआई ने कहा-वकालत की शिक्षा लेने वाले देश का मान बढ़ाते हैं
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया ने कहा कि इस यूनिवर्सिटी का नाम डॉ. राजेंद्र प्रसाद के नाम पर रखकर उनकी विरासत को सम्मान दिया गया है. कहा कि देश के निर्माण में वकीलों की भूमिका बेहद अहम होती है. देश-प्रदेश में विकास के लिए रूल ऑफ लॉ में वकीलों का योगदान बेहद अहम माना जाता है. नेशनल लॉ युनिवर्सिटी में कानूनी की शिक्षा सिर्फ प्रोफेशनल बनाने के लिए नहीं बल्कि राष्ट्र को आगे बढ़ाने के लिए भी दी जाती है. कहा कि आज के नए वकीलों की दोहरी भूमिका होनी चाहिए. वकील को कानून का जानकार होने के साथ ही सामाजिक भी होना चाहिए, जिससे वे समाज के लिए सोच सकें. कानून के क्षेत्र में नए विषयों को जोड़ने और बदलाव के साथ ही शिक्षा देने के लिए लगातार प्रयास करते रहना चाहिए. ग्रामीण और शहरी सभी स्थानों पर एक समान शिक्षा की व्यवस्था करनी चाहिए, जिससे समाज का हर वर्ग शिक्षित होकर आगे बढ़ सके.
प्रदेश की दूसरी नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी यूपी के लिए है उपलब्धि
डॉ. राजेन्द्र प्रसाद नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के उदघाटन समारोह में पहुंचे सीएम योगी आदित्यनाथ ने प्रयागराज में शुरू हो रही इस यूनिवर्सिटी को प्रदेश के लिए उपलब्धि बताया. सीएम ने कहा कि भारतीय गणतंत्र के अमृत काल महोत्सव की शुरुआत के मौके पर नेशनल ला यूनिवर्सिटी की शुरुआत बेहद सुखद है. यह उत्तर प्रदेश की दूसरी नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी है, जहां पर आज से पढ़ाई शुरू हो जाएगी. इस विधि विश्वविद्यालय के शुरू होने से कानून की शिक्षा हासिल करने वाले युवाओं एक और विकल्प मिल गया है.राष्ट्रीय स्तर की कानून की पढ़ाई करने के लिए अब युवाओं को बाहर जाने की जरूरत नही पड़ेगी और उन्हें यहां भी दाखिल लेकर बेहतरीन शिक्षा मिल सकेगी.