देशी-विदेशी सैलानियों को भायी यूपी के बाघों की दहाड़ (वीडियो क्रेडिट : किशनपुर वाइल्डलाइफ सैंक्चुरी) लखीमपुर खीरी : यूपी के बाघों ने देशी और विदेशी सैलानियों को खूब लुभाया. दुधवा टाइगर रिजर्व में पिछले साल का रिकॉर्ड टूट गया है. इस बार दुधवा में सफारी करने वाले विदेशी सैलानियों में 156 फीसदी का इजाफा हुआ है. वहीं, देशी पर्यटकों को भी तराई के दुधवा और पीलीभीत टाइगर रिजर्व में बाघों के खूब दीदार हुए हैं. सैलानी बढ़ने से लोकल लोगों की आय में भी बढ़ोतरी हुई है. दुधवा और पीलीभीत टाइगर रिजर्व का पर्यटन सत्र आज खत्म हो गया.
किशनपुर सेन्चुरी की बाघिन शावकों संग (फोटो क्रेडिट : दुधवा टाइगर रिजर्व) दुधवा टाइगर रिजर्व के डायरेक्टर ललित वर्मा ने बताया कि दुधवा में इस बार देशी विदेशी पर्यटकों की खासी बढ़ोतरी हुई है. दुधवा टाइगर रिजर्व में डायरेक्टर ललित वर्मा की ओर से 25 जून को दुधवा नेशनल पार्क के गेट को ताला लगाकर 2023-24 पर्यटन सत्र की औपचारिक बंदी की घोषणा की गई.
नेशनल एनीमल बाघ और नेशनल बर्ड मोर की इस तस्वीर को खूब सुर्खियां मिलींं (फोटो क्रेडिट : दुधवा टाइगर रिजर्व)
दुधवा और पीलीभीत टाइगर रिजर्व में 15 नवम्बर से पर्यटन सत्र का शुभारंभ हुआ था. 2023-2024 में दुधवा के बाघों ने सैलानियों को खूब लुभाया है. डायरेक्टर ललित वर्मा ने बताया कि इस बार विदेशी सैलानी खूब आए. इस बार 352 विदेशी सैलानी दुधवा घूमने आए. बाघों का दीदार भी हुआ. इसके अलावा जंगली हाथी, बारहसिंघों और गैंडों को भी देखा. ललित वर्मा ने कहा कि इस बार करीब 64753 देशी सैलानियों ने दुधवा में सफारी की है. जबकि, पिछले साल 41815 सैलानी आए थे. देशी पर्यटन 54 प्रतिशत बढ़ा है, जबकि विदेशी सैलानियों की तादात 156 फीसदी बढ़ी है.
किधनपुर सेन्चुरी में बारहसिंघों का झुंड (फोटो क्रेडिट : दुधवा टाइगर रिजर्व) किशनपुर रहा हॉट स्पॉट :दुधवा टाइगर रिजर्व के पर्यटन सत्र में इस बार किशनपुर सेंचुरी हॉटस्पॉट बना रहा. सैलानियों को सबसे ज्यादा किशनपुर वाइल्डलाइफ सैंक्चुरी भाया यहां 'बेलडांडा' फीमेल और उसके चार शावकों ने सैलानियों को लुभाया तो 'बजरंज' मेल के डीलडौल ने भी सैलानियों के खूब ध्यान खींचा. इस साल पर्यटकों को किशनपुर सेन्चुरी में खूब बाघों के दीदार हुए. वहीं, झादीताल में बारहसिंघों ने भी पर्यटकों का खूब ध्यान खींचा.
दुधवा में गैंडे भी रहे पर्यटकों की पसंद (फोटो क्रेडिट : दुधवा टाइगर रिजर्व) दुधवा में सफारी की दरों में कमी से पर्यटक हुए उत्साहित :पिछले साल दुधवा टाइगर रिजर्व में पर्यटन और सफारी के रेट अचानक काफी बढ़ा दिए गए थे. दोगुनी से ज्यादा हुई दरों की वजह से सैलानी दुधवा आने से कतराने लगे थे, लेकिन इस बार यूपी सरकार ने सैलानियों की सुविधा के लिए टैरिफ रेट कम कर दिया था, जिसने सैलानियों को अपनी ओर खींचा एक यह भी वजह रही कि इस साल सैलानी खूब आए. वहीं, मौसम देखकर 10 दिन तक पर्यटन सत्र को बढ़ाने से भी दुधवा में सैलानियों का फ्लो बढ़ा.
राजू, सलमान और इंद्रपाल छाए रहे :दुधवा टाइगर रिजर्व में सैलानियों को घुमाने में अहम भूमिका गाइडों और ड्राइवरों की भी रहती है. इस साल प्राइवेट से लेकर दुधवा में सरकारी गाइडों के फोटोज ने खूब सुर्खियां बटोरीं. किशनपुर सेंचुरी में इंद्रपाल ने बाघों और शावकों की तस्वीरों को खींचा तो दुधवा में सलमान और राजू ने भी खूब बाघों की तस्वीरों को खींचा और खूब सुर्खियां बटोरीं. किशनपुर में बेलडांडा फीमेल के चार शावक इस बार सैलानियों को भाए तो दुधवा में शर्मीली के चार शावक भी.
लोकल लोगों को भी खूब मिला रोजगार :दुधवा टाइगर रिजर्व में पर्यटन और सैलानियों के बढ़ने के साथ जहां सरकारी खजाने में बढ़ोतरी हुई है. वहीं, लोकल लोगों को भी खूब रोजगार मिला. चाहे होटल, रिजॉर्ट या खाने पीने का सामान बेचने वाले हों. उत्तर प्रदेश की योगी सरकार इको टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए लगातार प्रयास कर रही है और दुधवा टाइगर रिजर्व में वाइल्ड सफारी को बढ़ावा देने से लोकल फार वोकल का बोलबाला भी रहा. होमस्टे का कल्चर बढ़ा. रिजॉर्ट की तादात बढ़ी और उनमें रुकने वाले सैलानियों से स्थानीय लोगों को रोजगार बढ़ा.
किशनपुर में इनवुडस नाम से होम स्टे चलाने वाले गुरजीत सिंह कहते हैं मेरे लिए तो ये टूरिज्म सीजन इमेजिंग था. नए लोगों से मिलना, उनकी मेहमाननवाजी करना और उनसे बातचीत करना. सब कुछ जबरदस्त था. एक नया अनुभव. गुरजीत खेती के साथ इसी साल से अपना छोटा सा फार्म स्टे चलाते हैं. दुधवा के बाहर राइनो रिजॉर्ट चलाने वाले अमितोष जायसवाल कहते हैं, 'पिछले साल से इस साल खूब साइटिंग हुई. इससे सैलानी बढ़े. इससे हम लोगों की आय भी बढ़ी है. लोकल गाइड हों या ड्राइवर सबकी आय बढ़ी. दुधवा के पर्यटन सत्र को अक्टूबर से किया जाए तो और बढ़िया होता. इधर भी अभी जून 30 या जुलाई पांच तक होना चाहिए था. तराई के खीरी और दुधवा से लगे पीलीभीत टाइगर रिजर्व में भी 53 हजार से ज्यादा देशी और 235 विदेशी पर्यटकों ने जंगल सफारी की. जबकि, पिछले साल 23579 पर्यटकों ने पीलीभीत में सफारी की थी. पीलीभीत टाइगर रिजर्व भी अपनी जैव विविधता और बाघों के लिए तेजी से मशहूर हो रहा.
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