चमोली: उत्तराखंड के प्रसिद्ध उच्च हिमालयी शिव धाम पंच केदारों में से चतुर्थ केदार रुद्रनाथ, प्रथम केदार केदारनाथ धाम, तृतीय केदार तुंगनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद हो चुके हैं. वहीं द्वितीय केदार भगवान मद्महेश्वर महादेव के कपाट इस बार सबसे आखिरी में बंद होने हैं. वहीं केदार कल्पेश्वर महादेव मंदिर भगवान शिव का एकमात्र ऐसा धाम है जो साल भर खुला रहता है. जो चमोली जिले में स्थित है.
पंच केदारों में एक कल्पेश्वर धाम में श्रद्धालुओं का लगा जमावड़ा, साल भर खुले रहते हैं कपाट
पंच केदारों में एक कल्पेश्वर धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए साल भर खुले रहते हैं. जहां दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है.
By ETV Bharat Uttarakhand Team
Published : 6 hours ago
मान्यता है कि 11वें ज्योतिर्लिंग और प्रथम केदार के रूप में केदारनाथ धाम में जहां भगवान शिव की भैंसे के पिछले भाग की पूजा की जाती है. वहीं द्वितीय केदार मद्महेश्वर धाम में नाभि दर्शन होते हैं, इसी तरह तृतीय केदार तुंगनाथ धाम में भुजाओं के दर्शन प्राप्त होते हैं, तो चतुर्थ केदार रुद्रनाथ में भगवान शिव के मुख भाग के दर्शनों का पुण्य लाभ अर्जित होता है. अंतिम और पंचम केदार के रूप में कल्पघाटी में विराजमान भगवान कल्पेश्वर महादेव मंदिर में भक्तों को भगवान शिव की कल्प/जटाओं के दर्शन होते हैं. इस तरह पंच केदार धामों में पांच अलग-अलग स्वरूप के दर्शन श्रद्धालु पाते हैं.
बड़ी बात ये है कि एकमात्र केदार जिनके कपाट बारह माह भक्तों के लिए खुले रहते हैं वो शिव धाम पंचम केदार कल्पेश्वर महादेव के नाम से चमोली जनपद के ज्योतिर्मठ प्रखंड के कल्पघाटी उर्गम में विराजमान है. यहां भक्तों को भगवान शिव की कल्प यानि जटाओं के पावन दर्शन होते हैं. पांच केदारों में एक यही केदार ऐसा है, जहां श्रद्धालु भगवान कल्पेश्वर महादेव के दर्शनों के लिए वर्ष भर आ सकते हैं. चार धाम यात्रा सहित पूरे साल भर के दौरान यहां श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है. इन दिनों कल्पेश्वर महादेव के धाम में रुद्राभिषेक पूजा से लेकर प्रतिदिन होने वाली भगवान कल्पेश्वर महादेव की सायंकालीन आरती दर्शन के लिए भी देश के कोने कोने से श्रद्धालु पहुंच रहे हैं.
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