बाड़मेर. जिले के जिला अस्पताल में भर्ती एक 6 माह के नवजात शिशु को 105 दिनों के बाद मां की गोद नसीब हुई है. इस नन्ही सी जान को बचाने के लिए जिला अस्पताल के चिकित्सकों ओर नर्सिंग स्टाफ ने कड़ी मेहनत की. जिसकी बदौलत इस नन्ही सी जान को शुक्रवार को सुरक्षित अस्पताल से डिस्चार्ज किया गया. जिले में अब तक का ऐसा पहला केस है जिसमे 6 माह प्रीमेच्योर नवजात को 105 दिनों तक अस्पताल में भर्ती रखना पड़ा है.
दरअसल 23 मार्च को एक गर्भवती महिला को गंभीर हालात के जिला अस्पताल में लाई गई. उसे गर्भावस्था के 25 सप्ताह में ही डिलीवरी हो गई. इस दौरान नवजात की स्थिति बेहद नाजुक थी. शिशु का वजन महज 700 ग्राम ही था. ऐसे नवजात को जिला अस्पताल के एसएनसीयू वार्ड में भर्ती किया गया. इस दौरान इस मासूम की जिंदगी बचाने में कई बार उतार चढ़ाव आए. चिकित्सकों सहित नर्सिंग ने दिन रात एक किए. मां ने भी पूरा सहयोग किया और हार नहीं मानी. आखिर चिकित्सकों सहित नर्सिंग स्टाफ की मेहनत रंग लाई और शुक्रवार को बच्चे को अस्पताल से स्वस्थ डिस्चार्ज किया गया. शिशु को एक नया जीवनदान मिलने पर सभी के चेहरों पर खुशी की मुस्कान साफ झलक रही थी. जिले में इस तरह का पहला केस है, जो कि 25 हफ्ते में डिलीवरी हुई और नवजात सुरक्षित डिस्चार्ज किया गया.
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