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पाकुड़ के डॉक्टर्स और स्वास्थ्य कर्मचारियों की हड़ताल वापस, जानिए कैसे माने धरती के भगवान - Strike Withdrawal - STRIKE WITHDRAWAL

Doctors strike in Pakur.पाकुड़ में चिकित्सकों और स्वास्थ्य कर्मियों ने हड़ताल वापस लेने की घोषणा की है. पूर्व में चिकित्सकों और स्वास्थ्य कर्मियों ने एफआईआर के विरोध में हड़ताल करने की घोषणा की थी. जानिए कैसे बनी बात.

Strike Withdrawal
प्रेस वार्ता में हड़ताल वापस लेने की घोषणा करते पाकुड़ के चिकित्सक. (फोटो-ईटीवी भारत)

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Sep 27, 2024, 5:38 PM IST

पाकुड़ःनगर थाने में चिकित्सकों, डीएस, सीएस सहित स्वास्थ्य कर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज किए जाने से स्वास्थ्य कर्मियों में नाराजगी है. चिकित्सकों और स्वास्थ्य कर्मियों के द्वारा अनिश्चितकालीन स्वास्थ्य सेवाएं बाधित करने और हड़ताल पर जाने की दी गई चेतावनी के बाद जिला प्रशासन ने पहल की और नाराज डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों से वार्ता की. उसके बाद चिकित्सकों ने हड़ताल वापस लेने की घोषणा की है.

हड़ताल वापस लेने की घोषणा

शुक्रवार को पुराना सदर अस्पताल में डॉक्टर्स और स्वास्थ्य कर्मियों ने हड़ताल वापस लेने की घोषणा की है. इस मौके पर डॉ. अमित कुमार ने बताया कि अस्पताल में मौजूद चिकित्सक और स्वास्थ्य कर्मी मरीजों का इलाज समय पर करते हैं और किसी प्रकार की लापरवाही नहीं करते हैं. उन्होंने बताया कि इलाज के दौरान यदि किसी मरीज की मृत्यु हो जाएगी और परिजन झूठा आरोप लगाकर प्राथमिकी दर्ज कराएंगे तो हम सभी कैसे स्वास्थ्य सेवाएं दे पाएंगे.

हड़ताल वापसी की घोषणा करते डॉ. अमित कुमार. (वीडियो-ईटीवी भारत)

डीसी और एसपी से मिला आश्वासन

डॉ. अमित ने बताया कि हमें जबतक सुरक्षा नहीं मिलेगी, तब तक मरीजों का इलाज भयमुक्त माहौल में करना संभव नहीं है. उन्होंने बताया कि इस संबंध में पाकुड़ डीसी और एसपी से वार्ता हुई है. जिसमें अधिकारियों ने हमें भयमुक्त माहौल प्रदान करने का आश्वासन दिया है.

मौत के बाद परिजनों ने किया था बवाल

बता दें कि 22 अगस्त को सदर अस्पताल में प्रसव के बाद हलीमा बीबी नामक महिला की मौत हो गई थी. महिला की मृत्यु के बाद परिजनों सहित स्थानीय लोगों ने जमकर हंगामा किया था अस्पताल में तोड़फोड़ की थी. साथ ही सड़क जाम कर दिया था.

डॉक्टर्स पर दर्ज करायी थी प्राथमिकी

मामले में मृतका के पति नूर अंसारी ने नगर थाने में सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ मनीष कुमार, सिविल सर्जन और ड्यूटी पर तैनात सभी स्वास्थ्य कर्मियों और चिकित्सकों के खिलाफ लिखित शिकायत दी थी.

मृतका के परिजन ने लगाए थे गंभीर आरोप

आवेदन के माध्यम से नूर अंसारी ने आरोप लगाया था कि उपाधीक्षक डॉ. मनीष कुमार ने प्रसव पीड़ा से परेशान मेरी पत्नी को उसके निजी नर्सिंग होम में भर्ती होने की बात कही थी. आरोप था कि निजी नर्सिंग होम में भर्ती नहीं कराने पर इलाज में लापरवाही बरती गयी. जिसकी वजह से हलीमा की मौत हो गयी. हालांकि डॉ मनीष कुमार ने लापरवाही बरते जाने के आरोप से इंकार किया था.

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