आगरा: इन दिनों मानसून सक्रिय है. जिससे कभी तेज बारिश या कभी बूंदाबांदी हो रही. उमस के साथ ही ये मौसम बैक्टीरिया के अटैक का भी है. इस मौसम में सबसे ज्यादा स्किन और आंखों में संक्रमण फैलता है. यदि आप चश्मे की जगह कॉन्टैक्ट लेंस पहनते हैं तो सतर्क हो जाएं. क्योंकि, बारिश में कॉन्टैक्ट लेंस पहनने से भी आंख में इन्फेक्शन और कॉर्निया डैमेज होने का खतरा रहता है.
बिना सलाह के न लगाएं कॉन्टैक्ट लेंस:सीनियर कॉर्निया स्पेशलिस्ट डॉ. शैफाली मजूमदार बताती हैं कि, लोग कॉन्टैक्ट लेंस अच्छा दिखने के लिए लगाते हैं. मगर, आई स्पेशलिस्ट की बिना सलाह के कॉन्टैक्ट लेंस नहीं लगाना चाहिए. ये भी ध्यान रखें कि, कॉन्टैक्ट लेंस की प्रॉपर फिटिंग होनी चाहिए.
कॉर्निया डैमेज होने की वजह
- आंखों में कोई केमिकल जाने से
- आंखों में कोई कीड़ा या तिनका जाने पर
- चोट से आंख काली पड़ने पर
- स्विमिंग के समय आंखों में गंदा पानी जाने से
- सूरज की तेज रौशनी के कारण
लेंस के कारण कॉर्निया में नहीं पहुंचती ऑक्सीजन:सीनियर कॉर्निया स्पेशलिस्ट डॉ. शैफाली मजूमदार ने बताया कि हमारी आंख में कॉर्निया है. जो खुली हवा से सीधे ऑक्सीजन लेती है. जब हम कॉन्टैक्ट लेंस लगाते हैं तो उस पर एक कैप लग जाती है. ऐसे में यदि कॉन्टैक्ट लेंस की फिटिंग ठीक नहीं होगी तो कॉर्निया को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिलेगी. जिससे कॉर्निया डैमेज हो जाती है.
लगातार लंबे समय तक भी कॉन्टैक्ट लेंस का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. इसलिए, कॉर्निया डैमेज और आंख में अल्सर समेत अन्य इन्फेक्शन से बचाव के लिए कॉन्टैक्ट लेंस का सावधानीपूर्वक उपयोग करें.
कॉर्नियल को डैमेज होने से कैसे बचाएं
- कॉन्टैक्ट लेंस छूने से पहले हाथों को साबुन से धोएं.
- कॉन्टैक्ट लेंस की सफाई का विशेष ध्यान रखें.
- कॉन्टैक्ट लेंस रखने का डिब्बा भी बदलते रहें.
- तय समय से ज्यादा देर तक कॉन्टैक्ट लेंस ना लगाएं.
- कॉन्टैक्ट लेंस लगाने पर आंख में ड्राइनेंस हो तो ड्रॉप या लुब्रीकेंट डालें.
- कॉन्टैक्ट लेंस लगाकर कभी सोना नहीं चाहिए.
- कॉन्टैक्ट लेंस लगाकर कभी भी नहाएं नहीं.
- कॉन्टैक्ट लेंस लगाकर बारिश में नहीं भीगेंं.
- कॉन्टैक्ट लेंस लगाकर स्विमिंग भी ना करें.
- कॉन्टैक्ट लेंस दिन में 6 से 7 घंटे हीलगाएं.
- लेंस पहनने पर जलन हो तो आंखों को रगड़े नहीं.