लखनऊ: Divorce Cases Against Unnatural Sex: उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिला की रहने वाली युवती की शादी वर्ष 2022 में हुई थी. दोनों की अरेंज मैरिज थी. परिवार ने लड़का ढूंढा और शादी की थी. महिला के मुताबिक शादी के एक, दो दिन बाद ही पति मोबाइल पर अश्लील वीडियो दिखाने लगते थे.
जोर-जबरदस्ती से अप्राकृतिक संबंध बनाने की कोशिश करते थे. महिला ने बताया कि कई बार पति को समझाया लेकिन, वह मारपीट पर उतारू हो जाते और अपनी मनमानी करते. पत्नी का आरोप है कि शराब के नशे में आए दिन इस तरह की घटना होने लगी.
इसकी शिकायत मैंने अपनी सास से भी की. लेकिन, वह क्या बोल पाती. वह भी इस मामले में चुप रहीं. कहीं ना कहीं इन सभी चीजों का सेहत पर भी दुष्प्रभाव पड़ने लगा. फिर इसके बाद सास और पति अस्पताल दिखाने के लिए लेकर गए, जहां पर मैंने डॉक्टर के कान में सारी बात बताई.
इसके बाद डॉक्टर ने पति को डांट लगाई और कहा कि पत्नी के साथ संबंध न बनाएं. लेकिन उसी रात को पति गुस्से में थे, क्योंकि, डॉक्टर ने उन्हें डांट लगाई थी. फिर उन्होंने वही हरकत की. उसके बाद से मेरी तबीयत और खराब हो गई.
इस बात की जानकारी महिला ने अपने मायके में मां और भाभी को दी. इसके बाद महिला के मायके से विदाई के लिए लोग आए. मायके वालों ने उसका साथ दिया और अब पारिवारिक न्यायालय में तलाक के लिए अर्जी दी है.
चार बार हुआ महिला का गर्भपात:उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले की रहने वाले व्यक्ति ने अपनी 26 वर्षीय बेटी की शादी लखनऊ के रहने वाले देवेंद्र से की थी. बेटी की शादी वर्ष 2018 में की थी. उसके बाद मामला बिगड़ने लगा.
बेटी की विदाई के लिए जब भी कहा जाता तो उस समय दामाद कोई न कोई बहाना बना देते थे. अधिवक्ता सिद्धांत कुमार के मुताबिक शादी के बाद लड़का पत्नी पर आप्राकृतिक यौन संबंध बनाने का दबाव बनाता था. कई बार उसने महिला को अश्लील वीडियो भी दिखाया.
महिला वादी के मुताबिक इन सब चीजों के लिए उसने हमेशा मना किया. महिला जब 3 महीने की गर्भवती थी, उस समय भी पति पत्नी से प्राकृतिक यौन संबंध बनाता था. पति के इन्हीं सफर करते के कारण महिला का तीन बार मिसकैरेज (गर्भपात) हो गया.
लेकिन, जिस समय 3 महीने का बच्चा गिरा. उस समय महिला ने निर्णय लिया कि अब बहुत हुआ. बहुत सह लिया. बहुत बर्दाश्त कर लिया. अब इससे ज्यादा बर्दाश्त नहीं होगा. पारिवारिक न्यायालय में महिला मायके पक्ष के साथ आई और यहां पर उसने तलाक के लिए अर्जी लगाई.
आते रहते हैं इस तरह के मामले: लखनऊ के पारिवारिक न्यायालय में अक्सर अजीबो गरीब मामले सामने आते हैं. पिछले एक हफ्ते में कई ऐसे मामले दर्ज हुए हैं, जिसमें महिला ने अपने पति पर गंभीर आरोप लगाया कि पति 'अननेचुरल संबंध' यानी अप्राकृतिक यौन संबंध बनाने के लिए जबरदस्ती करते हैं.
इस तरह के पारिवारिक न्यायालय में एक नहीं बल्कि अनेकों केस दर्ज है. यह मामले उत्तर प्रदेश के अलग-अलग जिलों से हैं. पारिवारिक न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धांत कुमार ने बताया कि पारिवारिक न्यायालय में पिछले एक हफ्ता में तीन केस उनके अंडर में आया है.
जिसमें महिला ने अपने पति के ऊपर गंभीर आरोप लगाया है कि पति अप्राकृतिक यौन संबंध बनाने के लिए दबाव बनाते हैं. ऐसा नहीं है कि यह पहला केस हैं. इससे पहले भी इस तरह के आरोप के कई मामले पारिवारिक न्यायालय में दर्ज हुए हैं.
जब भी इस तरह के मामले आते हैं तो काउंसलर सबसे पहले दोनों पक्ष की बातों को सुनते हैं और उसके हिसाब से आगे की कार्रवाई बढ़ती है. काउंसलर के समझाने के बाद कुछ ऐसे शादीशुदा जुड़े होते हैं, जो एक दूसरे को समझते हैं और माफी मांग कर रिश्ते को आगे बढ़ते हैं.
वहीं कुछ ऐसे भी लोग होते हैं कि समझौता करने के लिए तैयार नहीं होते हैं और पत्नी भी फैसला लेती है कि अब उससे यह नहीं सहा जाएगा. उस स्थिति में दोनों के तलाक की प्रक्रिया आगे बढ़ाई जाती है.
अप्राकृतिक संबंध के होते हैं दुष्प्रभाव:सिविल अस्पताल के वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. एस देव के मुताबिक अप्राकृतिक यौन संबंध बनाने के कई नुकसान है. इससे सेहत पर भी काफी दुष्प्रभाव पड़ता है. उन्होंने बताया कि अस्पताल की ओपीडी में कई बार इस तरह की महिला दर्द तकलीफ के साथ आती है.
उन्होंने कहा सबसे पहले वह महिला रोग विभाग में जाती हैं. लेकिन, जब उन्हें बताया जाता है कि इस चीज का इलाज फिजिशियन करेंगे तब वह फिजिशियन ओपीडी में आती हैं. शर्म के कारण वह महिला अपनी बातें तक नहीं बता पाती है.
लेकिन जब उनकी अकेले में काउंसलिंग की जाती है. उस समय वह अपनी कहानी बताती है, उस हिसाब उनका इलाज शुरू होता है. अप्राकृतिक यौन संबंध बनाना किसी भी तरह से उचित नहीं है.
इससे महिला के शरीर पर काफी दुष्प्रभाव पड़ता है. कई बार शरीर कमजोर हो जाता है या पाचन क्रिया काम नहीं करती है. मोबाइल में लोग जो अश्लील वीडियो देखते हैं, उसे देखकर अपनी निजी जिंदगी में कभी उपयोग नहीं करना चाहिए.
ये भी पढ़ेंःमहिलाएं ही नहीं बल्कि पुरुष भी होते हैं घरेलू हिंसा के शिकार, पारिवारिक न्यायालय में हजारों केस हैं दर्ज