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बार-बार टिकट बदलने से समाजवादी पार्टी के अंदर नाराजगी, हो सकता है नुकसान - Lok Sabha Election 2024 - LOK SABHA ELECTION 2024

लोकसभा चुनाव 2024 में बार-बार टिकट बदलने से समाजवादी पार्टी नेताओं में नाराजगी देखने के मिल रही है. जानकारों के कहना है कि पार्टी को इससे नुकसान हो सकता है. समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने टिकट बदलने को लेकर नाराजगी होने की बात से इंकार किया.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : May 13, 2024, 3:09 PM IST

लखनऊ: समाजवादी पार्टी के अंदर कई सीटों पर बार-बार टिकट बदलने से जमकर स्थानीय स्तर पर नाराजगी देखने को मिली है. पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव व सपा नेतृत्व के बीच टिकट बदलने को लेकर असंतोष भी देखने को मिल रहा है. हाल ही में समाजवादी पार्टी ने मिर्जापुर लोकसभा सीट पर अपना प्रत्याशी बदल दिया. इससे मिर्जापुर में स्थानीय स्तर पर जमकर विरोध हो रहा है और इसका नुकसान समाजवादी पार्टी को उठाना पड़ सकता है.

भदोही से सांसद रमेश बिंद को सपा ने उम्मीदवार घोषित किया (फोटो क्रेडिट: समाजवादी पार्टी मीडिया सेल)

मिर्जापुर लोकसभा सीट पर समाजवादी पार्टी ने पहले वरिष्ठ नेता राजेंद्र सिंह बिंद को प्रत्याशी घोषित किया था, लेकिन बाद में स्थानीय स्तर पर बदली परिस्थितियों को देखते हुए अखिलेश यादव ने भारतीय जनता पार्टी के भदोही से सांसद रमेश बिंद को उम्मीदवार घोषित कर दिया. भदोही से समाजवादी पार्टी गठबंधन के अंतर्गत चरण मूल कांग्रेस के टिकट पर ललितेश पति त्रिपाठी चुनाव लड़ रहे हैं.

समाजवादी पार्टी ने कई सीटों पर बार-बार कैंडीडेट बदले (फोटो क्रेडिट: समाजवादी पार्टी मीडिया सेल)

ऐसे में भदोही की जगह मिर्जापुर से रमेश बिंद को टिकट दिया गया है. रमेश बिंद पिछले कई दिनों से लगातार अखिलेश यादव से मुलाकात कर रहे थे. भारतीय जनता पार्टी का टिकट कटने के बाद वह समाजवादी पार्टी में शामिल होना चाह रहे थे. अखिलेश यादव स्थानीय स्तर पर बातचीत करने के बाद रमेश बिंदु को भदोही की जगह मिर्जापुर लोकसभा सीट से प्रत्याशी घोषित कर दिया. समाजवादी पार्टी इससे पहले भी आधा दर्जन से अधिक सीटों पर उम्मीदवार बदलकर संकट पैदा कर चुकी है. कई नेताओं का पहले टिकट घोषित किया गया और बाद में उनका टिकट काटा गया, इससे स्थानीय स्तर पर जमकर नाराजगी देखने को मिली.

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने कहा कोई नाराजगी नहीं (फोटो क्रेडिट: समाजवादी पार्टी मीडिया सेल)

बागपत, रामपुर, मेरठ मुरादाबाद बदायूं, मिश्रिख, बिजनौर, श्रावस्ती, सुल्तानपुर जैसी तमाम प्रमुख सीटों पर अखिलेश यादव ने कई कई बार प्रत्याशी बदले. इससे उम्मीदवारों में नाराजगी देखने को मिली. बरेली और हाथरस में भी समाजवादी पार्टी ने प्रत्याशी बदल दिये थे. राजनीतिक विश्लेषकों को कहना है कि समाजवादी पार्टी ने जो इस लोकसभा चुनाव में काफी संख्या में पूर्व में घोषित प्रत्याशियों की टिकट काटकर दूसरे नए चेहरे को टिकट दिया है. इससे समाजवादी पार्टी को नुकसान उठाना पड़ सकता है.

पहले टिकट दिया गया, उसके बाद जब टिकट काटा गया तो उसका नाराज होना स्वाभाविक है. इससे अखिलेश यादव को काफी नुकसान भी उठाना पड़ सकता है. समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी कहते हैं कि जिन सीटों पर स्थानीय समीकरणों को देखते हुए टिकट बदले गए हैं और जिन नेताओं को टिकट देने के बाद टिकट काटा गया उनसे बातचीत की गई है. स्थानीय समीकरण और जाति समीकरण को देखते हुए ही प्रत्याशी बदले गये थे.

कहा जा रहा है कि जिनके टिकट काटे गए हैं, उन्हें संगठन में जिम्मेदारी दी जाएगी समाजवादी पार्टी का एक-एक सिपाही एक झुकता के साथ चुनाव मैदान में पार्टी प्रत्याशियों के साथ भारतीय जनता पार्टी को हराने के लिए काम कर रहा है. नाराजगी जैसी कहीं कोई बात नहीं है.

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