शिमला:आज, 29 अक्टूबर को धनतेरस का त्योहार मनाया जा रहा है. हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को धनतेरस का त्योहार मनाया जाता है. आज के दिन लोग सोने-चांदी की खरीदारी करते हैं. वहीं, धनतेरस के त्योहार पर माता लक्ष्मी और भगवान गणेश के साथ कुबेर देवता की पूजा की जाती है. इसी के साथ धनतेरस के दिन भगवान धन्वंतरि की भी भक्तों द्वार पूजा-अर्चना की जाती है. धनतेरस के दिन ही आयुर्वेद दिवस मनाया जाता है. आइए जानते हैं कि कौन हैं भगवान धन्वंतरि और क्यों आखिर धनतेरस पर ही मनाया जाता है आयुर्वेद दिवस.
कौन है भगवान धन्वंतरि?
कुल्लू के आचार्य विजय कुमार बताते हैं कि धार्मिक मान्यताओं के अनुसार जब असुरों और देवताओं ने समुद्र मंथन किया था तो उस मंथन में समुद्र से 14 रत्नों की प्राप्ति हुई थी. 12 रत्नों के बाद समुद्र से हाथों में अमृत का कलश लेकर भगवान धन्वंतरि प्रकट हुए थे. ऐसे में भगवान धन्वंतरि और अमृत को आखिरी के दो रत्न कहा जाता है. धनतेरस पर भगवान धन्वंतरि की पूजा का विशेष विधान है. इन्हें भगवान विष्णु का ही अवतार कहा जाता है. कुबेर देवता के साथ इनकी पूजा करने से भक्तों को सुख-संपत्ति के साथ अच्छी सेहत का भी आशीर्वाद मिलता है.
धनतेरस पर क्यों मनाया जाता है आयुर्वेद दिवस?
आचार्य विजय कुमार बताते हैं कि भगवान धन्वंतरि को समुद्र से निकले रत्नों में से एक में गिना जाता है. चार भुजाओं वाले भगवान धन्वंतरि को आयुर्वेद का जनक माना जाता है. उनके चार हाथों में से एक में औषधि कलश, दूसरे में जड़ी बूटी, तीसरे में शंख और चौथे में आयुर्वेद का ग्रंथ होता है. इसलिए भगवान धन्वंतरि की पूजा करने से भक्तों को अच्छी सेहत का वरदान मिलता है. वेद और पुराणों में भगवान धन्वंतरि को देवताओं के चिकित्सक माना जाता है और उन्हें आयुर्वेद के देवता के रूप में दर्शाया गया है. इसलिए आयुष मंत्रालय की ओर से हर साल भगवान धन्वंतरि की जयंती को 'राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस' के रूप में मनाया जाता है.
धनतेरस पूजा में क्या करें?
- पूजा से पहले घर की अच्छे से साफ-सफाई करें.
- मुख्य द्वार पर दोनों ओर स्वस्तिक का चिन्ह लगाएं.
- मुख्य द्वार के बाईं ओर घी के तेल का दीपक जलाएं.
- धन संबंधी किसी भी यंत्र की भी धनतेरस पर पूजा करें.
- माता लक्ष्मी, गणेश और कुबेर के साथ भगवान धन्वंतरि की भी पूजा करें.
- शाम को उत्तर दिशा की ओर कुबेर और धन्वंतरि की स्थापना करें.
- कुबेर देवता और भगवान धन्वंतरि के सामने घी का दीपक जलाएं.
- कुबेर देवता को सफेद मिठाई और भगवान धन्वंतरि को पीली मिठाई चढ़ाएं.
- पूजा में सबसे पहले कुबेर के मंत्रों का जाप करें.
- उसके बाद भगवान धन्वंतरि की पूजा करके प्रसाद बांटे.
आचार्य विजय कुमार बताते हैं कि धनतेरस के दिन माता लक्ष्मी, भगवान गणेश और कुबेर देवता के साथ भगवान धन्वंतरि की पूजा जरूर करनी चाहिए. जिससे भगवान धन्वंतरि प्रसन्न होकर भक्तों को अच्छी सेहत का आशीर्वाद देते हैं. वहीं, उपरोक्त दिए तरीकों से पूजा करने से भगवान कुबेर और भगवान धन्वंतरि प्रसन्न होकर भक्तों पर धन और स्वास्थ्य की बारिश करते हैं.