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वन विभाग के नए मुखिया के तौर पर धनंजय मोहन ने संभाला चार्ज, बताई अपनी प्राथमिकताएं - head of Forest Department

Head of Forest Force in Uttarakhand उत्तराखंड वन विभाग के नए मुखिया के तौर पर आईएफएस अधिकारी धनंजय मोहन ने कार्यभार संभाल लिया है. धनंजय मोहन 1988 बैच के अधिकारी हैं. इस पद पर जिनके नाम पर सबसे ज्यादा चर्चा थी.

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : May 1, 2024, 4:10 PM IST

Updated : May 1, 2024, 4:34 PM IST

वन विभाग के नए मुखिया के तौर पर धनंजय मोहन ने संभाला चार्ज

देहरादून:उत्तराखंड में वन विभाग के मुखिया के तौर पर सीनियर आईएफएस अधिकारी धनंजय मोहन ने आज चार्ज ले लिया है. हालांकि भारत निर्वाचन आयोग से स्थाई तैनाती को लेकर अनुमति नहीं मिल पाने के चलते फिलहाल उन्हें प्रभारी हॉफ बनाया गया है. महकमे की कमान संभालने के बाद प्रमुख वन संरक्षक हॉफ के तौर पर धनंजय मोहन ने अपनी प्राथमिकताएं बताई. उन्होंने मौजूदा समय में फॉरेस्ट फायर को सबसे बड़ी चुनौती बताया, साथ ही मानव वन्यजीव संघर्ष की रोकथाम और कर्मचारियों की समस्याओं पर भी काम करने की बात कही.

उत्तराखंड में नए हॉफ के तौर पर धनंजय मोहन के सामने कई बड़ी चुनौतियां दिखाई दे रही है. इस वक्त की सबसे बड़ी चुनौती फारेस्ट फायर है. जिससे निपटने के लिए विभाग से लेकर शासन और सरकार तक की मशीनरी जुटी हुई है. ऐसे में प्रमुख वन संरक्षक हॉफ की कुर्सी पर बैठने के बाद धनंजय मोहन ने फिलहाल वनाग्नि पर पूरा फोकस किया जाने की बात कही. इसके लिए लोगों की सहभागिता को बढ़ाने पर ज्यादा से ज्यादा काम करने को अपनी प्राथमिकता में जोड़ा. धनंजय मोहन ने कहा कि वैसे प्रदेश में मानव वन्यजीव संघर्ष भी एक बड़ी समस्या है और इसके लिए भी आम लोगों से जंगल का जुड़ाव और जागरूकता ही एकमात्र सबसे बड़ा उपाय है.
पढ़ें-केंद्र में तैनाती का भी रास्ता तलाश रहे IFS अफसर, 4 जून को हो सकता है बड़ा बदलाव

ऐसे में लंबे वक्त की योजना के रूप में लोगों को जंगल से जोड़ने का प्रयास किया जाएगा. वन विभाग की कोशिश होगी कि लोगों की सोच को बदल जाए और जंगल केवल वन विभाग की जिम्मेदारी है, इस विचारधारा में बदलाव लाया जाए.वन विभाग के नए मुखिया धनंजय मोहन ने कर्मचारियों की समस्याओं को भी अपनी प्राथमिकता में जोड़ा. उन्होंने कहा कि फॉरेस्ट गार्ड, फॉरेस्टर और डिप्टी रेंजर विभाग के फ्रंटलाइन में काम करने वाले कर्मचारी और अधिकारी हैं, इसलिए उनकी समस्याओं पर भी पूरा फोकस किया जाएगा. उनका प्रयास होगा कि जो भी मांग उनकी तरफ से रखी गई है, उसको पुरजोर तरीके से शासन के सामने रखा जाए और उनकी मांगों पर सकारात्मक रूप से कार्रवाई की जाए.

Last Updated : May 1, 2024, 4:34 PM IST

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