रामनगर (उत्तराखंड): विश्व प्रसिद्ध जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क के रामनगर में विदेशी पर्यटक कॉर्बेट लैंडस्केप में स्थित कोसी नदी में माइग्रेट्री पक्षियों (सुर्खाब पक्षियों) को देखने आ रहे हैं. पक्षियों को देखकर पर्यटक खुश नजर आ रहे हैं. इन दिनों साइबेरिया और विदेशों के अन्य ठंडे स्थानों से प्रवासी पक्षी जिम कॉर्बेट पार्क के जलाशयों और कोसी नदी में आए हुए हैं.
कॉर्बेट पार्क में पक्षियों की बहार: विश्व प्रसिद्ध जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क देश-विदेश में बाघों की संख्या के लिए प्रसिद्ध है. जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क में हर वर्ष बड़ी संख्या में देश-विदेश से पर्यटक वन्यजीवों का दीदार करने के लिए पहुंचते हैं. यहां पर्यटक केवल बाघ, गुलदार, हाथी, भालू आदि का दीदार ही नहीं करते, बल्कि कॉर्बेट लैंडस्केप से लगते 600 से ज्यादा प्रजातियों की पक्षियों का भी दीदार करने के लिए आते हैं.
प्रवासी पक्षियों को देखने पहुंच रहे पर्यटक: कोसी जलाशय में सर्दी शुरू होते ही पहुंचे सुखार्ब पक्षियों को देखने के लिए विदेशी पक्षी प्रेमी लगातार कॉर्बेट नगरी रामनगर पहुंच रहे हैं. इंग्लैंड से बड़ी संख्या में पक्षी प्रेमी रामनगर जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क पहुंचे हैं. यहां सुर्खाब पक्षियों को देखकर अंग्रेज पर्यटक बेहद खुश नजर आए. पर्यटकों ने अपने अनुभव भी साझा किए. उन्होंने बताया कि उन्होंने बाघ और शेर के साथ ही बड़ी संख्या में प्रवासी पक्षी देखे हैं. ये देखकर उन्हें बहुत अच्छा लगा है.
साइबेरिया से आए सुर्खाब पक्षी: गौर हो कि सर्दियां शुरू होते ही प्रवासी पक्षी तिब्बत और रूस के साइबेरिया क्षेत्र से कॉर्बेट लैंडस्केप से लगते जलाशयों में आना शुरू हो जाते हैं. कुछ समय के लिए वो अपना बसेरा रामनगर के आसपास बने जलाशयों को बनाते हैं. इन पक्षियों को सुर्खाब या गोल्डन डक भी कहा जाता है. यह हमेशा जोड़े में ही यहां आते हैं और यहां आकर प्रजनन करते हैं. जब इनके बच्चे बड़े हो जाते हैं, तो वे इस स्थान से वापस अपने देश चले जाते हैं.
इंग्लैंड के पर्यटकों को भाया जिम कॉर्बेट पार्क: इंग्लैंड से जिम कॉर्बेट पार्क आयी पक्षी प्रेमी रचेल ने बताया कि वो अपने परिवार के साथ भारत आई हैं. कॉर्बेट पार्क और इससे लगते जलाशयों में साइबेरियन पक्षियों का दीदार करने के लिए आई हैं. इन पक्षियों के अलावा वो कई अन्य प्रजातियों की पक्षियों का भी दीदार कर रहे हैं. रचेल ने कहा कि कॉर्बेट पार्क में आकर उनको बहुत अच्छा लगा है.
इंग्लैंड के पर्यटकों ने बताए अपने अनुभव: वहीं पक्षी प्रेमी रॉबिन कहते हैं कि वह भारत में अपने परिवार के साथ पहुंचे हैं. यहां वन्यजीवों का दीदार कर वह बहुत खुश हुए. उसके साथ ही कॉर्बेट लैंडस्केप में स्थित नदियों में प्रवासी पक्षियों को देख अभिभूत हुए हैं. उन्हें यहां का वातावरण और पर्यावरण बहुत अच्छा लगा.
बुजुर्ग पर्यटक प्रवासी पक्षी देखकर खुश: वहीं इंग्लैंड से आये पक्षी प्रेमी जॉन जो रचेल के पिता हैं, कहते हैं कि उन्हें कॉर्बेट पार्क में बाघ, लेपर्ड आदि के दीदार हुए. साथ ही कई प्रकार की पक्षियां भी दिखीं. ये अनुभव अपने आप में आलौकिक और रोमांचित करने वाला था.
राजस्थान के नेचर गाइड विदेशी पर्यटकों को लेकर आए: वहीं इंग्लैंड के इन पर्यटकों को उत्तराखंड के अलग-अलग क्षेत्र में भ्रमण कराने लाए राजस्थान के नेचर गाइड महेश राजपूत कहते हैं कि वो 17 दिनों की ट्रिप पर उत्तराखंड आए हैं. उन्होंने यहां वाइल्डलाइफ देखी, जिसमें टाइगर, लेपर्ड और कई प्रकार के पक्षी भी देखे.
रूस के साइबेरिया से भारत आते हैं ये पक्षी: रूस का साइबेरिया वाला इलाका बेहद ठंडा होता है. इन दिनों वहां तापमान माइनस में चल जाता है. सर्दियों में कई बार तो यहां का तापमान -50 तक गिर जाता है. इस कारण वहां की ठंड से बचने के लिए साइबेरियन क्रेन, ग्रेटर फ़्लेमिंगो, रफ़, तिदार, गुलाबी पेलिकन और गैडवाल नामक पक्षियां भारत के विभिन्न स्थानों पर प्रवास करने आ जाती हैं. ये पक्षियां हजारों किलोमीटर की यात्रा तय करके भारत पहुंचती हैं. साइबेरिया से भारत की दूरी 4000 किलोमीटर से ज्यादा है. भारत में इन दिनों इनके लिए उपयुक्त जलवायु होती है. भोजन और पानी की भी उपलब्धता होती है.
यहां से आती हैं सुर्खाब पक्षी: सर्दी के महीनों में मध्य एशिया, यूरोप और अफ्रीकी देशों से भी पक्षियां भारत आती हैं. सुर्खाब पक्षियां खासकर चीन, नेपाल, मध्य एशिया, उत्तर पश्चिमी अफ्रीका, इथोपिया और दक्षिण पूर्व यूरोप से भारत आती हैं. अक्टूबर से मार्च तक ये भारत के विभिन्न स्थानों जहां नदी और तालाब होते हैं, वहां रहती हैं.
प्रवासी पक्षियों की सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरे: जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क में प्रवासी पक्षियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इनकी मॉनिटरिंग के लिए वन विभाग द्वारा सीसीटीवी कैमरे भी लगाए जाते हैं. साइबेरिया और ठंडे प्रदेशों से ये पक्षी आते हैं और विशेष रूप से ये वेटलैंड्स पर आना पसंद करते हैं. हमारे यहां वेटलैंड्स के लिए कोसी नदी, कालागढ़ बैराज, रामगंगा नदी और तोमड़िया डैम आदि हैं. इन पक्षियों में ब्राह्मणी डक, रूडी शेल्डक और जलकाक आदि पक्षी यहां पर आते हैं.
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