धमतरी में बच्चे और पेरेंट्स पूछ रहे सवाल, ऐसे पढ़ेंगे तो कैसे आगे बढ़ेंगे - shortage of teachers in Dhamtari - SHORTAGE OF TEACHERS IN DHAMTARI
26 जून से स्कूल खुलने वाले हैं. स्कूलों के खुलने से पहले एक बार फिर शिक्षकों की कमी को लेकर चर्चा तेज हो गई है. लंबे वक्त सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे शिक्षकों की कमी की समस्या से जूझ रहे हैं.
धमतरी: 26 जून से सभी सरकारी स्कूल खुलने वाले हैं. स्कूलों के खुलने से पहले शिक्षा विभाग ने भी अपनी तैयारियां पूरी कर ली है. वहीं धमतरी में एक बार फिर से जिले में शिक्षकों की कमी को लेकर छात्र और अभिभावक दोनों परेशान हैं. शिक्षा विभाग के आंकड़ों की मानें तो धमतरी में 207 व्याख्याता और 129 प्राचार्यो सहित कुल 800 शिक्षकों के पद खाली पड़े हैं. शिक्षा विभाग की टीम इस चुनौती से निपटने के लिए अब शिक्षको समायोजन यानि री-एडजस्टमेंट पर विचार कर रही है.
800 शिक्षकों की जिले में कमी:धमतरी जिले के सभी चार ब्लॉकों में शिक्षकों की भारी कमी है. ऐसे में कैसे पढ़ाई होगी कैसे स्कूल का कोर्स पूरा होगा ये बड़ा सवाल खड़ा हो गया है. इस समस्या को आंकड़ों में देखे तो पूरे जिले में कुल 778 प्राथमिक शाला, 444 माध्यमिक शाला, 58 हाई स्कूल, 111 उच्चतर माध्यमिक शाला हैं. स्वीकृत पदों की तुलना में अभी 800 शिक्षकों की कमी साफ साफ नजर आ रही है
ऐसे पढ़ेंगे तो कैसे आगे बढ़ेंगे: व्याख्याता के 207 पद खाली हैं और प्राचार्य की 129 पद खाली हैं. विषयों के हिसाब से देखें तो फिजिक्स विषय के 30 शिक्षक कम हैं. कॉमर्स के 32, अर्थशास्त्र के 29, भूगोल के 29, अंग्रेजी के 14, हिंदी के 25, केमेस्ट्री के 25 और मैथ्स विषय के 3 शिक्षक कम हैं. जिले में अलग अलग स्कूलों में अभी 420 शिक्षक अतिशेष हैं यानि की कई स्कूलों में स्वीकृत पदों से ज्यादा शिक्षक नियुक्त किेए गए हैं.
800 शिक्षकों की जिले में कमी (ETV Bharat)
''हम लोगों ने स्थिति से निपटने के लिए तैयारी की है. जहां जहां शिक्षकों की कमी है वहां वहां पर री-एडजस्टमेंट किया जाएगा. एक खाका भी तैयार किया जा रहा है. शासन स्तर पर जो जरुरतें हैं उनको बताया जाएगा. हमारी कोशिश है कि जल्द से जल्द इस समस्या का समाधान निकाल लिया जाएगा''.- नम्रता गांधी, कलेक्टर धमतरी
क्या करेगा जिला प्रशासन:जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग अब इन्ही अतिशेष शिक्षकों को समायोजित करके शिक्षक संकट का हल निकालने जा रहा है. पर सवाल ये है कि सरकारी नियमों के अनुसार हर 35 छात्र पर 1 शिक्षक होना चाहिए. 420 अतिशेष शिक्षकों से 800 की कमी कैसे दूर होगी इसका जवाब किसी के पास नहीं है. साथ ही विशेष विषयों के व्याख्याताओं की कक्षा कौन लेगा ये भी एक बड़ा सवाल खड़ा हो गया है.