रांचीः झारखंड में नक्सली गुटों से अलग होकर बने स्प्लिंटर ग्रुप पर डीजीपी ने कड़ी कारवाई के निर्देश दिए हैं. डीजीपी मंगलवार को राज्य पुलिस, सीआरपीएफ और नक्सल प्रभावित जिलों के आईजी, डीआईजी और एसपी के साथ हुई मीटिंग में ये निर्देश जारी किए हैं. डीजीपी अनुराग गुप्ता ने नक्सलियों और उग्रवादियों की प्रोफाइलिंग कर उन पर नजर रखने की हिदायत दी है.
समीक्षा बैठक की जानकारी देते डीजीपी (ETV Bharat) कड़ी कारवाई के निर्देश
झारखंड में भाकपा माओवादियों के साथ साथ स्प्लिंटर ग्रुप पर सख्त कार्रवाई का आदेश डीजीपी अनुराग गुप्ता ने दिए हैं. मंगलवार को डीजीपी ने झारखंड के नक्सल प्रभावित छह जिलों चाईबासा, बोकारो, चतरा, गिरिडीह, लातेहार और पलामू को खास तौर पर निर्देश दिया कि वह ठोस रणनीति बनाकर प्रभावी कार्रवाई करें. जिससे आगजनी और लेवी जैसी वारदातों पर पूरी तरह से ब्रेक लगाया जा सके.
मंगलवार शाम डीजीपी की अध्यक्षता में राज्य में वतर्मान नक्सलवाद की स्थिति, सभी सक्रिय नक्सलियों से जुड़े गतिविधि एवं स्प्लिंटर ग्रुप पर की जाने वाली कार्रवाई की समीक्षा के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से एक बैठक आयोजित की गई. आईजी अभियान अमोल वी. होमकर के द्वारा बैठक के शुरूआत में सभी छह जिलों की समीक्षा रिपोर्ट भी डीजीपी के सामने रखी गई.
स्पेशल ब्रांच की सूचनाओं और कार्रवाई की समीक्षा
इस बैठक के दौरान आईजी स्पेशल ब्रांच ने प्राप्त आसूचनाओं एवं सभी सक्रिय नक्सली/नक्सली संगठन से जुड़े गतिविधि एवं स्पलिंटर ग्रुप की संपूर्ण विवरणी की जानकारी दी. इस मौके पर आईबी के अधिकारियों से भी सूचनाओं के संबंध में जानकारी ली गई.
'दुश्मन की लिस्टिंग करें'
इस बैठक के दौरान डीजीपी ने सभी पुलिस अधिकारियों को यह निर्देश दिया है कि वह अपने-अपने इलाके में सक्रिय उग्रवादी और नक्सलियों की प्रोफाइलिंग करें. उनकी तस्वीर सभी थानों में रखें ताकि पुलिस को यह जानकारी मिल सके कि उनके दुश्मन कौन है. इससे उनके खिलाफ कार्रवाई में पुलिस को सहायता मिलेगी. वहीं डीजीपी अनुराग गुप्ता द्वारा राज्य के सभी जिलों में कायर्रत पिकेटों के वतर्मान संख्या, उसकी आवश्यकता, सभी महत्वपूर्ण नक्सली व स्पलिंटर समूहों के प्रोफाइल का रखरखाव, कोई महत्वपूर्ण नक्सली जमानत पर रिहा हुआ हो तो उसकी गतिविधि पर नजर बनाये रखने का आदेश दिया गया है.
डीजीपी ने सभी पुलिस पोस्टों का सुरक्षा ऑडिट, नक्सली के समपर्ण राशि के भुगतान की स्थिति, मुआवजा राशि का बकाया भुगतान, फरार नक्सलियों की संपत्ति की कुर्की किये जाने के संबंध में भी जानकारी ली. पुलिस के साथ साथ सीएपीएफ पिकेट को दुश्मन के बारे में पता है या नहीं, नक्सली के खिलाफ खुफिया जानकारी एकत्र करने और खुफिया जानकारी साझा करने में यदि कोई समस्या हो, राज्य के नक्सली क्षेत्रों में मोबाइल संचार तथा महत्वपूर्ण सड़क पुल, पुलिया की स्थिति के संबंध में विस्तृत रूप से समीक्षा किया गया.
नक्सलमुक्त करने के लिए प्रभावी कार्रवाई का निर्देश
डीजीपी ने चाईबासा, बोकारो, चतरा, गिरिडीह, लातेहार एवं पलामू एसपी को नक्सलियों के विरूद्ध ठोस रणनीति बनाकर कार्रवाई करने और सभी पुलिस अधिक्षकों को प्रभावी कार्रवाई का निर्देश दिया. अभियान के दौरान राज्य एवं केन्द्रीय बलों के आपसी संबंध, एक दूसरे से सहयोग एवं प्राप्त आसूचना पर तत्काल कारर्वाई के बिन्दु पर काफी जोर दिया तथा चरण-बद्ध एवं समय-बद्ध तरीके से नक्सलियों पर कारगर कार्रवाई की रूप-रेखा तैयार करने एवं नक्सलियों पर शिकंजा कसने के लिए नक्सलियों की अवैध उगाही पर सभी एसपी को हर हाल में अंकुश लगाने का निर्देश दिया गया.
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