रांची: झारखंड पुलिस राजधानी रांची की सुरक्षा व्यवस्था को पुख्ता करने के लिए यहां के प्रमुख स्थानों पर सीसीटीवी लगाने के लिए बेंगलुरु पुलिस की तर्ज पर एक्ट लाने जा रही है. सीसीटीवी के दायरे में पूरे शहर को लाने के लिए एक्ट में कई तरह के प्रावधान हैं जिसके तहत प्रतिष्ठान मालिकों को खुद से सीसीटीवी कैमरा लगाना पड़ेगा. इस संबंध में झारखंड पुलिस मुख्यालय के द्वारा एक प्रस्ताव सरकार के पास भेजा गया है.
क्या है पूरा मामला
राजधानी में इलेक्ट्रॉनिक निगरानी बढ़ाने के लिए शहर के हर हिस्से में सीसीटीवी कैमरे लगाने की प्रक्रिया को लेकर झारखंड पुलिस मुख्यालय ने बड़ा कदम उठाया है. झारखंड पुलिस ने इसके लिए बेंगलुरु पुलिस के कर्नाटक सार्वजनिक सुरक्षा प्रवर्तन अधिनियम का गहराई से अध्ययन किया है. झारखंड के डीजीपी अनुराग गुप्ता ने बताया की इस पहल का मुख्य उद्देश्य अपराधों को रोकने और अपराध में शामिल अपराधियों का पता लगाने के लिए है.
एक्ट में यह प्रावधान रहेगा की अधिक भीड़ भाड़ वाले मॉल, प्रतिष्ठान, अपार्टमेंट और जिस इलाके में 100 से ज्यादा लोग रहते हों वहां सभी निजी तौर पर सीसीटीवी कैमरे लगवाएं.
सीसीटीवी कैमरे लगाना हो जाएगा अनिवार्य
सरकार द्वारा अगर एक्ट को पास कर दिया जाता है तो अधिकांश बड़े प्रतिष्ठान के आसपास प्रतिष्ठानों के मालिकों को सीसीटीवी कैमरे लगाना अनिवार्य हो जाएगा. डीजीपी अनुराग गुप्ता ने बताया कि सरकार एक नोटिफिकेशन के माध्यम से यह तय करेगी कि किन-किन प्रतिष्ठानों में सीसीटीवी कैमरे लगाने हैं. स्थान चिन्हित करने के बाद निजी तौर पर वहां के प्रतिष्ठान मालिकों को सीसीटीवी कैमरे लगाने होंगे. एक्ट में यह भी नियम रहेगा कि सीसीटीवी फुटेज को हर हाल में 30 दिनों तक सेव रखा जाय.
क्या है बेंगलुरु पुलिस के एक्ट में
कर्नाटक सार्वजनिक सुरक्षा प्रवर्तन अधिनियम के जरिए यह नियम बनाया गया है कि 500 से या अधिक लोगों की मासिक आवाजाही वाले प्रतिष्ठानों में सीसीटीवी कैमरे लगाने होंगे, सीसीटीवी कैमरे के रख रखाव की जिम्मेदारी प्रतिष्ठान मालिकों की होगी. कमरे को पूर्ण एचडी रेजोल्यूशन, नाइट विजन क्षमता और 30 दिन की स्टोरेज क्षमता सहित होना चाहिए.