प्रयागराज/फर्रुखाबाद :संगम नगरी प्रयागराज में गुरुवार को पौष पूर्णिमा के मौके पर भोर से ही गंगा-यमुना और अदृश्य सरस्वती के पावन त्रिवेणी तट पर आस्था की डुबकी लगाने के लिए भीड़ जुट गई. हाड़ कंपाने वाली ठंड के बावजूद बड़ी संख्या में लोगों ने स्नान किया. सुबह 7 बजे से पहले तक ही दो लाख से ज्यादा स्नानार्थी डुबकी लगा चुके थे. इसी स्नान पर्व के साथ माघ मेले में कल्पवास व्रत की शुरुआत भी हो गई है. यूपी समेत देश के दूसरे हिस्सों से आए लोग यह व्रत कर रहे हैं. यह माघी पूर्णिमा के स्नान पर्व तक जारी रहेगा.
संगम नगरी प्रयागराज में 15 जनवरी को मकर संक्रांति का पहला स्नान पर्व था. गुरुवार को पौष पूर्णिमा के स्नान के साथ ही माघ मेले में कल्पवास की शुरुआत हो गआ. इसी स्नान के साथ मेला क्षेत्र में कल्पवास करने पहुंचे लाखों लोग कल्पवास के व्रत की भी शुरुआत कर देंगे. यह अनवरत एक माह तक चलेगा और माघी पूर्णिमा के स्नान के बाद पूर्ण होगा.
विष्णु भगवान की पूजा कर संकल्प लेकर करेंगे कल्पवास की शुरुआत :कल्पवासी गुरुवार को गंगा या संगम में स्नान के बाद अपने शिविरों में जाकर तुलसी की पूजा के बाद मिट्टी में जौ की बुआई करेंगे. इसके बाद भगवान विष्णु और शालीग्राम की पूजा करके कल्पवास का संकल्प लेकर व्रत की शुरुआत कर देंगे. सभी कल्पवासी अपने सामर्थ्य और शक्ति भक्ति के अनुसार गंगा स्नान और जप तप ध्यान दान एक महीने तक करते रहेंगे. इस दौरान कल्पवासी सात्विक भोजन लेते हैं. ज्यादातर कल्पवासी दिन में फलाहार या निराहार रहते हुए सिर्फ एक समय ही भोजन ग्रहण करते हैं .इसी के साथ सांसारिक सुख ऐश्वर्य का त्याग करके सादगी के साथ तपस्या के रूप में इस व्रत का पालन करते हैंं. यही वजह है कि ज्यादातर कल्पवासी रेती में ही बिस्तर लगाकर सोते हैं और उनके दिन का अधिकतर समय जप तप ध्यान में बीतता है. इसी के साथ मेला क्षेत्र में आये हुए साधुओं के शिविर में होने वाली कथा और भजन में भी ज्ञान अर्जित करते हैं.
कड़ाके की ठंड के भोर से शुरू हुआ स्नान :माघ मेला में पौष पूर्णिमा के स्नान पर्व के साथ कल्पवास की शुरुआत करने के लिए गंगा भक्तों की भीड़ कड़कड़ाती ठंड के बावजूद भोर से ही संगम तट पर पहुंचने लगी.घने कोहरे और कड़ाके की ठंड के बाद भी बुजुर्ग श्रद्धालु भी सुबह ही गंगा और संगम में डुबकी लगाने के लिए संगम तट पर पहुंच गए. भोर में संगम स्नान करने पहुंचे श्रद्धालुओं का कहना है कि जो मां गंगा की कृपा से यहां आता है उसे माता स्वयं शक्ति देती हैं. यही कारण है कि घना कोहरा और कड़ाके की ठंड का भी उन पर कोई असर नहीं होता है.
माघ मेला में की गयी है सुरक्षा की कड़ी व्यवस्था :माघ मेला में आने वाले लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए पूरे मेला क्षेत्र में सुरक्षा की कड़ी व्यवस्था की गई है. पौष पूर्णिमा के स्नान पर्व से एक दिन पहले ही आलाधिकारियों ने मेला क्षेत्र में ड्यूटी करने वाले पुलिस वालों सुरक्षा से जुड़े सभी प्रकार के जरूरी दिशा- निर्देश दे दिए थे. इसी के साथ डीआईजी माघ मेला राजीव नारायण मिश्रा ने बताया कि पौष पूर्णिमा के स्नान को देखते हुए मेला क्षेत्र में चप्पे-चप्पे पर पुलिस का पहरा लगाया गया है. जल पुलिस की तैनाती के साथ ही डीप वाटर बैरिकेडिंग भी स्नान घाटों पर की गई है. सीसीटीवी और ड्रोन के जरिये भी मेला क्षेत्र की निगरानी की जा रही है. मेला क्षेत्र के अलावा शहर में ट्रैफिक और भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस आयुक्त रमित शर्मा ने भी अफसरों को तैनात कर दिया है. शहर के डीसीपी के साथ ही गंगा नगर और यमुना नगर के डीसीपी को अपने अपने क्षेत्र में लगातार भीड़ की निगरानी और उनकी सुरक्षा करने पुख्ता इंतजाम करने के निर्देश दिए हैं. डीआईजी माघ मेला आ एन मिश्रा के मुताबिक सुबह 7 बजे से पहले तक 2 लाख से अधिक स्नानार्थियों ने संगम और गंगा घाटों पर स्नान कर लिया है.