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CM योगी की बैठक से डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य फिर गैरहाजिर; क्या ये BJP की सियासी लय-ताल में नई करवट है? - Deputy CM Keshav Prasad Maurya

चार जून को लोकसभा का चुनाव परिणाम आने के बाद से लगातार केशव प्रसाद मौर्य का रुख बदला हुआ नजर आ रहा था. इसके बाद में उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा बुलाई गई बैठकों में वह नहीं आ रहे थे. कई बैठक में ना आने के बाद उन्होंने अलग-अलग मंच से कहीं न कहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की धारा के विपरीत बयानबाजी भी शुरू की थी.

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केशव प्रसाद मौर्य एक बार फिर योगी की बैठक से गायब. (Photo Credit; ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 13, 2024, 12:35 PM IST

Updated : Sep 13, 2024, 1:41 PM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की सियासत के ठहरे हुए पानी में एक बार फिर हलचल हो रही है. पिछले कुछ समय में माना जा रहा था कि उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य सरकार के साथ सही लय ताल में चल रहे हैं लेकिन, एक बार फिर मौर्य ने राजनीतिक करवट ले ली है. कुछ मीटिंग में आने के बाद केशव प्रसाद मौर्य उत्तर प्रदेश की राजनीति को लेकर सबसे महत्वपूर्ण बैठक में गुरुवार की शाम गायब हो गए.

केशव प्रसाद मौर्य अकारण ही इस बैठक में नहीं आए. उनके नजदीकी लोगों का कहना है कि, वह कहां गए हैं और क्यों नहीं आए उनको इस बात की जानकारी नहीं है. मगर यह बात तय है कि केशव प्रसाद मौर्य के इस बैठक में शामिल न होने के पीछे कोई ठोस कारण नहीं है. इसलिए सियासी गालियारों में एक बार फिर यह चर्चा गर्म होने लगी है कि, क्या मौर्य ने फिर से सरकार से किनारा करना शुरू कर दिया है.

चार जून को लोकसभा का चुनाव परिणाम आने के बाद से लगातार केशव प्रसाद मौर्य का रुख बदला हुआ नजर आ रहा था. इसके बाद में उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा बुलाई गई बैठकों में वह नहीं आ रहे थे. कई बैठक में ना आने के बाद उन्होंने अलग-अलग मंच से कहीं न कहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की धारा के विपरीत बयानबाजी भी शुरू की थी.

वे लगातार मंचों से यह कह रहे थे कि 2027 में 2017 को दोहराएंगे. जबकि 2022 में भारतीय जनता पार्टी को विधानसभा चुनाव में जो जीत मिली है, उसका कोई उल्लेख नहीं कर रहे थे. दरअसल, 2017 में केशव प्रसाद मौर्य खुद प्रदेश अध्यक्ष थे. दूसरी ओर जब 2022 में बीजेपी ने चुनाव जीता था तब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस जीत के नेता माने गए थे. केशव प्रसाद मौर्य ने संगठन को सरकार से बड़ा बताने का एक बयान भी दिया था.

इन सारी बातों के बाद पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के सम्मान में आयोजित एक समारोह के दौरान इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उनकी सरकार की तारीफ की थी. इसके बाद मुख्यमंत्री की कई बैठक में शामिल भी हुए थे. जिससे यह माना जा रहा था कि कहीं न कहीं केशव प्रसाद मौर्य अब मुख्यमंत्री और सरकार के साथ चलने के लिए तैयार हो गए हैं.

मगर अचानक एक बार फिर वे मुख्यमंत्री की महत्वपूर्ण बैठक से नदारद हो गए. मुख्यमंत्री की इस बैठक में न केवल सरकार के सभी मंत्री शामिल हुए बल्कि उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी और महामंत्री संगठन धर्मपाल सिंह भी शामिल हुए. मगर केशव प्रसाद मौर्य का ना आना सभी को अखरता रहा.

उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के नजदीकी सूत्रों ने बताया कि वह इस बैठक में क्यों नहीं आए और कहां गए हैं इसकी कोई जानकारी नहीं है. दिल्ली, प्रयागराज या अपने गृह क्षेत्र में वह कहां थे किसी को कोई जानकारी नहीं. इतना जरूर कहा गया है कि वे लखनऊ में नहीं थे, इसलिए बैठक में नहीं आए किंतु, केशव प्रसाद मौर्य के ना आने के चलते एक बार फिर सियासी हलकों में चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया.

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Last Updated : Sep 13, 2024, 1:41 PM IST

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