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Jharkhand Election 2024: सीट शेयरिंग को लेकर देवघर जेडीयू कार्यकर्ताओं में नाराजगी, कामेश्वर दास ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का किया एलान

Deoghar JDU: सीट शेयरिंग को लेकर देवघर जेडीयू कार्यकर्ताओं में नाराजगी है. पूर्व विधायक कामेश्वर दास ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का एलान किया है.

Deoghar JDU
देवघर के पूर्व विधायक कामेश्वर दास अपने समर्थकों के साथ. (फोटो-ईटीवी भारत)

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Oct 25, 2024, 3:42 PM IST

देवघर:झारखंड विधानसभा चुनाव को लेकर एनडीए और इंडिया गठबंधन में शामिल विभिन्न दलों के नेता चुनाव की तैयारी में जुट गए हैं, लेकिन सीट शेयरिंग के बाद कई पार्टी के नेता असंतुष्ट नजर आ रहे हैं और निर्दलीय चुनाव लड़ने का एलान कर चुके हैं. इनमें से एक देवघर विधानसभा के पूर्व विधायक जेडीयू नेता कामेश्वर दास भी शामिल हैं. कामेश्वर दास बताते हैं कि वह देवघर में एक टर्म विधायक रह चुके हैं और उन्होंने दावा करते हुए कहा कि देवघर की जनता का उन्हें अपार समर्थन प्राप्त है, लेकिन एनडीए फोल्डर में जेडीयू को झारखंड में मात्र दो सीटें मिली हैं. उनकी भी इच्छा देवघर विधानसभा से चुनाव लड़ने की थी, लेकिन सीट बीजेपी के खाते में चली गई. इस कारण वह इस बार निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव मैदान में उतरेंगे.

झारखंड में जेडीयू को मिली हैं दो सीट

बता दें कि कामेश्वर दास वर्ष 2005 में जेडीयू की टिकट पर चुनाव लड़ चुके हैं और इस बार भी वह जेडीयू पार्टी की सिंबल पर चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन जेडीयू ने पहले ही एलान कर दिया है कि वह भाजपा के साथ मिलकर झारखंड में दो विधानसभा सीट से चुनाव लड़ेगी. जेडीयू के खाते में झारखंड की सिर्फ दो सीटें आई हैं और पार्टी ने उन दोनों सीटों के लिए प्रत्याशियों की भी घोषणा कर दी है. जिसमें जमशेदपुर पश्चिम विधानसभा सीट से सरयू राय और तमाड़ विधानसभा से राजा पीटर को चुनाव मैदान में उतरा गया है.

बयान देते देवघर के पूर्व विधायक कामेश्वर दास और देवघर जेडीयू जिला अध्यक्ष सतीश दास. (वीडियो-ईटीवी भारत)

देवघर जेडीयू कार्यकर्ताओं में मायूसी

ऐसे में देवघर जेडीयू कार्यकर्ताओं का कहना है कि झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 में जेडीयू को सिर्फ दो सीट मिलने से कार्यकर्ताओं के मान-सम्मान को ठेस पहुंचा है और मायूसी छायी है. कार्यकर्ताओं ने कहा कि जेडीयू को झारखंड में कम से कम 11 सीटें मिलनी चाहिए थी. जिसमें देवघर विधानसभा सीट को जेडीयू को मिलना ही चाहिए था. क्योंकि इस सीट पर जेडीयू पहले भी अपना परचम लहरा चुका है और पार्टी का देवघर विधानसभा में जनाधार भी है.

29 के बाद लेंगे निर्णय अंतिम निर्णयः कामेश्वर

अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए पूर्व विधायक कामेश्वर दास ने कहा कि यदि भारतीय जनता पार्टी 11 सीटें जदयू को नहीं देती है तो निर्दलीय चुनाव लड़ने के लिए मजबूर हो जाएंगे. उन्होंने कहा कि इस संबंध में जेडीयू प्रदेश अध्यक्ष खीरू महतो से बातचीत हुई है. उन्होंने 29 अक्तूबर तक का आश्वासन दिया है. उन्होंने कहा कि 29 अक्तूबर तक यदि दोस्ताना संघर्ष के लिए भी सहमति बन जाती है तो वह जेडीयू के सिंबल पर देवघर से चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं.

देवघर में पार्टी के टूटने का डरः जिला अध्यक्ष

वहीं देवघर जेडीयू के जिला अध्यक्ष सतीश दास ने कहा कि पार्टी के कार्यकर्ता पिछले कई वर्षों से पार्टी को मजबूत करने में जुटे हुए हैं, ताकि चुनाव के समय ज्यादा से ज्यादा विधायक जीतकर सदन में पहुंच सकें, लेकिन एनडीए में सीट शेयरिंग से जदयू कार्यकर्ताओं में नाराजगी है. यदि एनडीए फोल्डर में जदयू की सीटें नहीं बढ़ाई जाती है तो निश्चित रूप से पार्टी के टूटने का डर है. इस बात से जदयू के शीर्ष नेतृत्व को अवगत करा दिया गया है. शीर्ष नेतृत्व की ओर से 29 अक्तूबर तक का समय मिला है. यदि दोस्ताना संघर्ष के लिए पार्टी के नेता तैयार नहीं होते हैं तो आने वाले समय में देवघर के जेडीयू कार्यकर्ता कड़ा निर्णय लेने को भी विवश हो जाएंगे.

पार्टी आलाकमान के आदेश का हो पालनः सागर

वहीं पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता सागर कुमार ने कहा कि जनता दल यूनाइटेड एनडीए के साथ मिलकर चुनाव लड़ रहा है. वर्तमान में दो सीटों पर सहमति बनी है और अन्य सीटों पर जनता दल यूनाइटेड के कार्यकर्ता एनडीए के प्रत्याशियों को विजयी बनाने के लिए मेहनत करेंगे. वहीं उन्होंने कहा कि यदि जदयू के कार्यकर्ता पार्टी के आदेश अनुसार काम नहीं करते हैं और चुनाव लड़ने की बात करते हैं तो यह पार्टी विरोधी गतिविधि मानी जाएगी.

वहीं अब देखने वाली बात होगी कि देवघर विधानसभा के जदयू कार्यकर्ताओं का अगला रूख क्या होता है. यदि पार्टी के नेता बगावत करते हैं तो निश्चित रूप से एनडीए से देवघर के प्रत्याशी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं.

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