देवघर:झारखंड विधानसभा चुनाव को लेकर एनडीए और इंडिया गठबंधन में शामिल विभिन्न दलों के नेता चुनाव की तैयारी में जुट गए हैं, लेकिन सीट शेयरिंग के बाद कई पार्टी के नेता असंतुष्ट नजर आ रहे हैं और निर्दलीय चुनाव लड़ने का एलान कर चुके हैं. इनमें से एक देवघर विधानसभा के पूर्व विधायक जेडीयू नेता कामेश्वर दास भी शामिल हैं. कामेश्वर दास बताते हैं कि वह देवघर में एक टर्म विधायक रह चुके हैं और उन्होंने दावा करते हुए कहा कि देवघर की जनता का उन्हें अपार समर्थन प्राप्त है, लेकिन एनडीए फोल्डर में जेडीयू को झारखंड में मात्र दो सीटें मिली हैं. उनकी भी इच्छा देवघर विधानसभा से चुनाव लड़ने की थी, लेकिन सीट बीजेपी के खाते में चली गई. इस कारण वह इस बार निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव मैदान में उतरेंगे.
झारखंड में जेडीयू को मिली हैं दो सीट
बता दें कि कामेश्वर दास वर्ष 2005 में जेडीयू की टिकट पर चुनाव लड़ चुके हैं और इस बार भी वह जेडीयू पार्टी की सिंबल पर चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन जेडीयू ने पहले ही एलान कर दिया है कि वह भाजपा के साथ मिलकर झारखंड में दो विधानसभा सीट से चुनाव लड़ेगी. जेडीयू के खाते में झारखंड की सिर्फ दो सीटें आई हैं और पार्टी ने उन दोनों सीटों के लिए प्रत्याशियों की भी घोषणा कर दी है. जिसमें जमशेदपुर पश्चिम विधानसभा सीट से सरयू राय और तमाड़ विधानसभा से राजा पीटर को चुनाव मैदान में उतरा गया है.
देवघर जेडीयू कार्यकर्ताओं में मायूसी
ऐसे में देवघर जेडीयू कार्यकर्ताओं का कहना है कि झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 में जेडीयू को सिर्फ दो सीट मिलने से कार्यकर्ताओं के मान-सम्मान को ठेस पहुंचा है और मायूसी छायी है. कार्यकर्ताओं ने कहा कि जेडीयू को झारखंड में कम से कम 11 सीटें मिलनी चाहिए थी. जिसमें देवघर विधानसभा सीट को जेडीयू को मिलना ही चाहिए था. क्योंकि इस सीट पर जेडीयू पहले भी अपना परचम लहरा चुका है और पार्टी का देवघर विधानसभा में जनाधार भी है.
29 के बाद लेंगे निर्णय अंतिम निर्णयः कामेश्वर
अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए पूर्व विधायक कामेश्वर दास ने कहा कि यदि भारतीय जनता पार्टी 11 सीटें जदयू को नहीं देती है तो निर्दलीय चुनाव लड़ने के लिए मजबूर हो जाएंगे. उन्होंने कहा कि इस संबंध में जेडीयू प्रदेश अध्यक्ष खीरू महतो से बातचीत हुई है. उन्होंने 29 अक्तूबर तक का आश्वासन दिया है. उन्होंने कहा कि 29 अक्तूबर तक यदि दोस्ताना संघर्ष के लिए भी सहमति बन जाती है तो वह जेडीयू के सिंबल पर देवघर से चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं.
देवघर में पार्टी के टूटने का डरः जिला अध्यक्ष