बिलासपुर: गरियाबंद जिले के गांवों में बच्चे डेंटल फ्लोरोसिस का शिकार हो रहे हैं. यह बीमारी पानी में फ्लोराइड की ज्यादा मात्रा से होती है. इसे कंट्रोल करने के लिए जिले के 40 गांवों में 6 करोड़ की लागत से प्लांट तो लगाए गए लेकिन वह कुछ महीने में ही बंद हो गए.
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में डेंटल फ्लोरोसिस का मामला, सरकार से 2 हफ्ते में शपथपत्र मांगा - Dental Fluorosis - DENTAL FLUOROSIS
Dental Fluorosis Case छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने गरियाबंद में डेंटल फ्लोरोसिस के मामले रोकने के लिए लगाए गए प्लांट बंद होने से सरकार से जवाब मांगा. कोर्ट ने सरकार, संबंधित विभाग और सचिव को शपथपत्र पेश करने को कहा. 14 अगस्त को अगली सुनवाई होगी. Chhattisgarh High Court
By ETV Bharat Chhattisgarh Team
Published : Aug 6, 2024, 1:28 PM IST
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में डेंटल फ्लोरोसिस का मामला:हाईकोर्ट ने इसे संज्ञान में लिया और राज्य सरकार को नोटिस भेजा. नोटिस के बाद अपने जवाब में शासन की ओर से कहा गया कि इस मामले में जानकारी लेकर उचित कार्रवाई होगी और जवाब पेश किया जाएगा. कोर्ट ने सचिव, छत्तीसगढ़ शासन, स्वास्थ्य एवं समाज कल्याण विभाग, को 2 हफ्ते के अंदर व्यक्तिगत शपथ पत्र दाखिल करने का निर्देश दिया है. मामले की अगली सुनवाई 14 अगस्त को होगी.
गरियाबंद में डेंटल फ्लोरोसिस से बच्चे प्रभावित: गरियाबंद जिले के प्रभावित गांवों में हर साल 100 से ज्यादा स्कूली छात्रों को डेंटल फ्लोरोसिस होता है. फिलहाल, इन गांवों में 50 से 60 बच्चे डेंटल फ्लोरोसिस से ग्रसित मिल रहे हैं. देवभोग ब्लॉक के गांवों में कुल पीड़ितों की संख्या 2 हजार से भी ज्यादा है. साल 2016 में शासन-प्रशासन को जांच में फ्लोराइड ज्यादा होने की जानकारी लगी. देवभोग ब्लॉक के 40 गांव के स्कूलों में जो पेयजल सप्लाई हो रही है वहां 8 गुना तक ज्यादा फ्लोराइड था. प्रशासन ने कार्य योजना बना कर सभी प्रभावित स्कूलों में फ्लोराइड रिमूवल प्लांट लगाने का फैसला लिया. प्लांट तो लगाए गए लेकिन कुछ ही दिनों में बंद हो गए. इस मामले की सुनवाई अब हाईकोर्ट में हो रही.