दंतेवाड़ा: आलनार में जिला प्रशासन ने कंपनी को खनन करने के लिए लीज पर जमीन दी है. कंपनी की इस लीज को अब निरस्त किए जाने की मांग ग्रामीणों ने की है. सोमवार को 12 पंचायतों के 5 हजार ग्रामीण कंपनी की लीज निरस्त किए जाने की मांग को लेकर जिला मुख्यालय मार्च करते हुए पहुंचे. गांव वालों का कहना था कि कंपनी को खनन का काम नहीं करने देंगे. शासन को भी चाहिए कि वो कंपनी की लीज निरस्त करे. नाराज प्रदर्शनकारियों ने लीज निरस्त किए जाने की मांग को लेकर राष्ट्रपति के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है.
आलनार में तरल पहाड़ की लीज निरस्त करने की मांग: सर्व आदिवासी समाज का आरोप है कि आलनार में तरल पहाड़ को फर्जी तरीके से साल 2014 में लीज पर सौंपा गया. रायपुर की एक कंपनी को खनन के लिए माइनिंग लीज दी गई. प्रदर्शन में शामिल लोगों का कहना है कि इस तरह के खनन के काम से किसी का भला नहीं होने वाला है. जल,जंगल और जमीन की रक्षा के लिए वो अपनी लड़ाई जारी रखेंगे. ग्रामीणों ने कलेक्टर से मिलकर मांग की है कि कंपनी की लीज तत्काल निरस्त की जाए. अपनी मांगों को लेकर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के नाम भी एक ज्ञापन जिला प्रशासन को सौंपा है.
सर्व आदिवासी समाज ने निकाली रैली (ETV Bharat)
सर्व आदिवासी समाज का विरोध प्रदर्शन:सर्व आदिवासी समाज के अध्यक्ष सुरेश कर्मा ने कहा किआदिवासी समाज पिटटोड मेटा नंदरान पहाड़ के खनन और गुमियापाल के आलनार के तरल पहाड़ के खनन के लिए साल 2014 में ग्रामसभा करने की बात कही जा रही है. नंदराज पहाड़ की ग्रामसभा में 60 लोगों के फर्जी हस्ताक्षर लिए गए थे. जबकी ग्राम सभा हुई ही नहीं. ग्रामीण न्यायिक जांच कराने की मांग कर रहे हैं. बैलाडीला क्षेत्र में 13 नंबर नंदराज पहाड़ को ग्रामीण वर्षों से पूजते आ रहे हैं.
कंपनियों द्वारा 2019 में लोगों ने फर्जी ग्राम सभा कर खदान खनन करने का काम शुरू किया. ग्रामीण के विरोध के बाद यह काम बंद हो गया. :सुरेश कर्मा, अध्यक्ष सर्व आदिवासी समाज
सोनी सोढ़ी ने उठाई मांग: समाज सेविका सोनी सोढ़ी ने भी कहा कि कंपनियों और खनन के काम से किसी भी ग्रामीण का आज तक भला नहीं हुई. आदिवासियों को जबतक परेशान नहीं किया जाता वो सड़कों पर नहीं उतरते हैं. फर्जी तरीके से ग्राम सभा कर खदान में खनन का काम शुरु कर दिया गया, जो गलत है. सर्व आदिवासी समाज के बैनर तले हुए प्रदर्शन को देखते हुए सुरक्षा के चाक चौबंद इंतजाम किए गए थे. प्रदर्शनकारियों की भीड़ को देखते हुए जिला मुख्यालय तक सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की गई थी.