नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में नवंबर का महीने बीते कई साल की तुलना में सबसे अधिक प्रदूषित रिकॉर्ड किया गया. ये नवंबर दिल्ली के लिए हवा की गुणवत्ता के मामले में सबसे खराब महीनों में से एक माना जा रहा है, खासतौर पर 2020 के बाद से. जहां AQI ने सभी रिकॉर्ड्स तोड़ दिए. 24 नवंबर को हालांकि प्रदूषण से लोगों को थोड़ी राहत जरूर मिली लेकिन दिल्ली की वायु गुणवत्ता सुधरकर फिर 'खराब' हो गई. रात का तापमान सामान्य से अधिक दर्ज किया गया है.
CPCB के नये आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली की वायु गुणवत्ता सोमवार को सुधरकर 'खराब' हो गई. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के अनुसार, सुबह 9 बजे राष्ट्रीय राजधानी का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 281 दर्ज किया गया, जबकि रविवार शाम 4 बजे यह 318 था.
हालांकि, दिल्ली के 39 निगरानी स्टेशनों में से 15 ने AQI को 'बहुत खराब' श्रेणी में दर्ज किया. शादीपुर में 353 की रीडिंग के साथ सबसे खराब AQI था. भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने कहा कि इस बीच, न्यूनतम तापमान 14 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से 2.7 डिग्री अधिक है. मौसम विभाग ने सुबह या रात के दौरान हल्के कोहरे का अनुमान लगाया है,वहीं प्रदूषण की वजह से दिल्ली वालों के लिए घर से निकलना भी मुश्किल हो गया है.
इंडिया गेट पर मास्क लगाकर वॉक पर निकले लोग:सोमवार की सुबह इंडिया गेट पर वॉक करने निकले युवाओं ने बताया कि प्रदूषण की वजह से आंखों में जलन हो रही है, सांस देने में परेशानी होती है. सांस फूलने लगता है. इन युवाओं का कहना है कि इस पॉल्यूशन को रोकना सरकार का काम है. युवाओं ने अपील की है कि दिल्ली वाले गाड़ियों का इस्तेमाल कम करें. पुरानी गाड़ियों को सड़कों से हटाने की मांग की जा रही है. कुछ लोगों ने कहा कि इस हवा से फेंफड़ों को भी नुकसान हो रहा है.