नई दिल्ली:दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) चुनाव में बुधवार को प्रचार का अंतिम दिन है. ऐसे में सभी प्रत्याशियों ने चुनाव प्रचार में पूरी ताकत झोंक दी है. डीयू के नॉर्थ कैंपस, साउथ कपस सहित सभी कॉलेजों में चुनाव प्रचार चरम पर है. इसी क्रम में ETV Bharat ने आइसा और एसएफआई गठबंधन से डूसू चुनाव में सचिव पद की प्रत्याशी स्नेहा अग्रवाल से बात की. स्नेहा उत्तर प्रदेश के बागपत जिले के एक छोटे से कस्बे अमीर नगर सराय से आती हैं. डीयू में लॉ फैकल्टी की छात्रा हैं. आइए जानते हैं, उन्होंने क्या कुछ कहा...
सवाल: छात्र संघ चुनाव लड़ने का विचार कैसे बना?
जवाब: मुझे डीयू में 3 साल हो चुके हैं. मैं पहले साल में ही एसएफआई से जुड़ गई थी. पिछले साल मैंने रामजस कॉलेज में अध्यक्ष पद के लिए नामांकन की तैयारी की थी. लेकिन, नामांकन के अंतिम दिन कुछ समय पहले मेरा नामांकन फाड़ दिया गया और मैं उसे दाखिल नहीं कर पाई. यह वही लोग थे जो कहीं ना कहीं राजनीति को मर्दों तक सीमित रखना चाहते थे. वह नहीं चाहते थे कि कोई छात्रा भी चुनाव में भाग ले. इस घटना के बाद से मैं और मजबूत हुई और अब दोगुनी ताकत के साथ डूसू चुनाव लड़ने के लिए मैदान में उतरी हूं. मेरे संगठन ने भी मुझे चुनाव लड़ने का मौका दिया. इससे हम ऐसे लोगों को संदेश देना चाहते हैं, जो राजनीति में महिलाओं की भागीदारी नहीं चाहते. यह वही डूसू है जहां मनी और मसल पावर के दम पर चुनाव जीता जाता है. ऐसे में हम सिर्फ मुद्दों की बात करते हैं.
सवाल: इस बार एसएफआई आइसा के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ रहा है, आपको किस तरह के प्रदर्शन की उम्मीद है?
जवाब:एसएफआई हमेशा से चाहता है कि लेफ्ट संगठनों को साथ लाया जाए. इसी सोच के साथ हमने गठबंधन किया है. हमारी कोशिश है ज्यादा से ज्यादा क्राउड तक पहुंचे और उन्हें अपने मुद्दे बताएं.
सवाल: आपके लिए कॉलेज में सबसे बड़ा क्या मुद्दा है? चुनाव जीतने के बाद आपका क्या प्रयास होगा?
जवाब:कैंपस में कॉमन स्टूडेंट के मुद्दे बहुत साफ हैं. लगातार फीस वृद्धि, हॉस्टल की कमी, नॉर्थ कैंपस के कॉलेजों में आने जाने के लिए ट्रांसपोर्टेशन की समस्या है. यह सभी छात्रों के मुद्दे हैं और इन्हीं मुद्दों को लेकर हम चुनाव लड़ रहे हैं.
सवाल: कम संसाधनों में आप कैसे अधिक से अधिक छात्र छात्राओं तक पहुंचने का प्रयास कर रहे हैं?