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DUSU Election 2024: 'राजनीति में महिलाओं की भागीदारी जरूरी...' स्नेहा अग्रवाल इन मुद्दों पर लड़ रहीं चुनाव - Sneha Agarwal secretary candidate

DU Students Union Election 2024: दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव में इस बार आइसा-एसएफआई दोनों छात्र संगठन एक साथ मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं. गठबंधन से डूसू चुनाव में सचिव पद की प्रत्याशी स्नेहा अग्रवाल ने बताया कि चुनाव जीतने के बाद वे फीस वृद्धि, हॉस्टल की कमी, नॉर्थ कैंपस के कॉलेजों में आने जाने के लिए ट्रांसपोर्टेशन की समस्या के समाधान पर काम करेंगी.

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Sep 25, 2024, 1:03 PM IST

नई दिल्ली:दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) चुनाव में बुधवार को प्रचार का अंतिम दिन है. ऐसे में सभी प्रत्याशियों ने चुनाव प्रचार में पूरी ताकत झोंक दी है. डीयू के नॉर्थ कैंपस, साउथ कपस सहित सभी कॉलेजों में चुनाव प्रचार चरम पर है. इसी क्रम में ETV Bharat ने आइसा और एसएफआई गठबंधन से डूसू चुनाव में सचिव पद की प्रत्याशी स्नेहा अग्रवाल से बात की. स्नेहा उत्तर प्रदेश के बागपत जिले के एक छोटे से कस्बे अमीर नगर सराय से आती हैं. डीयू में लॉ फैकल्टी की छात्रा हैं. आइए जानते हैं, उन्होंने क्या कुछ कहा...

सवाल: छात्र संघ चुनाव लड़ने का विचार कैसे बना?

जवाब: मुझे डीयू में 3 साल हो चुके हैं. मैं पहले साल में ही एसएफआई से जुड़ गई थी. पिछले साल मैंने रामजस कॉलेज में अध्यक्ष पद के लिए नामांकन की तैयारी की थी. लेकिन, नामांकन के अंतिम दिन कुछ समय पहले मेरा नामांकन फाड़ दिया गया और मैं उसे दाखिल नहीं कर पाई. यह वही लोग थे जो कहीं ना कहीं राजनीति को मर्दों तक सीमित रखना चाहते थे. वह नहीं चाहते थे कि कोई छात्रा भी चुनाव में भाग ले. इस घटना के बाद से मैं और मजबूत हुई और अब दोगुनी ताकत के साथ डूसू चुनाव लड़ने के लिए मैदान में उतरी हूं. मेरे संगठन ने भी मुझे चुनाव लड़ने का मौका दिया. इससे हम ऐसे लोगों को संदेश देना चाहते हैं, जो राजनीति में महिलाओं की भागीदारी नहीं चाहते. यह वही डूसू है जहां मनी और मसल पावर के दम पर चुनाव जीता जाता है. ऐसे में हम सिर्फ मुद्दों की बात करते हैं.

डूसू चुनाव में सचिव पद की प्रत्याशी स्नेहा अग्रवाल (ETV BHARAT)

सवाल: इस बार एसएफआई आइसा के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ रहा है, आपको किस तरह के प्रदर्शन की उम्मीद है?

जवाब:एसएफआई हमेशा से चाहता है कि लेफ्ट संगठनों को साथ लाया जाए. इसी सोच के साथ हमने गठबंधन किया है. हमारी कोशिश है ज्यादा से ज्यादा क्राउड तक पहुंचे और उन्हें अपने मुद्दे बताएं.

सवाल: आपके लिए कॉलेज में सबसे बड़ा क्या मुद्दा है? चुनाव जीतने के बाद आपका क्या प्रयास होगा?

जवाब:कैंपस में कॉमन स्टूडेंट के मुद्दे बहुत साफ हैं. लगातार फीस वृद्धि, हॉस्टल की कमी, नॉर्थ कैंपस के कॉलेजों में आने जाने के लिए ट्रांसपोर्टेशन की समस्या है. यह सभी छात्रों के मुद्दे हैं और इन्हीं मुद्दों को लेकर हम चुनाव लड़ रहे हैं.

सवाल: कम संसाधनों में आप कैसे अधिक से अधिक छात्र छात्राओं तक पहुंचने का प्रयास कर रहे हैं?

जवाब: यह सही है कि हमारे पास संसाधनों की कमी है. लेकिन, हम चार-चार के ग्रुप में कॉलेज में जाकर के जन संपर्क करते हैं. कई जगह हमारे साथ भेदभाव किया जाता है. हमें कॉलेज में एंट्री नहीं दी जाती. जहां 20-30 लोगों का समूह लाव लश्कर के साथ कॉलेज में जाता है तो उनको नहीं रोका जाता है. वह खुलेआम प्रचार प्रसार करते हैं, तो इस तरह की समस्याएं आ रही हैं. इन सब से लड़ते हुए हम चुनाव मैदान में डटे हैं. 15 से 20 कॉलेज में हमारी एसएफआई की यूनिट है. वह यूनिट के लोग भी ग्राउंड पर चुनाव प्रचार में जुटे हैं. आइसा की यूनिट भी लगी हैं. अधिक से अधिक क्राउड तक पहुंच रहे हैं.

सवाल: छात्राएं चुनाव लड़ने के लिए बहुत कम आगे आती हैं, इसको आप किस तरह से देखती हैं?

जवाब: डूसू में सिर्फ 6 महिला कॉलेज हैं, जिनमें छात्राओं को चुनाव लड़ने का मौका मिलता है. बाकी कॉलेज तो डूसू चुनाव दूसरों का हिस्सा ही नहीं हैं. इसलिए भी छात्राओं के लिए चुनाव लड़ने के अवसर कम हो जाते हैं. इन महिला कॉलेजों की छात्राएं चाह कर भी चुनाव नहीं लड़ पाती. डूसू चुनाव में अगर हमें मौका मिलता है तो हम बाकी के जो महिला कॉलेज आईपी कॉलेज, लेडी श्री राम कॉलेज, दौलत राम कॉलेज, कमला नेहरू कॉलेज और माता सुंदरी कॉलेज इन सभी को डूसू में शामिल कराने का प्रयास करेंगे, जिससे कि छात्राओं के सामने चुनाव लड़ने के अवसर बढ़ें. हाल ही में दिल्ली हाई कोर्ट में डूसू चुनाव में महिलाओं को 50% आरक्षण देने की मांग को लेकर एक पीआईएल दाखिल होने से इस पर एक बहस तो छिड़ी लेकिन इसमें अभी समय लगेगा. इसके लागू होने पर डूसू चुनाव में महिलाओं के लिए अवसर बढ़ेंगे यह अच्छा कदम होगा. लेकिन, ये कब तक होगा यह कहना मुश्किल है.

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