नई दिल्ली:दिल्ली पुलिस की नॉर्दन रेंज की स्पेशल सेल और एसटीएफ की टीम को खूंखार गैंग हिमांशु उर्फ भाऊ सिंडिकेट के दो गुर्गों को गिरफ्तार किया है. विदेश में बैठकर अपराध की फैक्ट्री का संचालन करने वाले भाऊ गैंग के गिरफ्तार सदस्यों की पहचान रोहित (25) और रामबीर (38) के रूप में की गई है. दोनों ही मूल रूप से हरियाणा के झज्जर के रहने वाले हैं. स्पेशल सेल की टीम ने रोहित के कब्जे से 3 जिंदा कारतूसों से भरी एक सेमी-ऑटोमैटिक पिस्टल बरामद किया है, जबकि आरोपी रामबीर के कब्जे से एक सेमी-ऑटोमैटिक पिस्टल बरामद हुई है.
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दिल्ली पुलिस की नॉर्दन एवं सदर्न वेस्टर्न रेंज की स्पेशल सेल के डीसीपी मनोज सी. के मुताबिक टीम को इनपुट मिला था कि भाऊ सिंडिकेट के एक खास गुर्गे रामबीर के निर्देश पर रोहित किसी अपराध को अंजाम देने जा रहे मैंबर को हथियार और गोला-बारूद की सप्लाई का प्रबंधन करता था. रोहित अपने सिंडिकेट के लिए काम करने वाले फुट सोल्जर के लिए हथियार, गोला-बारूद और परिवहन वाहनों की व्यवस्था करता था. इस इनपुट पर काम करते हुए 31 मई 2024 को टीम ने रोहित को एक सेमी ऑटोमेटिक पिस्टल 3 जिंदा कारतूस के साथ गिरफ्तार कर लिया. आगे की जांच के दौरान, गिरोह के एक अन्य सदस्य रामबीर को भी दबोच लिया गया.
नौकरी की तलाश करते करते रोहित बन गया अपराधी
स्पेशल सेल के हत्थे चढ़ा आरोपी रोहित अपनी मां, भाई और पत्नी के साथ अपने गांव बिठला में रहता है. उसके पिता की बचपन में ही मौत हो गई थी. उसने 12वीं कक्षा तक की पढ़ाई मुबारकपुर, झज्जर, हरियाणा से ही की है. पढ़ाई छोड़ने के बाद उसने नौकरी की तलाश शुरू की लेकिन कोई अच्छी जॉब नहीं मिल सकी. इस दौरान वह बंटी नाम के शख्स के संपर्क में आया था जो कि आपराधिक गतिविधियों में संलिप्त रहा था. इस कारण रोहित हत्या के प्रयास के दो मामलों में गिरफ्तार हुआ. जेल में रहने के दौरान वह भाऊ गिरोह के सदस्यों के संपर्क में आया. जेल से बाहर आने के बाद वह भाऊ गिरोह के एक अन्य सहयोगी आरोपी रामबीर के संपर्क में आया था. रोहित के खिलाफ पहले से ही झज्जर के मछरौली थाने में आईपीसी की धारा 307 के दो मामले दर्ज हैं.
आरोपी रामबीर ने खेती छोड़ शुरू किया अपराध का कारोबार
आरोपी रामबीर भी अपने परिवार के साथ लाडपुर गांव में रहता है. उसने 10वीं तक की पढ़ाई अपने गांव के सरकारी स्कूल से और 12वीं की पढ़ाई ओपन स्कूल से की. पढ़ाई छोड़ने के बाद वह खेती करने लगा. इसके बाद वह गांव के पास एक कंपनी की लोडिंग/अनलोडिंग के काम में जुट गया और लेबर सप्लाई का जिम्मा संभाल लिया. वहीं, बादली गांव के मोनू ने भी यही धंधा शुरू कर दिया. इससे मोनू और आरोपी रामबीर के बीच झड़पें होने लगीं. रामबीर पहले से ही भाऊ और उसके अन्य साथियों के संपर्क में था. वर्ष 2022 में रामबीर ने गैंग के अन्य साथियों के साथ मिलकर बादली थाना क्षेत्र अंतर्गत इलाके में मोनू की हत्या कर दी थी. साल 2024 में झज्जर जेल से रिहा होने के बाद, वह फिर से गैंगस्टर हिमांशु उर्फ भाऊ के संपर्क में आया और गैंगस्टर हिमांशु उर्फ भाऊ के निर्देश पर अवैध हथियारों (पिस्तौल) की एक बड़ी खेप प्राप्त की और उसको आरोपी रोहित तक पहुंचाया था. यह हथियारों की खेप गैंग के दूसरे सदस्यों तक पहुंचायी जानी थी.
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